GST बचत उत्सव के बीच देशभर के वाहन चालकों को बड़ी राहत मिलने वाली है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने टोल टैक्स दरों में संशोधन का फैसला लिया है। अब तक टोल रेट तय करने के लिए महंगाई दर का आधार वर्ष 2004-05 माना जाता था, लेकिन अब इसे बदलकर 2011-12 कर दिया गया है। इस बदलाव के बाद छोटे वाहनों को टोल टैक्स में सीधा फायदा मिलेगा।
नई टोल दरें जल्द होंगी लागू
29 सितंबर को एनएचएआई के चंडीगढ़ क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से सभी प्रोजेक्ट डायरेक्टरों को आदेश जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि अब सभी टोल प्लाज़ा नई दरों के प्रस्ताव तैयार करें। संभावना है कि अगले सप्ताह से नए टोल रेट लागू हो जाएंगे।
छोटे वाहनों को सबसे ज्यादा फायदा
नए आधार वर्ष के अनुसार 2004-05 में लिंकिंग फैक्टर 1.641 था, जबकि 2011-12 के हिसाब से यह घटकर 1.561 हो गया है। इस बदलाव से टोल दरों में गिरावट आएगी और कार-जीप जैसे छोटे वाहनों को 5 से 10 रुपये तक की राहत मिलने का अनुमान है।
अप्रैल की बढ़ोतरी हो सकती है खत्म
1 अप्रैल 2025 को टोल दरों में औसतन 5% की बढ़ोतरी की गई थी। एनएचएआई के इस कदम से यह बढ़ोतरी वापस हो सकती है और दरें पिछले साल जैसी ही रह जाएंगी। गौरतलब है कि 2024 में भी टोल दरें 7.5% बढ़ाई गई थीं।
हरियाणा और देशभर की टोल वसूली
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देश में 1.5 लाख किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्गों पर एनएचएआई के 1,087 टोल प्लाज़ा हैं।
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इनसे सालाना करीब 61 हजार करोड़ रुपये और रोजाना औसतन 168 करोड़ रुपये वसूले जाते हैं।
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हरियाणा में 55 टोल प्लाज़ा हैं, जिनसे प्रतिदिन लगभग 9 करोड़ रुपये का राजस्व आता है।
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सिर्फ हिसार कार्यालय के अधीन 10 टोल प्लाज़ा से ही रोजाना करीब 1.68 करोड़ रुपये की वसूली होती है।
निष्कर्ष
एनएचएआई का यह संशोधन जहां वाहन मालिकों के लिए राहत लेकर आया है, वहीं सरकार और टोल कंपनियों के लिए यह राजस्व प्रबंधन की नई चुनौती भी साबित हो सकता है। फिलहाल छोटे वाहन चालकों के लिए यह खबर किसी तोहफे से कम नहीं है।