पत्रकार और गीतकार जावेद अख्तर तालिबान मंत्री आमिर खान मुत्तकी के भारत आगमन पर कड़ी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। वास्तव में (Actually), मुत्तकी भारत की छह दिवसीय यात्रा पर हैं और यह 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद किसी तालिबान नेता की पहली भारत यात्रा है।
जावेद अख्तर ने किया कड़ा पोस्ट
सोमवार को (On Monday), जावेद अख्तर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “जब मैं देखता हूं कि दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादी समूह तालिबान के प्रतिनिधि को किस तरह सम्मान दिया जा रहा है, तो मेरा सिर शर्म से झुक जाता है।” इसके अलावा (Moreover), उन्होंने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में स्थित दारुल उलूम देवबंद के स्वागत पर भी आपत्ति जताई और कहा कि इसे शर्म आनी चाहिए क्योंकि मुत्तकी लड़कियों की शिक्षा पर प्रतिबंध लगाने वाला है।

मुत्तकी की यात्रा कैसे संभव हुई
दरअसल (Actually), मुत्तकी की यह यात्रा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तालिबान प्रतिबंध समिति द्वारा लगाए गए यात्रा प्रतिबंध से छूट मिलने के बाद संभव हुई। 25 जनवरी 2001 को उन्हें प्रतिबंधित सूची में डाला गया था और उन पर यात्रा, संपत्ति और हथियार प्रतिबंध लगाए गए थे। भारत ने अभी तक तालिबान को मान्यता नहीं दी है और काबुल में समावेशी सरकार का गठन चाहता है।
महिला पत्रकार विवाद
मुत्तकी के दिल्ली प्रवास के दौरान आयोजित पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों की अनुपस्थिति पर विवाद उत्पन्न हुआ। विपक्षी नेताओं ने इसे महिलाओं का अपमान बताया और कड़ी आलोचना की। इसके तुरंत बाद (Immediately), मुत्तकी ने दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें सभी महिला पत्रकारों को आमंत्रित किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को बाहर करने का कोई इरादा नहीं था और इसे केवल तकनीकी कारणों से किया गया था।
निष्कर्ष
संक्षेप में (In conclusion), जावेद अख्तर तालिबान मंत्री आगमन पर अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं। इसके साथ ही भारत में प्रेस फ्रीडम, महिला पत्रकारों की भागीदारी और तालिबान प्रतिनिधियों के स्वागत पर बहस जारी है।