पंचांग: नवरात्रि का चौथा दिन, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन-विधि

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पंचांग: नवरात्रि का चौथा दिन, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन-विधि

नई दिल्ली, 26 सितम्बर 2025 – शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व इस समय देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। आज नवरात्रि का चौथा दिन है, जिसे माता दुर्गा के कुष्मांडा स्वरूप की उपासना के लिए समर्पित माना जाता है। इस दिन भक्तजन मां की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना करते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, चौथे दिन विशेष मुहूर्त और व्रत-पूजन की परंपराएं विस्तार से वर्णित हैं।

चौथे दिन मां कुष्मांडा की उपासना

मां दुर्गा का चौथा स्वरूप कुष्मांडा के नाम से प्रसिद्ध है। पुराणों के अनुसार, उन्होंने अपनी हल्की मुस्कान से ब्रह्मांड की रचना की थी, इसीलिए उनका नाम कुष्मांडा पड़ा। मां कुष्मांडा को अष्टभुजा देवी भी कहा जाता है, जिनके हाथों में धनुष-बाण, कमंडल, अमृतकलश, चक्र, गदा और अन्य दैवीय शस्त्र शोभित होते हैं।

इस दिन मां की आराधना करने से आरोग्यता, सौभाग्य और आयु में वृद्धि होती है। माना जाता है कि मां कुष्मांडा की पूजा से साधक के भीतर ऊर्जा का संचार होता है और उसे जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।

आज का पंचांग

  • तिथि: चतुर्थी तिथि
  • वार: शुक्रवार
  • नक्षत्र: अनुराधा नक्षत्र
  • योग: शुभ योग
  • चंद्रमा की स्थिति: वृश्चिक राशि में
  • सूर्योदय: प्रातः 6:09 बजे
  • सूर्यास्त: सायं 6:03 बजे

शुभ मुहूर्त

  • घटस्थापना व पूजन का मुहूर्त: प्रातः 7:00 बजे से 9:30 बजे तक
  • दुर्गा अर्चना का विशेष समय: दोपहर 12:10 बजे से 1:40 बजे तक
  • संध्या आरती का मुहूर्त: शाम 6:30 बजे से रात 8:00 बजे तक

आज के दिन मां की पूजा उपयुक्त मुहूर्त में करने से विशेष फल मिलता है।

पूजन-विधि

  1. प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र करें।
  3. मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र को स्थापित कर दीप जलाएं।
  4. लाल या नारंगी फूल, नारियल, सुपारी और श्रृंगार का सामान अर्पित करें।
  5. मां कुष्मांडा को मालपुआ, हलवा या मीठा भोग लगाना विशेष शुभ माना जाता है।
  6. दुर्गा सप्तशती, देवी कवच या कुष्मांडा स्तोत्र का पाठ करें।
  7. अंत में आरती कर प्रसाद बांटें।

चौथे दिन का महत्व

नवरात्रि का चौथा दिन साधकों के लिए अत्यंत पवित्र माना गया है। इस दिन मां कुष्मांडा की उपासना करने से:

  • घर में समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • आरोग्य संबंधी कष्ट दूर होते हैं।
  • मानसिक शांति प्राप्त होती है।
  • करियर और शिक्षा में सफलता मिलती है।

धार्मिक मान्यता है कि मां कुष्मांडा भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं और उन्हें हर प्रकार के भय से मुक्ति दिलाती हैं।

 

उपवास और नियम

नवरात्रि में उपवास रखने वाले भक्त आज भी फलाहार कर सकते हैं। चौथे दिन दूध, दही, साबूदाना, फल, मखाने और कुट्टू के आटे से बने व्यंजन ग्रहण करना शुभ माना जाता है।

  • तामसिक भोजन (प्याज, लहसुन, मांस, मदिरा) से परहेज करें।
    व्रत के दौरान संयम और सात्विक आचरण पर विशेष ध्यान दें।
  • गरीब और जरूरतमंदों को भोजन व वस्त्र दान करना पुण्यकारी है।

सांस्कृतिक महत्व

भारत के विभिन्न राज्यों में चौथे दिन की पूजा अलग-अलग तरीकों से की जाती है।

  • उत्तर भारत: भक्तजन भव्य दुर्गा आरती और कन्या पूजन का आयोजन करते हैं।
  • पश्चिम बंगाल: दुर्गा पंडालों में सांस्कृतिक कार्यक्रम और देवी की प्रतिमा की अलंकृत सजावट होती है।
  • दक्षिण भारत: घरों में ‘गोलू’ सजाने की परंपरा रहती है, जहां देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित की जाती हैं
  • गुजरात और महाराष्ट्र: गरबा और डांडिया नृत्य के आयोजन से रातें रोशन रहती हैं।

मंत्र और स्तुति

मां कुष्मांडा की कृपा पाने के लिए भक्त इस मंत्र का जाप करते हैं:

“ॐ देवी कुष्माण्डायै नमः।”

इसके अतिरिक्त देवी कवच और दुर्गा सप्तशती का पाठ करना भी शुभ माना जाता है।

श्रद्धालुओं में उत्साह

नवरात्रि का यह चौथा दिन मंदिरों में खासा रौनक लेकर आता है। दिल्ली, वाराणसी, जयपुर, कोलकाता और अहमदाबाद के प्रमुख दुर्गा मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। माता रानी के भजनों से वातावरण भक्तिमय बना हुआ है।

कई स्थानों पर सामूहिक हवन और देवी जागरण का आयोजन किया गया है। श्रद्धालु मानते हैं कि नवरात्रि में किए गए पूजन और उपवास से पूरे वर्ष घर में सुख-शांति बनी रहती है।

निष्कर्ष

नवरात्रि का चौथा दिन मां कुष्मांडा की भक्ति और साधना का प्रतीक है। पंचांग के अनुसार आज के शुभ मुहूर्त में यदि श्रद्धा और विधि-विधान से पूजा की जाए तो भक्तों को आरोग्य, समृद्धि और सफलता की प्राप्ति होती है। नवरात्रि केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि सामाजिक एकता, सांस्कृतिक विविधता और आस्था का पर्व है, जो पूरे भारत को एक सूत्र में बांधता है।

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