ज्वेलरी शोरूम में सोने के आभूषण प्रदर्शित।

4 नवंबर को सोना ₹12,333 प्रति ग्राम और चांदी ₹1,54,100 प्रति किलो पर स्थिर, त्योहारी मांग से बाजार संतुलित

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सोने-चांदी की कीमतें 4 नवंबर को स्थिर रहीं — 24 कैरेट गोल्ड ₹12,333 प्रति ग्राम और चांदी ₹1,54,100 प्रति किलोग्राम पर दर्ज

भारतीय कमोडिटी बाजार में सोमवार, 4 नवंबर 2025 को सोने और चांदी की कीमतों में स्थिरता बनी रही। त्योहारों और विवाह सीजन की मांग के बीच वैश्विक संकेतों के संतुलन ने बाजार को स्थिर रखा।
दिल्ली सर्राफा बाजार में 24 कैरेट सोना ₹12,333 प्रति ग्राम और चांदी ₹1,54,100 प्रति किलोग्राम के भाव पर दर्ज हुई। विशेषज्ञों का कहना है कि घरेलू मांग में मजबूती के बावजूद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डॉलर की मजबूती और बॉन्ड यील्ड के उतार-चढ़ाव ने सोने की तेजी को सीमित किया।

 

स्थानीय बाजार में रौनक, लेकिन तेजी सीमित

त्योहारों और शादियों के मौसम में ज्वेलरी की मांग में बढ़ोतरी देखी जा रही है।
दिवाली और धनतेरस के बाद अब नवंबर माह में भी उपभोक्ताओं की खरीदारी जारी है।
फिर भी, कीमतों में बड़ी तेजी नहीं देखी गई क्योंकि निवेशकों ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थिर संकेतों के बीच सीमित दांव लगाए।

दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता और जयपुर जैसे प्रमुख सर्राफा केंद्रों में सोने के दाम में कोई बड़ा उतार-चढ़ाव नहीं देखा गया।
22 कैरेट सोना ₹11,295 प्रति ग्राम के आसपास कारोबार कर रहा था, जबकि 18 कैरेट सोना ₹9,250 प्रति ग्राम के करीब रहा।

 

अंतरराष्ट्रीय बाजार का रुख

अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने की कीमतों में मामूली बदलाव देखने को मिला।
स्पॉट गोल्ड $2,390 प्रति औंस और फ्यूचर गोल्ड $2,395 प्रति औंस के आसपास कारोबार कर रहा था।
चांदी की अंतरराष्ट्रीय कीमतें $28.90 प्रति औंस रहीं।

अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में हल्की मजबूती और बॉन्ड यील्ड में वृद्धि ने सोने की तेजी को सीमित किया।
विश्लेषकों का कहना है कि निवेशकों का ध्यान अब अमेरिकी फेडरल रिजर्व की अगली ब्याज दर नीति पर है। यदि ब्याज दरों में कमी की संभावना बढ़ती है, तो सोने में नई तेजी देखी जा सकती है।

 

त्योहारों और विवाह सीजन से बढ़ी मांग

भारत में नवंबर से फरवरी तक का समय सोने-चांदी की खरीद के लिए सबसे अहम माना जाता है।
दिवाली, छठ पूजा और शादी के सीजन में उपभोक्ता सोना-चांदी खरीदना शुभ मानते हैं।

दिल्ली के करोल बाग बाजार के एक ज्वेलर ने बताया,

“दिवाली के बाद भी लोगों की खरीदारी जारी है। मांग मजबूत है, लेकिन कीमतें पहले से ही ऊंचे स्तर पर होने के कारण ग्राहक सावधानी से खरीदारी कर रहे हैं।”

चांदी के बाजार में भी तेजी का रुझान सीमित रहा। औद्योगिक मांग और फोटोग्राफी सेक्टर से खरीदारी ने कीमतों को सहारा दिया, लेकिन वैश्विक संकेतों के कारण बड़ी उछाल नहीं आई।

 

निवेशकों के लिए संकेत

सोना हमेशा से सुरक्षित निवेश (Safe Haven) के रूप में देखा जाता है।
बाजार विश्लेषकों के अनुसार, मौजूदा परिस्थितियों में निवेशक दीर्घकालिक निवेश के लिए सोना खरीद सकते हैं, क्योंकि अगले कुछ महीनों में वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के चलते इसकी कीमतें फिर से बढ़ सकती हैं।

