निर्वाचन अधिकारी मतदाता सूची संशोधन शिविर में युवाओं के आवेदन स्वीकार करते हुए।

12 राज्यों में मतदाता सूची संशोधन अभियान शुरू

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भारत में 12 राज्यों में विशेष मतदाता-सूची संशोधन अभियान शुरू, युवा मतदाताओं पर विशेष फोकस

भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India – ECI) ने देश के 12 राज्यों में विशेष मतदाता-सूची संशोधन अभियान (Special Summary Revision Drive) की शुरुआत की है। इस अभियान का उद्देश्य मतदाता सूची को अद्यतन करना, नए पात्र मतदाताओं को शामिल करना और मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नामों को हटाना है। आयोग का यह कदम आगामी लोकसभा चुनाव 2026 की तैयारियों के तहत एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है।

अभियान की शुरुआत और उद्देश्य

निर्वाचन आयोग ने कहा कि यह अभियान मतदाता सूची को अधिक सटीक और पारदर्शी बनाने के लिए चलाया जा रहा है। विशेष अभियान के तहत 1 नवंबर से 9 दिसंबर 2025 तक मतदाताओं को अपने नाम दर्ज कराने, सुधार करने या हटाने का अवसर दिया जाएगा।

अभियान के दौरान सबसे अधिक जोर 18 से 19 वर्ष की आयु के नए मतदाताओं को सूची में शामिल करने पर दिया जाएगा। आयोग ने बताया कि यह अभियान युवाओं को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में जोड़ने का अवसर देगा।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, “हम चाहते हैं कि हर पात्र नागरिक मतदाता सूची में शामिल हो। यह अभियान उन युवाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो पहली बार मतदान करने जा रहे हैं।”

किन राज्यों में चलेगा अभियान

यह विशेष मतदाता-सूची संशोधन अभियान आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और केरल में एक साथ शुरू किया गया है। इन राज्यों में निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में विशेष केंद्र स्थापित करें ताकि अधिक से अधिक लोग इसमें भाग ले सकें।

नई तकनीक और डिजिटल सुविधा

निर्वाचन आयोग ने इस बार अभियान को डिजिटल और पेपरलेस बनाने पर जोर दिया है। इसके तहत नागरिक राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल (NVSP) और Voter Helpline ऐप के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

इसके अलावा, EPIC (Electronic Photo Identity Card) अब डिजिटल रूप में भी डाउनलोड किया जा सकेगा। इससे मतदाताओं को भौतिक कार्ड की प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं होगी।

राज्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और पंचायत भवनों में विशेष पंजीकरण शिविर आयोजित करें। आयोग ने यह भी कहा कि सोशल मीडिया और जनसंपर्क अभियानों के जरिए लोगों को जागरूक किया जाएगा।

महिला और वरिष्ठ मतदाताओं पर विशेष ध्यान

ECI ने इस बार महिला मतदाताओं और वरिष्ठ नागरिकों पर भी विशेष ध्यान देने की बात कही है। ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष महिला बूथ लेवल अधिकारी (BLO) तैनात की जाएंगी ताकि महिलाएँ आसानी से पंजीकरण करा सकें।

इसके अलावा, 80 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं और विकलांग नागरिकों (PwD) के लिए घर-घर जाकर पंजीकरण सुविधा भी दी जाएगी।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, “हम चाहते हैं कि कोई भी नागरिक मताधिकार से वंचित न रहे। यह अभियान सभी वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करेगा।”

अभियान की निगरानी और पारदर्शिता

निर्वाचन आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे मतदाता सूची संशोधन की प्रक्रिया में किसी भी तरह की अनियमितता या डुप्लिकेशन को रोकें। इसके लिए वोटर हेल्पलाइन नंबर 1950 पर शिकायत दर्ज की जा सकेगी।

इसके अलावा, आयोग ने कहा कि पंजीकरण प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक निरीक्षण केंद्र (Public Display Booths) भी स्थापित किए जाएंगे, जहां नागरिक संशोधित सूचियों को देख सकेंगे।

नागरिकों से अपील

आयोग ने देशवासियों से अपील की है कि वे अपने नाम की जांच करें और यदि किसी प्रकार की त्रुटि हो, तो तत्काल सुधार कराएं। मतदाता अपने वोटर कार्ड से संबंधित जानकारी ऑनलाइन https://www.nvsp.in/ वेबसाइट पर जाकर भी सत्यापित कर सकते हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह अभियान न केवल मतदाता सूची को सटीक बनाएगा, बल्कि लोकतंत्र की जड़ें और मजबूत करेगा। आने वाले महीनों में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव और उसके बाद लोकसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में यह प्रक्रिया अत्यंत महत्वपूर्ण है।

युवा मतदाताओं की भूमिका

ECI का विशेष जोर इस बात पर है कि अधिक से अधिक युवा अपने मताधिकार के प्रति जागरूक हों। आयोग ने युवाओं से अपील की है कि वे ‘My Vote, My Future’ थीम के तहत पंजीकरण कराएँ और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी करें।

कॉलेजों में आयोजित पंजीकरण शिविरों में हजारों छात्रों ने पहले ही आवेदन जमा किए हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन भी निर्वाचन आयोग के साथ सहयोग कर रहा है ताकि छात्र-छात्राएँ आसानी से नामांकन कर सकें।

निष्कर्ष

भारत का यह विशेष मतदाता-सूची संशोधन अभियान लोकतंत्र को सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। यह न केवल नई पीढ़ी को राजनीतिक प्रक्रिया में जोड़ने का माध्यम बनेगा, बल्कि चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और भरोसेमंद भी बनाएगा।

जैसा कि चुनाव आयोग ने कहा, “हर वोट मायने रखता है।” यह अभियान नागरिकों को यह याद दिलाता है कि लोकतंत्र में उनकी आवाज़ सबसे बड़ी शक्ति है — और उसे दर्ज कराने का पहला कदम मतदाता सूची में नाम शामिल कराना है।

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