धनतेरस पर दीपक जलाना (lighting lamps on Dhanteras) दिवाली पर्व की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन मां लक्ष्मी, भगवान कुबेर और धनवंतरी की पूजा से साथ ही (moreover) घर में सुख-समृद्धि आती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार क्योंकि (because) इस दिन 13 दीप जलाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सकारात्मकता का वास होता है।
इसके अलावा (in addition), दीपदान करने से धन और स्वास्थ्य दोनों में वृद्धि होती है।
Dhanteras 2025 पर दीप जलाने का शुभ मुहूर्त
इस साल धनतेरस 18 अक्टूबर, शनिवार को मनाई जाएगी। इसलिए (therefore) यह दिन पूजा और दीपदान दोनों के लिए उत्तम रहेगा।
🔸 लाभ चौघड़िया: शाम 5:48 मिनट से 7:23 मिनट तक
🔸 शुभ चौघड़िया: रात 8:58 मिनट से 10:33 मिनट तक
इन दोनों समयों में दीपक जलाना अर्थात (that is) अत्यंत शुभ फल देने वाला होगा।

कहां-कहां जलाएं दीपक
धनतेरस पर दीपक जलाना केवल परंपरा नहीं, बल्कि एक सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत है।
जानिए 13 दीपक कहां जलाना चाहिए:
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तुलसी के पास – घर की शांति के लिए
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छत पर – नकारात्मकता से बचाव के लिए
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मुख्य द्वार पर – मां लक्ष्मी के स्वागत हेतु
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रसोई में – अन्नपूर्णा की कृपा के लिए
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पूजास्थल पर – देवताओं की प्रसन्नता के लिए
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दक्षिण दिशा में – यमराज के नाम से
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पीपल और बेल वृक्ष के पास – पितरों की शांति हेतु
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वॉशरूम के पास – रोग निवारण के लिए
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मंदिर में – पुण्य लाभ के लिए
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ब्रह्म स्थान पर – समृद्धि हेतु
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कूड़े के पास – नकारात्मकता नाश के लिए
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खिड़की पर – सौभाग्य के लिए
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घर के बाहर – परिवार की रक्षा के लिए
दीपक जलाने का मंत्र
दीपक जलाते समय इस मंत्र का जाप करें:
“ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥”
यह मंत्र अंततः (finally) घर में धन, सुख और शांति का संचार करता है।
धनतेरस और दिवाली का महत्व
धनतेरस से ही दिवाली पर्व की शुरुआत होती है। यह दिन वास्तव में (indeed) नए आरंभ और समृद्धि का प्रतीक है।
मां लक्ष्मी और भगवान धनवंतरी की आराधना से इसके बाद (afterwards) जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आरोग्य की प्राप्ति होती है।
इसके अतिरिक्त (in addition), इस दिन दीपदान से आने वाले वर्ष में इसलिए (therefore) आर्थिक उन्नति और पारिवारिक सुख मिलता है।
धनतेरस पर दीपक जलाना न केवल धार्मिक दृष्टि से शुभ है, बल्कि यह आत्मिक शांति और सकारात्मकता का संदेश भी देता है।