गुरुग्राम :सरकार ने उपभोक्ताओं की सुरक्षा और गहनों की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए चांदी में डिजिटल हॉलमार्किंग की व्यवस्था शुरू कर दी है। यह व्यवस्था 1 सितंबर 2025 से लागू हुई है। अब खरीदारों को शुद्ध चांदी का भरोसा मिलेगा और धोखाधड़ी की संभावना कम होगी।
नया मानक और व्यवस्था
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने नया IS 2112:2025 मानक लागू किया है। इसमें हर गहने पर HUID कोड होगा जो उसकी शुद्धता का डिजिटल सबूत देगा। अब चांदी के गहने सात ग्रेड में उपलब्ध होंगे—800 से लेकर 999 तक। हॉलमार्किंग में तीन निशान होंगे: BIS मार्क, शुद्धता ग्रेड और यूनिक HUID कोड।
उपभोक्ताओं के लिए सुविधा
ग्राहक अब BIS Care ऐप पर गहनों की जानकारी आसानी से देख सकते हैं। ऐप पर गहने का प्रकार, शुद्धता, हॉलमार्किंग की तारीख और जौहरी का पंजीकरण नंबर जैसी डिटेल मिल जाएगी। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और खरीदारी में विश्वास मजबूत होगा।
इस कदम के फायदे
डिजिटल हॉलमार्किंग से मिलावट और धोखाधड़ी पर रोक लगेगी। ग्राहकों को गुणवत्ता की गारंटी मिलेगी और ज्वैलर्स पर भरोसा बढ़ेगा। यह कदम भारत के गहना उद्योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मजबूत बनाएगा।
निष्कर्ष
फिलहाल यह व्यवस्था स्वैच्छिक है, लेकिन भविष्य में इसे अनिवार्य किया जा सकता है। जैसे सोने की हॉलमार्किंग ने बाजार में बदलाव लाया था, वैसे ही चांदी की हॉलमार्किंग भी उपभोक्ताओं को सुरक्षित और निश्चिंत खरीदारी का भरोसा दिलाएगी।