Actor Abhinay Death :जब भी साउथ इंडस्ट्री (South Industry) के सशक्त और जज़्बाती कलाकारों (emotional actors) की बात आती है, तो अब एक नाम अभिनय किंगरके रूप में हमेशा याद किया जाएगा। फेमस तमिल अभिनेता अभिनय किंगर ने 44 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। अपनी दमदार एक्टिंग (powerful acting) और गहराई से भरे किरदारों (deep characters) से उन्होंने दर्शकों के दिलों में जगह बनाई थी। हालांकि (however), पिछले कई सालों से वह गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे और 10 नवंबर 2025 को उन्होंने आखिरी सांस ली।
लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे
दरअसल (actually), अभिनय किंगर पिछले कई सालों से लिवर की गंभीर बीमारी (liver disease) से पीड़ित थे। उनकी तबीयत धीरे-धीरे इतनी खराब होती गई कि वे चलने-फिरने में भी असमर्थ हो गए थे। इसके अलावा (in addition), इलाज का खर्च इतना बढ़ गया था कि उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। इसलिए (therefore) उन्होंने सार्वजनिक रूप से लोगों और फिल्म इंडस्ट्री से मदद की अपील की थी। उनके निधन की खबर से पूरी साउथ फिल्म इंडस्ट्री (South Film Industry) में शोक की लहर दौड़ गई है।
कुछ दिन पहले कही थी भावुक बातें
थोड़े ही दिन पहले अभिनय किंगर ने एक वीडियो संदेश (video message) साझा किया था, जिसमें उन्होंने कहा था— “मुझे नहीं पता कि मैं ज्यादा समय तक जीवित रह पाऊंगा या नहीं, डॉक्टरों ने कहा है कि मेरे पास सिर्फ डेढ़ साल का समय है।” यह बयान सुनने के बाद उनके चाहने वाले (fans) भावुक हो गए थे। वहीं (meanwhile), अब उनके निधन ने सभी को गहरा सदमा पहुंचाया है। इस वक्त उनका पार्थिव शरीर (mortal remains) चेन्नई स्थित उनके घर पर रखा गया है, और अंतिम संस्कार (last rites) की तैयारी नदिगर संगम के प्रतिनिधियों द्वारा की जा रही है।
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करियर की शुरुआत और सफर
अगर करियर की बात करें, तो अभिनय ने साल 2002 में धनुष (Dhanush) के साथ अपनी पहली फिल्म ‘थुल्लुवधो इलमई’ (Thulluvadho Ilamai) से डेब्यू किया था। दिलचस्प बात (interestingly) यह है कि यह दोनों कलाकारों की पहली फिल्म थी। इस फिल्म ने न केवल अभिनय को पहचान दिलाई बल्कि उनकी एक्टिंग स्किल्स (acting skills) ने भी दर्शकों को प्रभावित किया। इसके बाद उन्होंने तमिल, तेलुगु और कन्नड़ (Tamil, Telugu, Kannada) भाषाओं में 15 से अधिक फिल्मों, विज्ञापनों और वॉयस-ओवर प्रोजेक्ट्स (voice-over projects) में काम किया।

वहीं (on the other hand), साल 2012 में उन्होंने सुपरहिट फिल्म ‘थुप्पाक्की’ (Thuppakki) में विलेन विद्युत जामवाल (Vidyut Jammwal) के किरदार को अपनी आवाज़ दी थी। उनकी दमदार वॉयस (powerful voice) और शानदार डायलॉग डिलीवरी (dialogue delivery) को दर्शकों ने खूब सराहा। इसके साथ (along with this), उन्होंने एनीमेशन और विज्ञापनों में भी अपनी आवाज़ दी, जिससे वे एक बहुमुखी कलाकार (versatile artist) के रूप में जाने गए।
इंडस्ट्री और साथियों ने दी श्रद्धांजलि
Actor Abhinay Death के बाद साउथ फिल्म इंडस्ट्री (South Film Industry) के कई सेलेब्रिटी (celebrities) ने सोशल मीडिया (social media) पर शोक जताया। कॉमेडियन केपीवाई बाला (KPY Bala) ने उनकी मदद के लिए एक लाख रुपये का योगदान दिया था, जबकि धनुष ने reportedly पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद की थी। इसके बावजूद (despite that), उनकी तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ। कुछ हफ्ते पहले ही अभिनय आखिरी बार चेन्नई में एक फिल्म की प्रेस कॉन्फ्रेंस (press conference) में दिखाई दिए थे, जहां उनकी हालत काफी कमजोर नजर आई थी।
उनकी जिद और मेहनत हमेशा रहेगी याद
अभिनय किंगर ने अपने करियर में हमेशा मेहनत (hard work) को प्राथमिकता दी। उन्होंने कभी अपनी बीमारी (illness) को अपने सपनों के बीच नहीं आने दिया। बल्कि (instead), आखिरी वक्त तक वे एक्टिंग और डबिंग से जुड़े रहे। यही कारण है कि ‘थुल्लुवधो इलमई’ में उनका किरदार आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है।
वहीं (moreover), उनके संघर्ष और जुनून (dedication and passion) ने कई युवा कलाकारों को प्रेरित किया है। एक समय जब उनकी हालत बिगड़ने लगी, तो भी उन्होंने उम्मीद (hope) नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा था, “मैं जितना काम कर सकता हूं, उतना करना चाहता हूं, ताकि अपने परिवार को कुछ छोड़ सकूं।”
आखिरकार, एक युग का अंत
Finally (अंत में), यह कहना गलत नहीं होगा कि Actor Abhinay Death ने तमिल फिल्म इंडस्ट्री से एक ऐसे कलाकार को छीन लिया, जिसने अपनी सादगी (simplicity), मेहनत और सच्चाई से सभी के दिलों में अमिट छाप छोड़ी। हालांकि (however), उनका सफर छोटा रहा, लेकिन उन्होंने जो यादें (memories) छोड़ी हैं, वे हमेशा जीवित रहेंगी।
उनकी जिंदादिली (cheerfulness) और अभिनय के प्रति समर्पण (dedication to acting) आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे। अभिनय किंगर की कहानी सिर्फ एक अभिनेता की नहीं, बल्कि उस इंसान की है जिसने कठिनाइयों (struggles) में भी मुस्कुराना सीखा और आखिरी वक्त तक अपने काम के प्रति वफादार (loyal) रहा।


