भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने एक बड़ा आर्थिक फैसला लिया है। आज हुई Monetary Policy Committee (MPC) की बैठक के बाद RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने घोषणा की कि RBI repo rate को 25 बेसिस पॉइंट घटाकर 5.25% कर दिया गया है। पहले यह दर 5.5% थी। यह फैसला बाजार, बैंकिंग सेक्टर और आम जनता — तीनों के लिए सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।
क्यों लिया गया यह बड़ा फैसला?
सबसे पहले (To begin with) यह समझना जरूरी है कि repo rate वह ब्याज दर है जिस पर RBI बैंकों को पैसा उधार देता है। इसलिए जैसे ही RBI repo rate कम होता है, बैंकों को सस्ता पैसा मिलता है।
इसके बाद (After that) बैंक ग्राहकों को कम ब्याज दर पर लोन देते हैं, जिससे:
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Home loan
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Car loan
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Personal loan
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Education loan
सब सस्ते हो जाते हैं। EMI भरने वाले करोड़ों लोगों के लिए यह राहत की खबर है।
महंगाई में राहत, इसलिए मिला Repo Rate कटौती का मौका
दूसरी ओर (On the other hand) RBI की रिपोर्ट के अनुसार महंगाई अब पहले से काफी कम है।
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FY 2025-26 CPI Inflation अनुमान: 2%
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FY 2026-27 Q1 अनुमान: 3.9% (पहले 4.5%)
इसके अलावा (Additionally) underlying inflation भी कम है, यानी ज़रूरी वस्तुओं की कीमतें अचानक बढ़ने की संभावना कम दिख रही है।
GDP Projections: ग्रोथ मोड ON!
इसके साथ ही (Along with this) RBI ने भारत की आर्थिक वृद्धि क्षमता को लेकर बड़ा अनुमान जारी किया है।
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भारत की वार्षिक GDP Growth Projection बढ़कर 6.8% से 7.3% हो गई है।
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वर्तमान तिमाही का अनुमान भी 6.7% कर दिया गया है, जो पहले 6.4% था।
नतीजतन (As a result) यह साफ है कि भारत global uncertainty के बावजूद तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
RBI के अन्य फैसले
साथ ही (Moreover) RBI ने liquidity और बैंकिंग लेनदेन को संतुलित करने के लिए कुछ और संशोधन किए:
| श्रेणी | नई दर |
|---|---|
| SDF (Standing Deposit Facility) | 5% |
| MSF (Marginal Standing Facility) | 5.5% |
इसके अलावा (Furthermore) RBI ₹1 लाख करोड़ मूल्य के सरकारी बॉन्ड Open Market Operation (OMO) के तहत खरीदेगा ताकि liquidity बनी रहे और रुपया स्थिर रह सके।
2025: चुनौतियों के बीच मजबूत प्रदर्शन
आखिरकार (Ultimately) RBI का कहना है कि 2025 आर्थिक रूप से स्थिर और ग्रोथ-dominant साल रहा है। Retail lending, UPI transactions, digital banking और मजबूत बैंकिंग सिस्टम ने आर्थिक नींव को और मजबूत किया है।
आम जनता पर इसका असर क्या होगा?
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EMI कम होगी
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Loan लेना आसान होगा
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Housing और automobile market में demand बढ़ेगी
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Small व्यवसायों को working capital सस्ता मिलेगा
इसलिए (Therefore) यह फैसला middle-class, students, small businesses और home buyers के लिए गेम-चेंजर साबित होगा।
Conclusion
कुल मिलाकर, RBI repo rate कटौती एक संकेत है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अब recovery से आगे बढ़कर strong growth फेज़ में प्रवेश कर चुकी है। EMI कम होने से उपभोक्ता खर्च बढ़ेगा और बाजार को नई तेजी मिलेगी।



