कोलकाता। भारतीय क्रिकेट के ‘दादा’ और पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने एक बार फिर बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन (CAB) की कमान संभाल ली है। छह साल बाद गांगुली निर्विरोध चुने गए हैं और उनकी वापसी ने बंगाल क्रिकेट में नई ऊर्जा भर दी है। 2015 से 2019 के बीच वह पहले भी CAB अध्यक्ष रह चुके हैं और इस बार वे बड़े बदलावों और प्रोजेक्ट्स की रूपरेखा के साथ लौटे हैं।
निर्विरोध चुने गए गांगुली
CAB की 94वीं वार्षिक आम बैठक (AGM) में गांगुली का अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा था। किसी ने उनके खिलाफ नामांकन दाखिल नहीं किया और उन्हें सर्वसम्मति से चुना गया।
उनकी टीम में सचिव बाबलू कोलाय, संयुक्त सचिव मदन मोहन घोष, कोषाध्यक्ष संजय दास और उपाध्यक्ष अनु दत्ता भी निर्विरोध चुने गए। सौरव के बड़े भाई स्नेहशिश गांगुली ने पिछला कार्यकाल पूरा करने के बाद पद छोड़ा और अब दादा ने यह जिम्मेदारी संभाली।

गांगुली की पहली प्राथमिकताएँ
गांगुली ने अध्यक्ष बनने के तुरंत बाद अपनी योजनाओं का खाका पेश किया।
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ईडन गार्डन्स का विस्तार: उनका लक्ष्य है कि ईडन गार्डन्स की दर्शक क्षमता को करीब 1 लाख तक बढ़ाया जाए। यह परियोजना अगले साल होने वाले T20 वर्ल्ड कप के बाद आगे बढ़ेगी।
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दक्षिण अफ्रीका टेस्ट की तैयारी: नवंबर में भारत और साउथ अफ्रीका के बीच टेस्ट मैच ईडन में खेला जाएगा। गांगुली चाहते हैं कि यह आयोजन भव्य और यादगार बने।
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डुमरजला क्रिकेट अकादमी: CAB डुमरजला में एक आधुनिक क्रिकेट अकादमी बनाने की योजना पर काम कर रहा है। इससे युवा खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएँ और ट्रेनिंग मिलेगी।
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जिला क्रिकेट का विकास: विकास कोष को बढ़ाकर अब ₹8 करोड़ कर दिया गया है ताकि जिला स्तर पर क्रिकेट का ढांचा मजबूत हो सके।
चुनौतियाँ भी कम नहीं
गांगुली के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी — इन योजनाओं को ज़मीन पर उतारना।
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ईडन गार्डन्स का विस्तार आसान काम नहीं है। इसके लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर, यातायात, सुरक्षा और लीज़ से जुड़े मसले हल करने होंगे।
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वित्तीय पारदर्शिता भी अहम मुद्दा है। हाल के वर्षों में CAB पर प्रबंधन को लेकर सवाल उठते रहे हैं।
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अकादमी प्रोजेक्ट के लिए न सिर्फ़ निर्माण, बल्कि योग्य कोचिंग स्टाफ, सुविधाएँ और संचालन का ठोस प्लान तैयार करना होगा।

क्यों अहम है गांगुली की वापसी?
गांगुली के पास क्रिकेट प्रशासन का बड़ा अनुभव है। 2019 से 2022 तक वे BCCI अध्यक्ष रहे और उस दौरान भारतीय क्रिकेट ने कई महत्वपूर्ण बदलाव देखे। अब उनकी CAB में वापसी से उम्मीद है कि बंगाल क्रिकेट को नई दिशा और मज़बूती मिलेगी।
उनका कद और लोकप्रियता CAB को न सिर्फ़ वित्तीय मजबूती दिला सकती है बल्कि बड़े टूर्नामेंटों और स्पॉन्सरशिप के लिए भी आकर्षण का केंद्र बना सकती है।
निष्कर्ष
सौरव गांगुली की यह वापसी बंगाल क्रिकेट के लिए एक नया अध्याय है। उनकी योजनाएँ अगर अमल में आती हैं तो CAB न सिर्फ़ घरेलू क्रिकेट को मज़बूत करेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी छाप छोड़ेगा। पर असली परीक्षा यही है कि कितनी जल्दी और कितनी पारदर्शिता के साथ ये प्रोजेक्ट्स पूरे होते हैं।