GRAP-3 Delhi Pollution: राजधानी दिल्ली (Delhi) में वायु प्रदूषण (Air Pollution) ने एक बार फिर से खतरनाक स्तर पार कर लिया है। दरअसल (In fact), सोमवार रात से ही हवा में धूल और धुएं का ऐसा घनत्व बढ़ा कि मंगलवार सुबह तक वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI – Air Quality Index) कई इलाकों में 400 के पार चला गया। यही वजह है कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM – Commission for Air Quality Management) ने तत्काल प्रभाव से ग्रैप-3 दिल्ली प्रदूषण लागू करने का फैसला लिया।
इस बीच (Meanwhile), आनंद विहार, पंजाबी बाग, बवाना, विवेक विहार और आईटीओ जैसे इलाकों में AQI 460 तक पहुंच गया, जो “गंभीर (Severe)” श्रेणी में आता है। स्पष्ट है कि अब दिल्ली की हवा सांस लेने लायक नहीं रह गई है।

क्या है GRAP-3 (Graded Response Action Plan)?
सबसे पहले (To begin with), जानना जरूरी है कि GRAP-3 तब लागू होता है जब दिल्ली-एनसीआर का औसत AQI 400 से ऊपर चला जाता है। इस स्थिति में हवा में मौजूद PM2.5 और PM10 कण (particles) बेहद खतरनाक स्तर तक बढ़ जाते हैं। इसलिए (Therefore), इस चरण में प्रदूषण कम करने के लिए कई सख्त पाबंदियां (strict restrictions) लगाई जाती हैं।
इसके अलावा (Moreover), विशेषज्ञों का कहना है कि इस वक्त हवा में मौजूद जहरीले तत्व (toxic elements) बच्चों, बुजुर्गों और सांस की बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए बेहद हानिकारक हैं। यही कारण है कि प्रशासन ने तुरंत कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
GRAP-3 के तहत लगाई गई सख्त पाबंदियां
जैसे ही ग्रैप-3 दिल्ली प्रदूषण ( GRAP-3 Delhi Pollution) लागू हुआ, वैसे ही (As soon as) प्रशासन ने कई कठोर कदम उठाए—
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निर्माण और ध्वस्तीकरण (Construction & Demolition) कार्यों पर तुरंत रोक।
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पुराने डीजल वाहनों (Old Diesel Vehicles) को सड़कों से हटाने का आदेश जारी किया गया।
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निर्माण सामग्री ढोने वाले ट्रक (Building Material Trucks) जैसे बालू, बजरी और सीमेंट ले जाने वाले वाहनों की आवाजाही पर रोक।
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डीजल जेनरेटर (Diesel Generators) का इस्तेमाल सिर्फ आपात सेवाओं तक सीमित।
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खनन और स्टोन क्रशर (Mining & Stone Crushers) गतिविधियों को भी पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया।
इसके साथ ही (Along with this), उद्योग क्षेत्रों को भी प्रदूषण फैलाने वाले सभी कार्य अस्थायी रूप से रोकने के निर्देश दिए गए हैं।
किन इलाकों में सबसे ज्यादा प्रदूषण?
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदूषण का स्तर कई जगहों पर बेहद गंभीर हो चुका है।
दरअसल (In fact), बवाना में AQI 465, मुंडका में 464, वजीरपुर में 462, पंजाबी बाग में 460, नेहरू नगर में 456 और ITO में 452 दर्ज किया गया।
हालांकि (However), कुछ क्षेत्रों जैसे लोधी रोड (293) और द्वारका NSIT (240) में स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर रही। लेकिन (But) यह भी “मध्यम से खराब (Moderate to Poor)” श्रेणी में आता है।
विशेषज्ञों की राय और चेतावनी
पर्यावरण वैज्ञानिकों (Environmental Scientists) के अनुसार, फिलहाल हवा में मौजूद PM2.5 कणों की मात्रा सुरक्षित सीमा से लगभग आठ गुना अधिक है। इसके कारण (Consequently), सांस, हृदय और त्वचा संबंधी रोग तेजी से बढ़ सकते हैं।
उन्होंने लोगों से अपील की है कि बाहर निकलते समय N95 मास्क (Mask) जरूर पहनें और जितना संभव हो घर के अंदर रहें (Stay Indoors)। साथ ही (Furthermore), बच्चों और बुजुर्गों को प्रदूषण वाले समय में बाहर जाने से बचाने की सलाह दी गई है।
सरकार और प्रशासन की पहल
दिल्ली सरकार ने लोगों से सहयोग की अपील करते हुए कहा है कि कारपूलिंग (Carpooling) का इस्तेमाल बढ़ाएं और वाहनों का कम उपयोग (Use fewer vehicles) करें। इसके अलावा (In addition), स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर विशेष समीक्षा की जा रही है।
फिर भी (Nevertheless), सरकार मानती है कि केवल आपात उपायों (Emergency Steps) से समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकलेगा।
प्रदूषण के असली कारण और आगे का रास्ता
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर पराली जलाना (Stubble Burning), वाहन उत्सर्जन (Vehicle Emission) और निर्माण की धूल (Construction Dust) जैसे मूल कारणों पर नियंत्रण नहीं हुआ, तो हर साल यही हाल होगा। इसलिए (Therefore), सभी को मिलकर — सरकार, किसान, उद्योग और आम जनता — दीर्घकालिक समाधान (Long-term Solution) के लिए काम करना होगा।
निष्कर्ष (Conclusion)
आखिरकार (Finally), यह स्पष्ट है कि GRAP-3 Delhi Pollution (ग्रैप-3 दिल्ली प्रदूषण) का लागू होना वर्तमान स्थिति में जरूरी कदम है। हालांकि यह एक अस्थायी समाधान (Temporary Solution) है, लेकिन फिलहाल लोगों की सुरक्षा के लिए यही सबसे बेहतर विकल्प है।
फिर भी (Still), अगर हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझे, प्रदूषण फैलाने वाले कार्यों को रोके और जागरूकता फैलाए, तो शायद आने वाले समय में दिल्ली फिर से स्वच्छ हवा (Clean Air) में सांस ले सके। आखिरकार (After all), स्वच्छ हवा में सांस लेना हर इंसान का अधिकार (Right to Clean Air) है।





