Boeing 777X विमान की निर्माण सुविधा में खड़ा विशाल जेट, इंजीनियर निरीक्षण करते हुए।

Boeing को 777X विमान परियोजना में 5 अरब डॉलर का नुकसान, बढ़ी उत्पादन लागत और डिलीवरी संकट

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Boeing को 777X विमान कार्यक्रम में 5 अरब डॉलर का घाटा, उत्पादन और डिलीवरी में देरी से बढ़ी चिंता

अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी Boeing ने अपने महत्वाकांक्षी 777X विमान कार्यक्रम में लगभग 5 अरब डॉलर (लगभग ₹42,000 करोड़) का भारी घाटा घोषित किया है। यह घाटा कंपनी के लिए एक और झटका माना जा रहा है, क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में Boeing को लगातार उत्पादन समस्याओं, सुरक्षा चिंताओं और बाजार में प्रतिस्पर्धा से जूझना पड़ा है। कंपनी ने कहा कि यह नुकसान मुख्य रूप से उत्पादन में देरी, सप्लाई चेन की बाधाओं और लागत में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण हुआ है।

Boeing के CEO डेव कैलहौन (Dave Calhoun) ने एक बयान में कहा कि कंपनी 777X कार्यक्रम की प्रगति पर काम जारी रखेगी, लेकिन उत्पादन लागत और समयसीमा पर नियंत्रण की जरूरत है। उन्होंने स्वीकार किया कि परियोजना में बार-बार आने वाली तकनीकी चुनौतियों और नियामक स्वीकृति में देरी से कंपनी को आर्थिक रूप से नुकसान झेलना पड़ रहा है।

777X कार्यक्रम की पृष्ठभूमि

Boeing का 777X विमान, कंपनी के प्रसिद्ध 777 जेट सीरीज़ का नवीनतम और सबसे बड़ा मॉडल है। यह विमान लंबी दूरी की उड़ानों के लिए डिजाइन किया गया है और इसमें फोल्डेबल विंगटिप्स (Foldable Wingtips) जैसी उन्नत तकनीक शामिल है, जो इसे पारंपरिक विमानों से अलग बनाती है। Boeing को उम्मीद थी कि यह मॉडल अंतरराष्ट्रीय यात्रा की मांग बढ़ने के साथ ही बाजार में उसकी स्थिति को मजबूत करेगा।

हालांकि, परियोजना की शुरुआत 2013 में हुई थी, लेकिन अब तक इसका व्यावसायिक लॉन्च बार-बार टलता जा रहा है। पहले इसे 2020 तक लॉन्च करने की योजना थी, लेकिन अब नई उम्मीद है कि 777X को 2026 तक व्यावसायिक रूप से सेवा में लाया जा सकेगा।

बढ़ती लागत और सप्लाई चेन चुनौतियाँ

Boeing ने बताया कि 777X कार्यक्रम पर आने वाली कुल लागत अब पहले के अनुमान से कई गुना बढ़ गई है। कंपनी को इंजन पार्ट्स, एवियोनिक्स और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स की आपूर्ति में देरी का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, कोविड-19 महामारी और उसके बाद की वैश्विक आर्थिक अस्थिरता ने विमानन उद्योग को गहरा झटका दिया है।

कंपनी के वित्तीय दस्तावेजों के अनुसार, Boeing Commercial Airplanes डिविजन ने इस तिमाही में भी उम्मीद से कम राजस्व दर्ज किया। विश्लेषकों का मानना है कि 777X परियोजना का घाटा कंपनी की बैलेंस शीट पर दीर्घकालिक असर डाल सकता है, खासकर तब जब उसे 737 MAX और 787 Dreamliner कार्यक्रमों से भी संघर्ष करना पड़ रहा है।

बाजार में प्रतिस्पर्धा

Boeing के प्रमुख प्रतिस्पर्धी Airbus ने हाल के वर्षों में अपने नए विमानों जैसे A350 और A321XLR के जरिए बाजार में मजबूत पकड़ बनाई है। कई एयरलाइनों ने Airbus के विमानों की ओर रुख किया है क्योंकि वे समय पर डिलीवरी और ईंधन दक्षता में बेहतर प्रदर्शन दे रहे हैं। इस प्रतिस्पर्धा ने Boeing पर और दबाव बढ़ा दिया है।

विमानन विशेषज्ञों के अनुसार, Boeing को अब अपने उत्पादन और आपूर्ति नेटवर्क को अधिक कुशल बनाना होगा ताकि वह बाजार में फिर से भरोसा जीत सके। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि कंपनी को 777X की डिलीवरी शेड्यूल और लागत नियंत्रण के लिए एक नई रणनीति अपनानी होगी।

शेयर बाजार पर असर

Boeing के ताजा वित्तीय नतीजों के बाद कंपनी के शेयरों में 4% की गिरावट दर्ज की गई। निवेशकों ने चिंता जताई कि लगातार बढ़ती परियोजना लागत और उत्पादन में देरी कंपनी की दीर्घकालिक लाभप्रदता को प्रभावित कर सकती है। हालांकि, Boeing प्रबंधन ने यह भी कहा कि वे 2026 तक 777X के लिए उत्पादन स्थिर करने और डिलीवरी शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

भविष्य की योजना

Boeing ने बताया कि वह 777X कार्यक्रम के अलावा, अपनी सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल (SAF) और ग्रीन एविएशन टेक्नोलॉजी पर भी निवेश बढ़ा रही है। कंपनी चाहती है कि भविष्य के विमान न केवल अधिक कुशल हों, बल्कि पर्यावरण के लिए भी बेहतर विकल्प प्रदान करें।

डेव कैलहौन ने कहा, “हम जानते हैं कि चुनौतियाँ गंभीर हैं, लेकिन Boeing की इंजीनियरिंग क्षमता और टीमवर्क पर हमें भरोसा है। 777X एक ऐसा विमान बनेगा जो आने वाले दशकों के लिए विमानन उद्योग की दिशा तय करेगा।”

निष्कर्ष

Boeing का 5 अरब डॉलर का घाटा इस बात का संकेत है कि विमानन उद्योग में उन्नत तकनीक और सुरक्षा मानकों को बनाए रखना कितना महंगा और चुनौतीपूर्ण हो सकता है। जबकि Airbus जैसे प्रतिस्पर्धी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, Boeing के लिए यह समय आत्ममंथन और रणनीतिक सुधार का है।

यदि कंपनी अपनी उत्पादन और आपूर्ति बाधाओं को दूर करने में सफल होती है, तो 777X कार्यक्रम उसके लिए एक लंबी अवधि का लाभदायक सौदा साबित हो सकता है। परंतु, वर्तमान में यह घाटा कंपनी की वित्तीय स्थिति और निवेशकों के विश्वास के लिए एक बड़ा झटका है।

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