ISRO अध्यक्ष V नारायणन ने बताया: Gaganyaan मिशन का 90% विकास कार्य पूरा

9 0

Indian Space Research Organisation का मानव-अंतरिक्ष उड़ान मिशन Gaganyaan — विकास कार्य लगभग 90 % पूरा: अध्यक्ष V Narayanan

भोपाल/नई दिल्ली / बैंगलुरु — 23 अक्टूबर 2025 को, इसरो अध्यक्ष V नारायणन ने कहा कि भारत के पहले मानव द्वारा संचालित अंतरिक्ष मिशन Gaganyaan के विकास कार्य का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा पूरा हो चुका है।
यह मिशन भारत को अंतरिक्ष में मानव भेजने की क्षमता प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

संचालन की दिशा व लक्ष्य

  • Gaganyaan मिशन का उद्देश्य तीन अंतरिक्षयात्री को पृथ्वी की निचली कक्षा (लगभग 400 कि.मी.) में तीन-दिवसीय मिशन के लिए भेजना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर लौटाना है।
  • इसरो अध्यक्ष ने बताया कि मिशन की तैयारी में “रॉकेट का मानव-रेटेड होना”, “ऑर्बिटल मॉड्यूल का विकास”, “पर्यावरण नियंत्रण एवं सुरक्षा प्रणाली”, “क्रू एस्केप सिस्टम” और “पैराशूट लैंडिंग सिस्टम” जैसे अनेक तकनीकी घटकों को शामिल किया गया है।
  • उन्होंने यह भी बताया कि मिशन की क्रूड उड़ान (crewed flight) से पहले तीन अनक्रूड (无人 /无人载) उड़ानें की जाएँगी, जिनमें पहला मिशन इस साल के अंत में होने की संभावना है।
  • क्रूड मिशन लक्षित तौर पर 2027 की पहली तिमाही में आयोजित होने की संभावना है। 

प्रमुख मील के पत्थर और परीक्षण

  • अगस्त 2025 में, श्रीहरिकोटा के Satish Dhawan Space Centre से Gaganyaan कार्यक्रम के लिए पहला “इंटीग्रेटेड एयर-ड्रॉप टेस्ट” सफलतापूर्वक किया गया। इस परीक्षण में एक सिम्युलेटेड क्रू मॉड्यूल को हेलीकॉप्टर से लगभग 3 किमी ऊँचाई से छोड़ दिया गया और नौ पैराशूट्स के माध्यम से सफलतापूर्वक खाड़ी में लैंड किया गया।
  • इस परीक्षण को इसके लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि क्रू मॉड्यूल का सुरक्षित लैंडिंग और वापसी जीवन रेखा की तरह है।

चुनौतियाँ व तैयारियाँ

  • मिशन में संवेदनशील एवं जटिल प्रणालियों की आवश्यकता है—मानव-रेटेड रॉकेट, जीवन समर्थन प्रणाली (Life Support System), क्रू एस्केप सिस्टम, पुनरुद्धार व लैंडिंग सिस्टम आदि। V नारायणन ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि “अंतरिक्ष में चालक दल की सुरक्षा सर्वोपरि” है।
  • हालांकि डेवलपमेंट का 90 % काम पूरा हो चुका है, परंतु बाकी काम को समय पर, दोष-रहित और सुरक्षित तरीके से पूरा करना बेहद महत्वपूर्ण होगा।
  • मिशन के बड़े जोखिमों में शामिल हैं: प्रक्षेपण (Launch), पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश, वापसी और सुरक्षित लैंडिंग। इन चरणों में कोई त्रुटि भविष्य में भारी पड़ सकती है।
  • तकनीकी एवं विनिर्माण साझेदारों, उद्योग एवं शोध संस्थानों के सहयोग से मिशन को आगे बढ़ाया जा रहा है।

भारत के लिए महत्व

  • इसरो के इस मिशन से भारत को अंतरिक्ष में मानव भेजने वाले देशों की श्रेणी में जाने का अवसर मिलेगा।
  • यह सिर्फ वैज्ञानिक उपलब्धि नहीं बल्कि रणनीतिक, तकनीकी और औद्योगिक आत्मनिर्भरता का प्रतीक भी है।
  • आगे की पंक्तियों में, इसरो ने घोषणा की है कि भारत अपनी अंतरिक्ष स्टेशन (Bharatiya Antriksh Station) पर काम कर रहा है, तथा आगामी सप्ताहों-महीनों में अन्य मिशन जैसे कि “Chandrayaan‑4” (चंद्रमॉडल नमूना वापसी) एवं “Lupex” (चंद्र पोल अन्वेषण) भी शामिल हैं।

भविष्य की रूपरेखा

  • अगले कुछ महीनों में अनक्रूड उड़ानें आयोजित होंगी—पहली उड़ान में मानव का स्थान लेगा रोबोट-ह्यूमैनॉइड Vyommitra।
  • क्रूड मिशन की तैयारियाँ दल चयन, प्रशिक्षण, मेडिकल पदानुक्रम, जीवन समर्थन प्रणाली, आपातकालीन निकासी आदि के दृष्टिकोण से तीव्र हैं।
  • मिशन सफल हुआ तो भारत अंतरिक्ष में मानव भेजने वाले चुनिंदा देशों में शामिल होगा और यह आने वाले वर्षों में भारत के अंतरिक्ष प्रयासों को नई दिशा देगा।
  • इसके साथ ही राष्ट्र में टेक्नोलॉजी, रक्षा, उद्योग एवं शिक्षा-अनुसंधान क्षेत्र में विविध लोकतांत्रिक एवं आर्थिक अवसर खुलेंगे।

निष्कर्ष

इसरो अध्यक्ष V नारायणन के शब्दों में, “Gaganyaan मिशन बहुत अच्छी तरह आगे बढ़ रहा है”। 90 % विकास कार्य पूरा होना एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन यह याद रखना होगा कि कर्म-क्षेत्र में अभी भी महत्त्वपूर्ण कार्य बाकी है। सुरक्षा, विश्वसनीयता और समय-सीमा सभी पर बराबर ध्यान देना होगा। यदि सबकुछ योजना के अनुरूप चलता रहा, तो भारत 2027 की शुरुआत में अपने पहले मानव अंतरिक्ष मिशन को सफलतापूर्वक पूरा कर सकता है।

हमारे देश की यह यात्रा तकनीक, साहस और दृढ़ संकल्प की कहानी है — और अब यह कहानी अगले अध्याय की ओर बढ़ रही है।

Related Post

H-1B Visa Fees Hike: अमेरिका का फैसला, भारत को मिलेगा फायदा?

Posted by - September 22, 2025 0
गुरुग्राम:अमेरिका ने H-1B वीजा शुल्क में जबरदस्त बढ़ोतरी कर दी है, जिससे लाखों भारतीय पेशेवरों और छात्रों की योजनाएँ प्रभावित…

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *