केरल सरकार ने सबरीमाला तीर्थ मार्गों के सुधार के लिए ₹377.8 करोड़ स्वीकृत किए, तीर्थ यात्रियों को मिलेगा बेहतर बुनियादी ढांचा
केरल सरकार ने प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर की तीर्थ यात्रा के मार्गों के उन्नयन और मरम्मत के लिए ₹377.8 करोड़ की राशि स्वीकृत की है। इस निर्णय का उद्देश्य आगामी तीर्थ सीजन के दौरान यात्रियों को बेहतर सड़क, पुल और आधारभूत सुविधाएं प्रदान करना है। सरकार के इस कदम का स्वागत विभिन्न धार्मिक संगठनों और स्थानीय समुदायों ने किया है, जिन्होंने लंबे समय से मार्ग सुधार की मांग उठाई थी।
सबरीमाला: आस्था का केंद्र
सबरीमाला मंदिर दक्षिण भारत का प्रमुख तीर्थ स्थल है, जो केरल के पठानमथिट्टा जिले में स्थित है। भगवान अयप्पा स्वामी को समर्पित यह मंदिर हर वर्ष लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।
मंडला-मकरविलक्कु सीजन (नवंबर से जनवरी) के दौरान यहां भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है। इस समय लगभग 40 से 50 लाख तीर्थयात्री देश और विदेश से मंदिर दर्शन के लिए आते हैं।
ऐसे में सड़क और पैदल मार्गों की मरम्मत अत्यंत आवश्यक हो जाती है, क्योंकि खराब रास्ते, ट्रैफिक जाम और अपर्याप्त सुविधाएं यात्रियों के लिए कठिनाइयाँ पैदा करती हैं।
सरकार का निर्णय और धनराशि का उपयोग
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया।
इस राशि का उपयोग सबरीमाला मार्गों की मरम्मत, पुल निर्माण, जल निकासी प्रणाली, लाइटिंग और शौचालय जैसी सार्वजनिक सुविधाओं के सुधार में किया जाएगा।
राज्य सरकार के बयान के अनुसार:
“सबरीमाला तीर्थ यात्रा दक्षिण भारत के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है। इस वर्ष यात्रा के सुचारू संचालन और सुरक्षा के लिए सभी प्रमुख मार्गों को सुधारना हमारी प्राथमिकता है।”
परियोजना के तहत मुख्य रूप से निम्नलिखित कार्य किए जाएंगे —
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मुख्य सड़कों की मरम्मत:
पंपा, निलक्कल, एरुमेली और वंदिपेरियार मार्गों की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी और गड्ढे-मुक्त सड़कों का निर्माण किया जाएगा। -
पैदल मार्गों का सुधार:
तीर्थयात्रियों के पैदल चलने वाले रास्तों पर नई टाइलें लगाई जाएंगी, रेलिंग और बैठने की सुविधाएँ जोड़ी जाएंगी। -
पुल और जल निकासी व्यवस्था:
वर्षा के दौरान जलभराव की समस्या से बचने के लिए नए जल निकासी चैनल और छोटे पुलों का निर्माण किया जाएगा। -
प्रकाश व्यवस्था:
निलक्कल से पंपा तक की सड़क और मंदिर तक के रास्ते पर एलईडी लाइटें लगाई जाएंगी ताकि रात में यात्रा सुरक्षित हो सके। -
स्वास्थ्य और स्वच्छता सुविधाएँ:
मोबाइल शौचालय, चिकित्सा केंद्र और पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी।
केरल इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट फंड बोर्ड (KIIFB) का योगदान
इस परियोजना को वित्तीय सहायता देने में केरल इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट फंड बोर्ड (KIIFB) की अहम भूमिका होगी।
KIIFB के माध्यम से राज्य सरकार तीर्थ क्षेत्र में दीर्घकालिक विकास योजनाओं को लागू करना चाहती है, ताकि हर वर्ष करोड़ों तीर्थयात्रियों को बेहतर अनुभव मिल सके।
KIIFB के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा —
“यह निवेश न केवल तीर्थ मार्गों को सुरक्षित बनाएगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को भी बढ़ावा देगा।”
