एक हुडी पहने हैकर लैपटॉप पर काम कर रहा है, जो दर्शाता है कि साइबर अपराधी ऑनलाइन गेम्स का जाल बिछाकर बच्चों को शिकार बना रहे हैं।

ऑनलाइन गेम्स का जाल बना बच्चों का शिकारी: NCRB रिपोर्ट में बड़ा खुलासा!

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देश में साइबर क्राइम के आँकड़े तेज़ी से बढ़ रहे हैं, और बच्चों के ख़िलाफ़ अपराध रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गए हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की हालिया रिपोर्ट बताती है कि 2021 से 2022 तक बच्चों के ख़िलाफ़ साइबर अपराध में क़रीब 32% की भारी वृद्धि हुई है। लेकिन (but) अब साइबर अपराधी बच्चों को निशाना बनाने के लिए एक नया और ख़तरनाक तरीक़ा अपना रहे हैं: ऑनलाइन गेम्स का जाल

बच्चों को ऑनलाइन गेम्स जैसे प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए निशाना बनाया जाता है। अपराधी लालच देकर, विश्वास जीतकर और उनकी कमज़ोरियाँ जानकर धीरे-धीरे निजी जानकारी इकट्ठा करते हैं। इस जानकारी का उपयोग बाद में पैसों की वसूली, ब्लैकमेल या बैंक खातों में सेंध लगाने के लिए किया जाता है।

1. जालसाज़ी के ख़तरनाक तरीक़े (Cyber Trapping Methods)

साइबर अपराधी गेम्स की आड़ में कई चालाकियों से बच्चों को फँसाते हैं:

ग्रूमिंग (Grooming)

अपराधी गेमिंग चैट रूम या वॉयस चैनलों में बच्चों से दोस्ती करते हैं। धीरे-धीरे भरोसा जीतने के पश्चात (afterwards), वे बच्चों पर निजी फोटो या वीडियो शेयर करने का दबाव डालते हैं। NCRB के अनुसार, 2023 में ग्रूमिंग और शोषण के 4199 मामले दर्ज हुए थे।

एक बच्चा रात के अंधेरे में टैबलेट पर ऑनलाइन गेम देख रहा है, जो दिखाता है कि ऑनलाइन गेम्स का जाल बच्चों को कैसे फँसा रहा है।
रात-रात भर गेमिंग: बच्चों की लत और ऑनलाइन गेम्स का जाल उन्हें साइबर क्राइम की ओर धकेल रहा है।

ब्लैकमेलिंग (Blackmailing)

स्कैमर अक्सर गेम्स में चीट कोड या शॉर्टकट का लालच देकर बच्चों से ख़तरनाक लिंक पर क्लिक करवा लेते हैं। ये लिंक्स मोबाइल में स्पाईवेयर (Spyware) डाल देते हैं और अपराधियों को फ़ोन का एक्सेस मिल जाता है। इसके बाद (Following this), वे फोटो, चैट और बैंक डिटेल्स चुराकर ब्लैकमेल करना शुरू कर देते हैं।

वित्तीय फ्रॉड (Financial Fraud)

ऑनलाइन गेमिंग की लत जानलेवा हो सकती है। उदाहरण के तौर पर (For example), लखनऊ में एक छठी क्लास के छात्र ने ऑनलाइन गेम में अपने पिता के अकाउंट से 14 लाख रुपये साइबर अपराधियों के खाते में ट्रांसफ़र कर दिए। परिवार को भनक लगने पर सदमे में आकर छात्र ने आत्महत्या कर ली।

"लालच का मायाजाल" शीर्षक वाला ग्राफ़िक जिसमें क्रेडिट कार्ड और साइबर क्राइम का इलस्ट्रेशन है, जो ऑनलाइन गेम्स का जाल और वित्तीय फ्रॉड को दिखाता है।
गेमिंग के नाम पर वित्तीय फ्रॉड: ऑनलाइन गेम्स का जाल पैसों के लालच से बच्चों को शिकार बनाता है।

2. क्यों आसान शिकार हैं बच्चे? (Why Children are Easy Targets)

