Vishwakarma Puja 2024 : विश्वकर्मा पूजा हर साल 17 या 18 सितंबर को कन्या संक्रांति के अवसर पर मनाई जाती है। यह पूजा मुख्य रूप से कारखानों, औद्योगिक क्षेत्रों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में मनाई जाती है। इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है, जिन्हें विश्व का निर्माता और देवताओं का दिव्य वास्तुकार माना जाता है। माना जाता है कि भगवान विश्वकर्मा ने द्वारका, पांडवों की माया सभा, और देवताओं के लिए अनेक दिव्य अस्त्रों का निर्माण किया था।
श्री विश्वकर्मा पूजा की धूम हर जगहों
भारत के विभिन्न राज्यों जैसे कर्नाटक, असम, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश में इस पूजा का खास महत्व है। यह त्योहार विशेष रूप से उन लोगों द्वारा मनाया जाता है जो निर्माण, यांत्रिकी, शिल्पकारी, और औद्योगिक कामों से जुड़े होते हैं। इन श्रमिकों और कारीगरों के लिए यह दिन विशेष होता है, जब वे अपने कामकाज में सफलता, सुरक्षित कार्यस्थल, और बेहतर भविष्य की कामना करते हैं।
मशीनों और औजारों की पूजा
पूजा के दौरान, मशीनों और औजारों की पूजा की जाती है ताकि वे सुचारू रूप से कार्य करें। कारखानों और कार्यस्थलों पर भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा स्थापित की जाती है, और सभी कर्मचारी मिलकर सामूहिक पूजा करते हैं। इस अवसर पर श्रमिक समुदाय में विशेष उत्साह देखने को मिलता है।
विश्वकर्मा पूजा का धार्मिक और सामाजिक महत्व भी है, जो हमें तकनीकी और शिल्प कौशल के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने के साथ-साथ एकता और सामूहिकता का संदेश देता है। यह उत्सव तीन दिनों तक चलता है, जिसमें अंतिम दिन प्रतिमाओं का विसर्जन होता है।हमारी ओर से श्री विश्वकर्मा पूजा की शुभकामनाएँ।
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