दीपिका पादुकोण वर्किंग आवर्स (Deepika Padukone work hours)अब बॉलीवुड में चर्चा का विषय बन गए हैं। हाल ही में खबरें आई हैं कि दीपिका ने दो मोस्ट अवेटेड फिल्मों से अपने वर्किंग आवर्स के कारण बाहर होना पड़ा। पहली फिल्म प्रभास के साथ ‘स्पिरिट’ और दूसरी प्रभास-अमिताभ बच्चन की ‘कल्कि 2898 AD’। इसी दौरान (Meanwhile) इंटरनेट पर फैंस और सेलेब्स में इस मुद्दे पर तीखी बहस हुई।
दीपिका का इंटरव्यू
सीएनबीसी-टीवी18 को दिए इंटरव्यू में दीपिका ने अपने वर्किंग आवर्स पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा, “एक महिला होने के नाते अगर यह दबाव लग रहा है तो ऐसा ही हो (However), लेकिन पुरुष सुपरस्टार्स सालों से 8 घंटे काम कर रहे हैं और यह कभी सुर्खियों में नहीं आया।” इस संदर्भ में दीपिका पादुकोण वर्किंग आवर्स का मुद्दा चर्चा में बना रहा।

चुनौतियों का सामना
जब उनसे पूछा गया कि उचित मांग करने की कीमत चुकानी पड़ी, तो दीपिका ने कहा, “मैंने ये कई लेवल्स पर किया है (Additionally), मेरे लिए नई बात नहीं है। अपनी लड़ाइयां चुपचाप और गरिमा के साथ मैनेज करना मेरा तरीका है।”* उन्होंने बताया कि पैमेंट और शिफ्ट जैसी मांगों में हमेशा संतुलन बनाए रखा।

दो फिल्मों से बाहर क्यों?
इसके अलावा (Moreover) दीपिका ने वर्क लाइफ बैलेंस के लिए ‘कल्कि 2898 AD’ और ‘स्पिरिट’ के सीक्वल छोड़ दिए। अब वह शाहरुख खान की फिल्म ‘किंग’ और अल्लू अर्जुन के एक्शन ड्रामा AA22xA6 में नजर आएंगी। इससे उनके फैंस और इंडस्ट्री में चर्चा बढ़ गई।
निष्कर्ष
दीपिका पादुकोण वर्किंग आवर्स (Deepika Padukone work hours) का मामला बॉलीवुड में वर्किंग आवर्स और व्यक्तिगत जरूरतों पर बहस को नया रूप देता है। निष्कर्षतः (In conclusion) यह इंडस्ट्री के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है कि वर्क-लाइफ बैलेंस को महत्व देना चाहिए।