बच्चों को निशाना बनाना आसान होता है, क्योंकि (because):

  • अनाम पहचान (Anonymity): गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म पर अपराधी अपनी असली पहचान छिपाकर बच्चों से दोस्ती करते हैं।
  • कम जागरूकता: बच्चे ऑनलाइन खतरों, जैसे फ़िशिंग स्कैम, और दुर्भावनापूर्ण लिंक की पहचान नहीं कर पाते।
  • पॉइंट्स/रिवार्ड्स का लालच: गेम के कॉइन, पॉइंट्स या अगली स्टेज में जाने का लालच उन्हें पैसों के लेन-देन या निजी जानकारी साझा करने के लिए मजबूर करता है।

यह समझना ज़रूरी है कि ऑनलाइन गेम्स का जाल केवल खेल नहीं, बल्कि एक गंभीर सुरक्षा चुनौती है।

दो बच्चे हेडफ़ोन लगाकर लैपटॉप और फ़ोन का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो बच्चों के डिजिटल उपकरणों पर अत्यधिक निर्भरता और ऑनलाइन गेम्स का जाल में फँसने के ख़तरे को दर्शाता है।
पेरेंट्स ध्यान दें: बच्चों को गैजेट्स देते समय ऑनलाइन गेम्स का जाल और सुरक्षा के बारे में जागरूक करें।

3. माता-पिता के लिए साइबर सुरक्षा के उपाय (ऑनलाइन गेम्स का जाल तोड़ने के लिए)

अभिभावकों को चाहिए कि वे सक्रिय होकर अपने बच्चों को डिजिटल स्पेस में सुरक्षित रखें:

A. बातचीत और जागरूकता

बच्चों को इंटरनेट और ऑनलाइन गेम्स की अच्छी-बुरी बातें बताएँ। अगर आपके बच्चे के व्यवहार में अचानक बदलाव नज़र आता है, तो उनकी ऑनलाइन गतिविधियों की जाँच करें। याद रखें (Remember), यह उनकी निजता का उल्लंघन नहीं, बल्कि डिजिटल स्पेस में उनके पालन-पोषण का हिस्सा है।

एक माँ और बेटी लैपटॉप पर साइबर सुरक्षा के बारे में जान रही हैं, यह ऑनलाइन गेम्स का जाल और इससे सुरक्षा को दर्शाता है।
पेरेंट्स को बच्चों को ऑनलाइन गेम्स का जाल और उसके ख़तरों के बारे में ज़रूर बताना चाहिए।

B. तकनीकी नियंत्रण

  1. पासवर्ड: बच्चों को मज़बूत और जटिल पासवर्ड बनाना सिखाएँ, और उसे किसी के साथ साझा न करने दें।
  2. Parental Control: फ़ोन और गेमिंग कंसोल पर एज रेटिंग (Age Rating) और पैरेंटल कंट्रोल सुविधा का उपयोग करें।
  3. सार्वजनिक उपयोग: बच्चों को बेडरूम या बाथरूम जैसे निजी क्षेत्रों में डिवाइस उपयोग करने की अनुमति न दें। तकनीक का उपयोग हमेशा घर के सार्वजनिक क्षेत्रों में ही होना चाहिए।
  4. अपडेट: डिवाइस और सभी ऐप्स को अपडेट रखें, क्योंकि (since) अपडेट सुरक्षा ख़ामियों को ठीक करते हैं।

C. शिकायत और मदद

अगर आपका बच्चा साइबर अपराध का शिकार हो जाए, तो इसे छिपाएँ नहीं। बच्चे को भरोसे में लेकर घटना की तुरंत शिकायत करें। घटना से जुड़ी जानकारी (स्क्रीनशॉट, मैसेज, लिंक) को पुलिस या राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (cybercrime.gov.in या हेल्पलाइन 1930) को दें।बच्चों को समझाना होगा कि ऑनलाइन गेम्स का जाल केवल एक खेल नहीं है, और किसी भी ख़तरनाक स्थिति में माता-पिता को बताना ही सबसे सुरक्षित रास्ता है।

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