भोजपुरी पावर स्टार पवन सिंह Y सुरक्षा के तहत अब उच्च स्तर की सुरक्षा में रहेंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय की सिफारिश और खुफिया रिपोर्ट के आधार पर यह सुरक्षा लागू की गई है। राज्य में विधानसभा चुनावों से पहले संभावित खतरों और राजनीतिक गतिविधियों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि किसी भी प्रकार के अप्रत्याशित खतरों से पवन सिंह और उनके परिवेश की सुरक्षा बनी रहे।
Y कैटेगरी सुरक्षा क्या होती है?
पवन सिंह Y सुरक्षा में कुल 11 सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। इसमें 2–4 कमांडो और 2 निजी सुरक्षा अधिकारी (PSO) शामिल होते हैं। सुरक्षा जवान CRPF और CISF से होते हैं और 24 घंटे सतर्क रहते हैं। यह सुरक्षा उन व्यक्तियों को दी जाती है, जिनकी जान को मध्यम स्तर का खतरा होता है। Y कैटेगरी सुरक्षा उन सेलिब्रिटी, राजनेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं को दी जाती है, जिनकी सुरक्षा के लिए विशेष सावधानी की आवश्यकता होती है।
Y कैटेगरी सुरक्षा में तैनात जवान न केवल किसी भी संभावित हमले से बचाव करते हैं, बल्कि सार्वजनिक कार्यक्रमों, चुनावी रैलियों और निजी आवागमन के दौरान भी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।

पवन सिंह को Y सुरक्षा क्यों मिली?
भोजपुरी स्टार पवन सिंह की सुरक्षा राजनीतिक और व्यक्तिगत कारणों से अत्यंत महत्वपूर्ण है। हाल ही में उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी। इसके अलावा, उनके संगीत वीडियो और सार्वजनिक गतिविधियों को लेकर विवाद भी सामने आया था। ऐसे में पवन सिंह सुरक्षा उन्हें संभावित खतरों से बचाने और उनके सामान्य जीवन और पेशेवर कामकाज को सुरक्षित रखने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारत में सुरक्षा कैटेगरी
भारत में सुरक्षा व्यवस्था मुख्य रूप से चार कैटेगरी में बंटी है: X, Y, Z और Z+।
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X कैटेगरी सुरक्षा: सामान्य खतरे वाले व्यक्तियों के लिए 1–2 सुरक्षाकर्मी।
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Y कैटेगरी सुरक्षा: मध्यम खतरे वाले व्यक्तियों के लिए 2–11 सुरक्षाकर्मी।
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Z कैटेगरी सुरक्षा: उच्च खतरे वाले व्यक्तियों के लिए 22 या उससे अधिक सुरक्षाकर्मी।
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Z+ कैटेगरी सुरक्षा: अत्याधुनिक हथियारों से लैस NSG कमांडो, देश के सबसे महत्वपूर्ण नेताओं के लिए।
निष्कर्ष
पवन सिंह Y सुरक्षा मिलने से यह सुनिश्चित होता है कि उनके और उनके परिवेश की सुरक्षा हर समय बनी रहे। यह कदम न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए बल्कि राजनीतिक और सार्वजनिक जिम्मेदारियों के लिए भी महत्वपूर्ण है। इससे यह संदेश जाता है कि राज्य उनकी सुरक्षा के प्रति गंभीर है और किसी भी संभावित खतरे को गंभीरता से लेता है।