एशिया कप 2025 के सुपर फोर मुकाबले में भारत और पाकिस्तान की भिड़ंत हमेशा की तरह हाई-वोल्टेज रही। पाकिस्तान के ओपनर साहिबजादा फरहान ने इस मुकाबले में 34 गेंदों में अर्धशतक लगाकर अपनी टीम को मजबूत स्थिति में पहुँचाया। इस मौके पर उन्होंने बल्ले को बंदूक की तरह पकड़कर ‘गन-फायर’ जश्न मनाया, जो तुरंत सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और फैंस में अलग-अलग प्रतिक्रियाएँ पैदा कर दी।
फरहान का यह जश्न कुछ फैंस को असंवेदनशील और विवादास्पद लगा। खासकर भारत-पाकिस्तान के बीच मौजूदा राजनीतिक तनाव को देखते हुए कई यूज़र्स ने इसे आक्रामक और अनुचित करार दिया। कुछ ने इसे ‘AK-47’ इशारा तक कहा। वहीं, क्रिकेट एक्सपर्ट्स ने इसे केवल उत्साह और पल की भावना के रूप में देखा।
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फरहान का बयान
वायरल होने के बाद फरहान ने कहा:
“यह जश्न उस पल की भावना थी। मैं आमतौर पर अर्धशतक के बाद ज्यादा जश्न नहीं मनाता, लेकिन उस दिन कुछ अलग महसूस हुआ। मुझे नहीं पता लोग इसे कैसे लेंगे, मुझे इसकी परवाह नहीं है।”
उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि उनका मकसद केवल अपने प्रदर्शन का जश्न मनाना था, और उन्होंने किसी भी राजनीतिक या विवादास्पद भावना से इसे नहीं जोड़ा।
मैच का विस्तार
इस मैच में पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 171/5 का स्कोर बनाया। फरहान के अर्धशतक ने टीम को स्थिरता दी और युवा बल्लेबाजों के लिए आत्मविश्वास बढ़ाया। भारत ने लक्ष्य का पीछा करते हुए 105 रन की शानदार साझेदारी के बाद 6 विकेट से जीत हासिल की। यह जीत भारत को सुपर फोर में मजबूती प्रदान करती है और टूर्नामेंट में रोमांच बनाए रखती है।
सोशल मीडिया रिएक्शन
फरहान के जश्न ने ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर तूफ़ान मचा दिया। #FarhanGunCelebration हॅशटैग ट्रेंड करने लगा। कई फैंस ने इसे असंवेदनशील बताया, तो कुछ ने इसे केवल खेल का उत्साह मानकर सपोर्ट किया। इस पर क्रिकेट विश्लेषकों ने कहा कि खेल में उत्साह जताना आम बात है, लेकिन खिलाड़ियों को जश्न के तरीकों में सावधानी बरतनी चाहिए।

ऐतिहासिक संदर्भ
भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच हमेशा हाई-वोल्टेज और भावनात्मक रहे हैं। खिलाड़ियों के जश्न और पलों की प्रतिक्रियाएँ सोशल मीडिया पर अक्सर चर्चा का विषय बनती हैं। फरहान का यह जश्न भी इस परंपरा को आगे बढ़ाता है और दर्शकों में बहस और उत्सुकता पैदा करता है।
एक्सपर्ट कमेंट्स
क्रिकेट एक्सपर्ट्स का कहना है कि खिलाड़ी का उत्साह और जश्न खेल का हिस्सा हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे समझदारी से करना चाहिए। उन्होंने कहा कि खेल भावना बनाए रखना जरूरी है और खिलाड़ियों को जश्न के तरीके में संवेदनशील रहना चाहिए।