गुरुग्राम। ब्रेन स्ट्रोक आज के समय में तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह एक ऐसी मेडिकल इमरजेंसी है जिसमें हर सेकंड अहम होता है। अगर समय रहते इसके लक्षण पहचान लिए जाएँ और इलाज मिल जाए तो मरीज की जान बच सकती है। लेकिन अनदेखी करने पर यह जानलेवा भी साबित हो सकता है।
ब्रेन स्ट्रोक क्या होता है?
ब्रेन स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क तक खून की आपूर्ति बाधित हो जाती है। यह दो कारणों से हो सकता है – या तो खून का थक्का (Clot) बन जाता है जिससे ब्लॉकेज हो जाता है, या फिर खून की नस फट जाती है और ब्रेन में रक्तस्राव होने लगता है। दोनों ही स्थितियों में मस्तिष्क की कोशिकाओं तक ऑक्सीजन और पोषण नहीं पहुँच पाता और वे तेजी से क्षतिग्रस्त होने लगती हैं। यही कारण है कि ब्रेन स्ट्रोक को “ब्रेन अटैक” भी कहा जाता है।
ब्रेन स्ट्रोक के प्रमुख लक्षण
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण अचानक दिखाई देते हैं और शरीर को तुरंत प्रभावित करते हैं। अक्सर लोग इन्हें सामान्य कमजोरी या थकान समझकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं, लेकिन यही गलती खतरनाक साबित हो सकती है। इसके कुछ प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं:
- चेहरे, हाथ या पैर में अचानक कमजोरी या सुन्नपन आना, खासकर शरीर के एक तरफ।
- बोलने में दिक्कत होना या सामने वाले की बात समझने में कठिनाई।
- अचानक आँखों की रोशनी धुंधली होना या पूरी तरह चले जाना।
- तेज सिरदर्द, चक्कर आना और संतुलन बिगड़ना।
- अचानक चलने में कठिनाई होना या बेहोशी की स्थिति आना।
अगर शरीर में इनमें से कोई भी लक्षण दिखे तो तुरंत अस्पताल पहुँचें और विशेषज्ञ से जांच करवाएँ।
क्यों ज़रूरी है तुरंत इलाज?
ब्रेन स्ट्रोक में हर मिनट बेहद कीमती होता है। जितनी देर इलाज में होती है, उतना ही ज्यादा दिमाग की कोशिकाओं का नुकसान होता है। डॉक्टरों का कहना है कि अगर शुरुआती “गोल्डन आवर” में मरीज को सही इलाज मिल जाए तो उसकी रिकवरी की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। इलाज में देरी होने पर मरीज को स्थायी लकवा, बोलने में समस्या या याददाश्त कमजोर होने जैसी परेशानियाँ हो सकती हैं।
ब्रेन स्ट्रोक से बचाव कैसे करें?
हालाँकि ब्रेन स्ट्रोक अचानक होता है, लेकिन कुछ जीवनशैली में बदलाव करके इससे काफी हद तक बचाव किया जा सकता है। संतुलित आहार लेना, नियमित व्यायाम करना, धूम्रपान और शराब से दूरी बनाना और ब्लड प्रेशर व शुगर लेवल को कंट्रोल में रखना बेहद ज़रूरी है। इसके अलावा, जिन लोगों के परिवार में स्ट्रोक का इतिहास रहा है, उन्हें नियमित स्वास्थ्य जांच करानी चाहिए।
निष्कर्ष
ब्रेन स्ट्रोक को हल्के में लेना बेहद खतरनाक हो सकता है। अगर अचानक शरीर में सुन्नपन, बोलने में परेशानी या तेज सिरदर्द जैसे लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर इलाज मिलने से मरीज की जान बच सकती है और भविष्य की जटिलताओं से भी बचाव हो सकता है।
