Self-Care: पैदा होने से लेकर अभी तक जो कुछ भी कर रहे हैं। वो सब हम केवल खुश होने के लिए ही करते हैं। लेकिन खुशी मिलती है या नहीं ये अलग विषय है। क्या घंटों फोन में बिताने से हमें खुशी मिलती है? या फिर यूं ही बेड पर पड़े रहने में खुशी है? स्मोकिंग और ड्रिंकिंग में खुशी है? सबके लिए खुश होने की परिभाषा ही अलग है। लेकिन जब हम शांत होकर खुद से पूछे कि हमें असल में खुशी किस चीज में मिलती है, और जो जवाब उस वक्त मिलेगा। उसी में है आपकी असली खुशी।
ध्यान और योग:
अपने बिजी शेड्यूल से थोड़ा वक्त निकाल कर योग और मेडिटेशन को दें। इससे मन को शांति मिलेगी। पूरे दिन भर मन में चलते रहने वाले विचार मेडिटेशन के बाद आपको परेशान करना बंद कर देंगे। यकीन माने एक अलग ही सुकून मिलेगा। इसलिए आज से ही इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लें।
सकारात्मक सोच:
अपने विचारों को सकारात्मक रखें। हम किसी काम को शुरू कर रहे हैं, और उसके लिए हम सकारात्मक सोच रखते हैं, तो समझो आधा काम तो ऐसे ही हो गया। अगर चीजों को लेकर आपका सकारात्मक दृष्टिकोण है तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।
दूसरों के बारे में बुरा बोलना और अपने बारे में बुरा सुनकर अपने ऊपर सवाल करना बंद करदें। खुद को इतना पॉजिटिव बनाएं की किसी की भी बात का कोई असर ही ना पड़े।
बैलेंस्ड डाइट:
जैसा होगा अन्न वैसा होगा हमारा मन। इसलिए ऐसा भोजन खाएं जो आपकी एनर्जी को बढ़ाए न की आपकी एनर्जी को ड्रेन करने का काम करे। इसलिए बैलेंस्ड डाइट लें, इससे आपके विचारों में भी काफी अंतर आएगा।
व्यायाम:
हर दिन एक्सरसाइज करें ऐसा करने से एंडोर्फिन नाम का हार्मोन का रिलीज होता है, जिसे हैप्पी हार्मोन’ भी कहते हैं। एक्सरसाइज करने से हमें हमारे अंदर मौजूद एनर्जी के होने का एहसास हो जाता है। साथ ही आप स्वस्थ भी रहेंगे। और जब आप स्वस्थ होंगे तो खुशी बिन बुलाए मेहमान की तरह हमेशा आएगी।
अच्छी नींद:
अपनी पूरी नींद ले। सब की जरूरत अलग-अलग होती है कुछ लोग 6 घंटे की नींद में भी तरोताज़ा महसूस करते हैं। तो कुछ का काम इससे कम नींद में भी चल जाता है। तो एक तरफ ऐसे भी लोग हैं जिन्हें पूरी 8 घंटे की नींद ही चाहिए। इसलिए अपनी जरूरत के हिसाब से अपनी नींद को पूरा करें। इससे आपको अच्छा महसूस होगा। पूरे दिन भर ताज़गी महसूस होगी। और काम करने का मन भी करेगा। इसके उलट जब नींद पूरी नहीं होगी तो आपको चिडचिडाहट होगी, गुस्सा आएगा साथ ही आपकी प्रोडक्टिविटी भी कम होगी।
टाइम मैनेजमेंट:
अपने पूरे दिन भर के जरूरी कामों के लिए समय बना लें। जिससे आपको भी क्लेरिटी मिलेगी कि कौन सा काम कब करना है और कितना वक्त लगेगा। ऐसा करने से हड़बड़ाहट की स्थिति नहीं होगी। जब काम समय पर पूरे होंगे तो आपको अच्छा लगेगा।
सोशल लाइफ:
अपनी बिजी लाइफ में अपने घर परिवार को बिल्कुल भूल ही ना जाए। उनके लिए भी समय निकालें। साथ ही ऐसे दोस्त और सगे संबंधी जो सच में आपका भला चाहते हैं, उनके साथ भी समय बताएं। अगर आपके आसपास अच्छे लोग हैं तो यह आपको मानसिक शांति देने का काम करेंगे।
हॉबीज़ को पहचाने और उसके लिए समय निकालें:
अपने शौक और रुचि को समय दें। चाहे वो पेंटिंग, गार्डनिंग, पढ़ाई, या संगीत, अपने शौक को समय देने से हमें सुकून जैसा महसूस होता है साथ ही खुशी मिलती है।
दूसरों की मदद करें:
दूसरों की मदद करने से हमें सेटिस्फेक्शन और खुशी मिलती है। आपसे जितना हो सके उतना लोगों की मदद करें। छोटे-छोटे काम, जैसे किसी की मदद करना, समाज सेवा में भाग लेना, हमें अंदर से संतुष्टि देते हैं।
प्रकृति से जुड़ें:
थोड़ी देर कुदरत के साथ बिताएं, जैसे – पेड़ पौधों को निहारना, उगता हुआ या ढलता हुआ सूरज देखना, रात में आसमान को देखना। यह सभी चीज हमारे अंदर हैप्पी हार्मोन को रिलीज करने का काम करती हैं। इसलिए थोड़ा समय कुदरत के साथ बिताएं।
ग्रेटफुलनेस:
रोज़मर्रा की जिंदगी में जो भी अच्छी बातें हों, उनके लिए धन्यवाद दें। ऐसा करने से हमें, हमारे पास जो है, उसकी अहमियत का पता चलता है। हर छोटी से छोटी चीज की अहमियत को समझे। उसके लिए ग्रेटफुल हों।
खुश रहना कोई काम नहीं है जिसे हम जबरदस्ती करें। यह एक आदत, माइंडसेट, और आस पास के माहौल पर निर्भर करता है की हम किस तरह से रहते हैं। इसलिए खुद को अच्छे लोगों के इर्द गिर्द रखें। और अगर ऐसे लोगों का अभाव है अकेले ही रहे। आपकी खुशी की चाबी आपके हाथों में होनी चाहिए।
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