Tere Ishq Mein Review एक ऐसी फिल्म की कहानी पेश करता है, जिसमें प्यार, जुनून और दर्द एक-दूसरे के साथ उलझे हुए हैं। कहानी की शुरुआत बनारस के घाटों से होती है, जो रांझणा की यादों को ताजा करती हैं। हालांकि (However) फिल्म के किरदार, शंकर और मुक्ति, एक-दूसरे से बिल्कुल अलग दिशा में चलते हैं। यानी (That is) यह कोई मासूम प्रेम कहानी नहीं, बल्कि जुनूनी, हिंसक और तनावपूर्ण रिश्तों की तस्वीर है।
कहानी की शुरुआत: शंकर और मुक्ति का मिलन (Story Beginning: The Meeting of Shankar and Mukti)
फिल्म की शुरुआत लेह-लद्दाख से होती है, जहाँ फाइटर पायलट शंकर अपने खतरनाक कार्यों के कारण निलंबित हो जाता है। इसी दौरान (Meanwhile) उसकी मुलाकात रक्षा काउंसलर मुक्ति से होती है, जो उसे अपनी समस्याओं और नियमों के बीच संतुलन सिखाने की कोशिश करती है।
फिर कहानी 7 साल पीछे चली जाती है। शंकर और मुक्ति दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र हैं। शंकर डीयूएसयू का अध्यक्ष है और मुक्ति मनोविज्ञान की पढ़ाई में व्यस्त है। शंकर की हिंसा और परेशानियों को देख मुक्ति उसे सुधारने की ठान लेती है।
प्यार या प्रोजेक्ट? जटिल रिश्ता (Love or Project? A Complicated Relationship)
शंकर हर रोज़ किसी न किसी झगड़े में फंसता है और अक्सर जेल जाता है। वहीं (Meanwhile) मुक्ति उसे अपनी परियोजना बनाने का निर्णय लेती है।
शंकर केवल इस शर्त पर मान जाता है कि मुक्ति उससे डेट करे। धीरे-धीरे, मुक्ति भी उसके प्रति आकर्षित होने लगती है। लेकिन (But) जब तक वह अपनी भावनाओं को पहचान पाती है, बहुत देर हो चुकी होती है।
फिल्म में रिश्तों का यह जटिल चित्र दर्शाता है कि प्यार में कई बार नियंत्रण और जुनून मिलकर दर्द और भ्रम पैदा कर सकते हैं।
टॉक्सिक लव और हिंसक प्रवृत्तियाँ (Toxic Love and Violent Tendencies)
इसके अलावा (Moreover) फिल्म में कई ऐसे ट्रॉप्स हैं जो ज़हरीले प्रेम संबंधों की कहानी में आम हैं।
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शंकर का अति-जुनूनी व्यवहार और माता का प्रभाव
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मुक्ति का ‘सैवियर कॉम्प्लेक्स’
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स्व-हानि और अल्कोहल का सहारा
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अमीर-गरीब का संघर्ष और सामाजिक भेद
फिल्म में रोमांस की तुलना में ज्यादा ध्यान शंकर की मानसिकता और मुक्ति के संघर्ष पर है। इसलिए (Therefore) यह फिल्म प्रेम कहानी से ज्यादा जुनूनी प्रेम और दर्द का चित्रण करती है।
किरदार और एक्टिंग: सबसे मजबूत पहलू (Characters and Acting: The Strongest Aspect)
हालांकि (However) फिल्म की सबसे बड़ी ताकत इसकी एक्टिंग है। धनुष ने शंकर के चरित्र को इतनी सच्चाई और भावनात्मक गहराई के साथ निभाया है कि दर्शक उसकी आँखों के दर्द को महसूस कर सकते हैं। कृति सैनन ने मुक्ति के किरदार में शानदार प्रदर्शन किया। कभी (Sometimes) शांत और स्थिर रहकर, कभी (At other times) तीव्र भावनाओं के साथ। प्रकाश राज ने शंकर के पिता का किरदार गहराई और संवेदनशीलता के साथ निभाया। तोटा रॉय चौधरी ने मुक्ति के पिता के रूप में मानवीय और संवेदनशील भूमिका निभाई।
निष्कर्ष: चेतावनी के रूप में प्रेम (Conclusion: Love as a Warning)
अंत में (In the end) Tere Ishq Mein Review बताता है कि यह फिल्म प्यार से ज्यादा दर्द, जुनून और नियंत्रण की कहानी है। कहानी का भाव बहुत भारी है और कुछ दृश्यों में यह दर्शकों को असहज कर सकती है। संगीत और निर्देशन में कुछ कमियाँ हैं, लेकिन एक्टिंग और भावनाओं की गहराई इसे देखने लायक बनाती है। इसलिए (Therefore) इसे देखना चाहें तो तैयार रहें—यह फिल्म “टॉक्सिक लव” की चेतावनी है, ना कि सामान्य प्रेम कहानी।