स्थानीय प्रशासन और पुलिस की तैयारियाँ
राज्य सरकार ने जिला प्रशासन, पुलिस, और देवस्वम बोर्ड के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि यात्रा सीजन से पहले सभी निर्माण कार्य पूरे कर लिए जाएं।
पठानमथिट्टा जिला कलेक्टर ने बताया कि सभी मार्गों की निगरानी की जा रही है और यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।
पुलिस विभाग भी भीड़ प्रबंधन के लिए नए ट्रैफिक प्लान और सीसीटीवी निगरानी व्यवस्था तैयार कर रहा है।
इसके अलावा, मोबाइल स्वास्थ्य इकाइयाँ और आपातकालीन चिकित्सा दल प्रमुख मार्गों पर तैनात रहेंगे।
पर्यटन और स्थानीय विकास को बढ़ावा
सबरीमाला मार्गों के उन्नयन से न केवल तीर्थयात्रियों को सुविधा होगी, बल्कि इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ मिलेगा।
इन क्षेत्रों में सड़क सुधार और बुनियादी ढांचे के विकास से होटल व्यवसाय, परिवहन सेवाओं, और स्थानीय व्यापारियों को आय में वृद्धि होगी।
केरल टूरिज़्म विभाग का मानना है कि बेहतर सुविधाओं से विदेशी पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या में भी वृद्धि होगी, जिससे केरल के धार्मिक पर्यटन को नई गति मिलेगी।
तीर्थ सीजन की तैयारियाँ तेज़
सबरीमाला देवस्वम बोर्ड (TDB) ने बताया कि आगामी मंडला-मकरविलक्कु सीजन की सभी तैयारियाँ तेजी से चल रही हैं।
तीर्थयात्रियों के लिए ऑनलाइन वर्चुअल क्यू सिस्टम सक्रिय कर दिया गया है ताकि भीड़ नियंत्रण में आसानी हो।
बोर्ड अध्यक्ष ने कहा —
“राज्य सरकार द्वारा दी गई वित्तीय सहायता से इस वर्ष का तीर्थ सीजन और अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक होगा। हम सुनिश्चित करेंगे कि हर श्रद्धालु को बेहतर यात्रा अनुभव मिले।”
आस्था और पर्यावरण का संतुलन
सबरीमाला मंदिर के आसपास का इलाका पेरियार टाइगर रिजर्व के पास स्थित है, इसलिए सरकार पर्यावरणीय संतुलन पर भी विशेष ध्यान दे रही है।
सड़क निर्माण और मरम्मत के दौरान पर्यावरण मानकों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
वन विभाग और पर्यावरण विशेषज्ञों की टीम कार्यों की निगरानी करेगी ताकि जैव विविधता को नुकसान न पहुँचे।
राज्य पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि नए निर्माण कार्यों में पर्यावरण अनुकूल सामग्री का उपयोग किया जाएगा।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
राज्य सरकार के इस फैसले की व्यापक सराहना की जा रही है।
देवस्वम बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष प्रेल्ला गोपीनाथन नायर ने कहा —
“यह निर्णय लंबे समय से लंबित था। अब तीर्थयात्रियों को सच्चे अर्थों में सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिलेगा।”
वहीं, विपक्षी नेताओं ने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि परियोजना समय पर पूरी हो और धन का पारदर्शी उपयोग हो।
समापन
केरल सरकार का ₹377.8 करोड़ का यह निवेश केवल एक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा से जुड़ा एक संवेदनशील कदम है।
सबरीमाला जैसे प्रमुख तीर्थ स्थल पर आधुनिक सुविधाओं का विकास न केवल धार्मिक पर्यटन को गति देगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा।
जब नवंबर में अयप्पा स्वामी के भक्त “स्वामीये शरणम अयप्पा” के जयघोष के साथ सबरीमाला की ओर बढ़ेंगे, तो उनके मार्ग में अब पहले से अधिक सुरक्षित, स्वच्छ और व्यवस्थित वातावरण उनका स्वागत करेगा।
