हर करवा चौथ पर करवा चौथ मेहंदी सिर्फ श्रृंगार नहीं होती, बल्कि यह दांपत्य जीवन में सौभाग्य और प्रेम को बढ़ाने का एक शुभ उपाय माना जाता है। मेहंदी लगाते समय विशेष सामग्री मिलाने और व्रत के नियमों का पालन करने से इस पर्व की पावनता और गुणगुण बढ़ जाते हैं। इस लेख में हम बताएँगे कि करवा चौथ मेहंदी में क्या-क्या मिलाएँ, किन बातों का ध्यान रखें, और व्रत के नियम क्या हैं — ताकि आप पूरे मन से पूजा कर सकें।
करवा चौथ मेहंदी: क्या मिलाएँ और क्यों ?
1. हल्दी / चंदन / गुलाब पंखुड़ियाँ
इनमें हल्दी या चंदन की हल्की मात्रा मिलाने से मेहंदी को शुभ और सौम्य माना जाता है। गुलाब की पंखुड़ियाँ सुगंध के लिए मिलाई जाती हैं।
2. शक्कर या चीनी + नींबू रस
मेहंदी में चीनी या शक्कर मिलाने से मेहंदी की पेस्ट हाथ पर लंबे समय तक टिकती है और रंग गहरा करती है।
3. इत्र या गुलाब जल
छोटी मात्रा में इत्र या गुलाब जल मिलाने से सुगंध और परफ्यूम बना रहता है।
ये मिश्रण मेहंदी को सुंदर रंग, सुगंध और स्थायित्व देता है।
मेंहदी का उपयोग हिन्दू परंपराओं में शुभता और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।

व्रत के नियम: क्या ध्यान रखना चाहिए
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सुबह की तैयारी
रोज सवेरे सात-साढ़े सात बजे या ब्रह्म मुहूर्त में उठना शुभ माना जाता है।
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सॉली/सargi लेना
सुहागिनाएँ व्रत शुरू होने से पहले सॉली (maata की ओर से भोजन) ग्रहण करती हैं।
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रंग और वस्त्र
इस दिन काले और सफेद रंग पहनने से बचें — इन्हें अशुभ माना जाता है।

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उच्चारण, झगड़े से बचें
व्रत के दिन मुस्कान रखें, शांति बनाए रखें, और किसी तरह की लड़ाई-झगड़ा न करें।
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गर्भवती महिलाओं के लिए चेतावनी
गर्भवती महिलाएँ विशेष सावधानी बरतें — अगर स्वास्थ्य समस्या हो तो व्रत से बचना चाहिए।
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व्रत खोलने का समय
चाँद निकलने के बाद, चाँद दर्शन और पूजा के बाद ही व्रत खोला जाता है।
करवा चौथ मेहंदी और दांपत्य जीवन
करवा चौथ मेहंदी का अर्थ सिर्फ साज-सज्जा नहीं, बल्कि यह पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास को भी मजबूत करती है। मेहंदी में मिलाई गई शुभ सामग्री और व्रत का नियम अगर सही तरीके से अपनाया जाए, तो माना जाता है कि रिश्ता और सम्मान बढ़ता है।
मेहंदी के गहरे रंग को यह भी शुभ माना जाता है कि पति-पत्नी के बीच स्नेह बढ़े।