Syed Alam RJD Resignation: सीमांचल में राजद को बड़ा झटका, सैयद आलम ने लगाया गंभीर आरोप

Syed Alam RJD Resignation: सैयद आलम ने राजद को सीमांचल में झटका

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कटिहार से एक बड़ी राजनीतिक खबर सामने आई है। Syed Alam RJD Resignation ने बिहार की सीमांचल राजनीति में हलचल मचा दी है। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को बड़ा झटका लगा है, जब पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिवंगत पूर्व विधायक अब्दुल जलील के बेटे सैयद आलम उर्फ पिंकू ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

पार्टी नेतृत्व पर आरोप

सैयद आलम ने इस्तीफे के दौरान कहा कि पार्टी ने उनके और उनके परिवार के साथ नाइंसाफी की है। उन्होंने कहा, “पार्टी का झोला मेरा बाप भी ढोया और हमलोग भी ढोते रहे, लेकिन पार्टी ने हमारी पीठ और सीने पर खंजर भोंका है।”  इसी बीच (Meanwhile,) उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि RJD अपने पुराने और समर्पित नेताओं की अनदेखी कर रही है। आलम ने यह स्पष्ट किया कि वे कोई मामूली कार्यकर्ता नहीं हैं और नेतृत्व की भूमिका की उम्मीद कर रहे थे।

 सीमांचल और मुसलमानों का भरोसा

आलम ने कहा कि RJD ने सीमांचल के मुसलमानों का भरोसा खो दिया है। इसके अलावा (Furthermore) उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी ने उनके साथ अन्याय किया और यह भावना कई समर्थकों के बीच भी फैली हुई है। उन्होंने आगे कहा, “जब तक जिंदा रहूंगा, राजद में कभी नहीं जाऊंगा। मैं ऐसी पार्टी पर थूकता हूं, जिसने अपने कार्यकर्ताओं की कुर्बानी को भुला दिया।”

तेजस्वी यादव पर तीखे आरोप

आलम ने सीधे तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि “आप अपने आप को सेकुलर नेता कहते हैं, लेकिन कटिहार में पार्टी ने क्या किया, वह सबको पता है।”  इसलिए(Therefore) उन्होंने यह भी दावा किया कि टिकट के लिए तीन करोड़ रुपये की मांग की गई थी। इसके बाद आलम ने कहा कि पार्टी ने सीमांचल में नेताओं और कार्यकर्ताओं की मेहनत का कोई सम्मान नहीं किया।

 सीमांचल में सियासी असर

 इसके चलते(Consequently) आलम का इस्तीफा सीमांचल में RJD के सियासी समीकरण को कमजोर कर सकता है। कटिहार जिले के कदवा क्षेत्र में उनके समर्थकों की अच्छी पकड़ है, जिससे पार्टी के लिए आगामी चुनाव में चुनौती बढ़ सकती है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से पार्टी को मत विभाजन का सामना करना पड़ सकता है, जबकि विपक्ष के लिए यह अवसर बन सकता है।

 भविष्य पर असर

 इसके साथ ही(Additionally) सैयद आलम के इस्तीफे से RJD को पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट करने और भरोसा बनाए रखने में कठिनाई होगी। आगामी चुनावों में सीमांचल का प्रभाव और मतदाताओं की प्रतिक्रिया इस कदम की सफलता या असफलता तय करेगी।

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