चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ ने दोनों राज्यों में तबाही मचाई, कई जिलों में जलभराव, फसलों को नुकसान और जनजीवन अस्त-व्यस्त
चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ (Cyclone Montha) के प्रभाव से आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में पिछले 24 घंटों के दौरान भारी बारिश और तेज हवाओं ने जनजीवन को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। मौसम विभाग (IMD) ने बताया कि मोंथा बंगाल की खाड़ी से होकर तटीय आंध्र प्रदेश में प्रवेश कर चुका है, जिसके चलते राज्य के कई हिस्सों में तेज बारिश और 70-90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं।
इस चक्रवात का सबसे ज्यादा असर उत्तर आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम, विशाखापट्टनम, विजयवाड़ा, और पूर्वी गोदावरी जिलों में देखा गया, जबकि तेलंगाना में खम्मम, नलगोंडा, भद्राद्री कोठागुडेम और करीमनगर जिले प्रभावित हुए हैं। कई इलाकों में पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए, जिससे बिजली आपूर्ति और परिवहन सेवाएं ठप हो गईं।
भारी बारिश से जलभराव और सड़कें बनीं नदी
विजयवाड़ा और विशाखापट्टनम जैसे प्रमुख शहरों में बारिश के कारण सड़कें नदी जैसी दिखने लगीं। निचले इलाकों में पानी भर जाने से लोगों को घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया। स्थानीय प्रशासन ने कई जगहों पर रेस्क्यू टीमें और नावें तैनात की हैं ताकि फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके।
तेलंगाना के भद्राद्री कोठागुडेम जिले में गोदावरी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। प्रशासन ने नदी किनारे बसे गांवों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का अभियान शुरू किया है। भारी बारिश के चलते कई ग्रामीण इलाकों में कृषि भूमि जलमग्न हो गई है, जिससे किसानों को भारी नुकसान की आशंका है।
बिजली और परिवहन व्यवस्था ठप
चक्रवाती तूफान की तेज हवाओं से बिजली लाइनों को भारी नुकसान पहुंचा है। आंध्र प्रदेश के विजयनगरम और श्रीकाकुलम जिलों में सैकड़ों ट्रांसफॉर्मर और बिजली के खंभे गिर गए, जिससे हजारों घरों की बिजली काट दी गई है। बिजली विभाग की टीमें मरम्मत कार्य में जुटी हैं, लेकिन लगातार बारिश के कारण काम धीमी गति से चल रहा है।
रेल और सड़क परिवहन पर भी इसका गहरा असर पड़ा है। विशाखापट्टनम से गुजरने वाली कई ट्रेनों को रद्द या डायवर्ट किया गया है। राष्ट्रीय राजमार्गों पर भूस्खलन और जलभराव के कारण वाहनों की आवाजाही बाधित है। एयरपोर्ट प्राधिकरण ने भी एहतियातन कुछ उड़ानें स्थगित कर दी हैं।
सरकार ने राहत और बचाव कार्य तेज किए
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने आपात बैठक कर स्थिति की समीक्षा की और अधिकारियों को तत्काल राहत कार्यों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात करने का आदेश दिया है।
तेलंगाना सरकार ने भी राज्य के सभी जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है। मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने कहा कि सभी जिला कलेक्टरों को आपदा प्रबंधन के लिए 24×7 कंट्रोल रूम सक्रिय रखने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने प्रभावित परिवारों को अस्थायी राहत शिविरों में स्थानांतरित करने और जरूरतमंदों को भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।
मौसम विभाग ने जारी किया चेतावनी संदेश
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले 48 घंटों के लिए दोनों राज्यों में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग के अनुसार, “Cyclone Montha धीरे-धीरे कमजोर जरूर होगा, लेकिन इसके अवशेष के रूप में भारी बारिश और तेज हवाएं बनी रहेंगी।”
विभाग ने मछुआरों को अगले कुछ दिनों तक समुद्र में न जाने की सलाह दी है, क्योंकि बंगाल की खाड़ी में समुद्र उफान पर है। कोस्ट गार्ड और नेवी के जहाज भी तटीय निगरानी पर हैं, ताकि किसी आपात स्थिति में तुरंत बचाव अभियान चलाया जा सके।
फसलों को भारी नुकसान की आशंका
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के कई जिलों में किसान धान, मक्का और कपास जैसी फसलों की कटाई की तैयारी कर रहे थे, लेकिन Cyclone Montha ने कृषि गतिविधियों पर पानी फेर दिया। भारी बारिश और बाढ़ जैसी स्थिति से खेतों में फसलें डूब गईं, जिससे किसानों को लाखों का नुकसान होने की आशंका है।
राज्य कृषि विभाग ने सर्वे शुरू कर दिया है ताकि नुकसान का आकलन किया जा सके और किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू की जा सके। कृषि विशेषज्ञों ने कहा कि अगर बारिश अगले कुछ दिनों तक जारी रही, तो धान की फसल में सड़न और रोगों का खतरा बढ़ सकता है।
जनजीवन पर असर और सावधानी बरतने की अपील
दोनों राज्यों में स्कूल-कॉलेजों को अगले दो दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें, बिजली के पोल, पेड़ों या जलभराव वाले क्षेत्रों के पास न जाएं।
विशाखापट्टनम म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ने नागरिकों से कहा है कि किसी भी आपात स्थिति में हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करें। सोशल मीडिया पर प्रशासन लगातार मौसम अपडेट और सुरक्षा निर्देश साझा कर रहा है।
निष्कर्ष
Cyclone Montha ने एक बार फिर साबित किया है कि तटीय राज्यों को चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए सुदृढ़ आपदा प्रबंधन तंत्र की कितनी आवश्यकता है। सरकार और प्रशासन ने राहत कार्यों में तेजी जरूर लाई है, लेकिन आने वाले कुछ दिनों तक भारी बारिश, बिजली कटौती और यातायात व्यवधान से जनता को परेशानी झेलनी पड़ सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले 48 घंटे दोनों राज्यों के लिए बेहद अहम हैं। अगर Cyclone Montha का असर कमजोर नहीं हुआ, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। जनता से अपील की गई है कि वे सतर्क रहें और सरकारी निर्देशों का पालन करें।