कोटक सिक्योरिटीज के कमोडिटी विश्लेषक ने कहा,

“यदि फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में नरमी दिखाता है, तो डॉलर कमजोर होगा और सोने की कीमतें $2,450 प्रति औंस तक जा सकती हैं।”

भारत में भी कमजोर रुपया और बढ़ती आयात लागत कीमतों को ऊंचा रख सकती है।

 

चांदी की कीमतें भी स्थिर रहीं

सोने की तरह चांदी की कीमतें भी सोमवार को स्थिर रहीं।
दिल्ली में चांदी ₹1,54,100 प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रही थी, जो पिछले सत्र से लगभग अपरिवर्तित रही।
चांदी की औद्योगिक मांग, विशेष रूप से सोलर पैनल निर्माण और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर से आने वाली मांग ने बाजार को सहारा दिया।

हालांकि, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और डॉलर की मजबूती ने निवेश मांग को सीमित रखा।
MCX पर चांदी दिसंबर वायदा ₹1,54,000 प्रति किलो के स्तर पर बंद हुई, जबकि जनवरी अनुबंधों में मामूली गिरावट देखी गई।

 

विश्लेषकों का दृष्टिकोण

कमोडिटी विशेषज्ञों का मानना है कि सोने और चांदी की कीमतें निकट भविष्य में सीमित दायरे में कारोबार कर सकती हैं।
त्योहारों की मांग और कमजोर रुपया स्थानीय स्तर पर कीमतों को ऊंचा बनाए रखेगा, जबकि वैश्विक स्तर पर डॉलर की मजबूती रुझान को नियंत्रित करेगी।

एंजेल वन के वरिष्ठ विश्लेषक ने कहा,

“त्योहारी मांग ने फिलहाल कीमतों में स्थिरता दी है। निवेशक अभी स्थिति का मूल्यांकन कर रहे हैं कि फेड की नीति और डॉलर की दिशा किस ओर जाती है।”

 

बाजार विशेषज्ञों की सलाह

  1. लघुकालिक निवेशक: सोने में 1-2% की गिरावट पर खरीदारी के अवसर मिल सकते हैं।

  2. दीर्घकालिक निवेशक: फिजिकल गोल्ड या सोवरेन गोल्ड बॉन्ड्स में निवेश बेहतर विकल्प हो सकता है।

  3. चांदी निवेशक: औद्योगिक मांग को ध्यान में रखते हुए 1-3 महीने की अवधि के लिए निवेश आकर्षक रह सकता है।

भविष्य की दिशा

त्योहारों के बाद बाजार का रुख मुख्य रूप से वैश्विक आर्थिक संकेतों, डॉलर इंडेक्स, और अमेरिकी ब्याज दर नीति पर निर्भर करेगा।
यदि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक अनिश्चितता बनी रहती है, तो सोना और चांदी दोनों सुरक्षित निवेश के रूप में आकर्षक बने रहेंगे

विशेषज्ञों का मानना है कि दिसंबर और जनवरी में कीमतों में 2-3% की बढ़ोतरी संभव है, खासकर अगर डॉलर में कमजोरी आती है।

 

निष्कर्ष

4 नवंबर को भारतीय कमोडिटी बाजार में सोने और चांदी की कीमतें स्थिर रहीं, जहां 24 कैरेट सोना ₹12,333 प्रति ग्राम और चांदी ₹1,54,100 प्रति किलोग्राम पर दर्ज हुई।
त्योहारों की मजबूत मांग और वैश्विक संकेतों के संतुलन ने बाजार को स्थिर बनाए रखा।

आने वाले दिनों में निवेशकों की नजरें फेड की नीतियों, डॉलर के रुझान और घरेलू मांग पर टिकी रहेंगी।
विश्लेषकों का अनुमान है कि सोने में स्थिरता के बाद मध्यम अवधि में नई तेजी देखने को मिल सकती है, जिससे यह निवेशकों के लिए एक बार फिर आकर्षक विकल्प बन सकता है।

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