Govardhan Puja 2025 हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है। सबसे पहले ( Firstly) इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत अपनी छोटी ऊंगली पर उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा की थी। इसलिए हर साल लोग अपने घरों या आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर उसकी पूजा करते हैं। गोवर्धन पर्वत को धरती, अन्न और गोवंश का प्रतीक माना गया है।
गोबर तैयार करने की विधि
इसके अलावा ( Moreover) सबसे पहले ताजा और साफ गोबर लें। यदि गोबर सूखा हो, तो उसमें थोड़ा पानी मिलाकर चिकना कर लें। हाथ में ग्लव्स पहनने से बदबू और गंदगी से बचा जा सकता है। साथ ही ( Also) आप थोड़ी मिट्टी मिलाकर आकार बनाने में आसानी कर सकते हैं।

गोवर्धन पर्वत बनाना और सजाना
इसके बाद ( Next) आंगन या खुले स्थान को साफ करें। अब गोबर को एक पहाड़ी आकार में ढालें, जो गोवर्धन पर्वत का प्रतीक होगी। इसके चारों ओर छोटे-छोटे गोबर के गोले बनाकर गाय, बछड़े और पेड़ जैसी आकृतियां तैयार करें। साथ ही (Additionally) बीच में भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा रखें और फूल, फूलों की माला, खील और रंग-बिरंगे सजावटी आइटम्स से इसे सजाएं।

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पूजा विधि और अन्नकूट भोग
इसके परिणामस्वरूप (Consequently) गोवर्धन तैयार होने के बाद पूजा शुरू करें। दीप जलाएं और भगवान को जल, फूल, अक्षत, रोली और मिठाई अर्पित करें। इसके अलावा ( Moreover) अन्नकूट का भोग लगाएं, जिसमें पूरी, कचौड़ी, सब्जी, खीर, लड्डू और अन्य व्यंजन शामिल हों। पूजा के बाद प्रसाद ग्रहण करना न भूलें।
तिथि और महत्व
इस बीच ( Meanwhile) हिंदू पंचांग के अनुसार, गोवर्धन पूजा कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को की जाती है। इस साल यह पर्व 22 अक्टूबर 2025, बुधवार को मनाया जाएगा। इस प्रकार ( Thus) Govardhan Puja 2025 न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह परिवार और समाज में एकता, श्रद्धा और उल्लास का संदेश भी देती है।