Sambhal Violence News: जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हिंसा, 21 गिरफ्तार, रासुका की तैयारी
संभल की शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान 24 नवंबर को भड़की हिंसा के बाद पुलिस ने आरोपियों की तस्वीरें जारी की हैं। प्रशासन ने हिंसा के आरोप में गिरफ्तार किए गए 21 उपद्रवियों की फोटो सार्वजनिक की है, जिन्हें पहले ही जेल भेजा जा चुका है। इस हिंसा में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 25 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
हिंसा में सार्वजनिक संपत्ति को पहुंचा नुकसान
हिंसा के दौरान कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया और सार्वजनिक संपत्ति को भी भारी नुकसान हुआ। प्रशासन का कहना है कि हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है और इसकी भरपाई उपद्रवियों से करवाई जाएगी।
कैसे हुई घटना?
संभल की इस घटना की जड़ एक विवादित दावे से जुड़ी है। कैलादेवी मंदिर के महंत ऋषिराज गिरी महाराज ने दावा किया है कि शाही जामा मस्जिद दरअसल हरिहर मंदिर है।
- इस दावे के आधार पर उन्होंने सिविल कोर्ट में याचिका दायर कर मस्जिद का सर्वे कराने की मांग की थी।
- कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए सात दिनों के भीतर सर्वे रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था।
सर्वे के दौरान माहौल कैसे बिगड़ा?
- कोर्ट के आदेश पर 24 नवंबर की सुबह सर्वे टीम जामा मस्जिद पहुंची।
- सर्वे कार्य शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था, लेकिन धीरे-धीरे मस्जिद के बाहर भीड़ इकट्ठा होने लगी।
- अचानक से भीड़ ने पथराव करना शुरू कर दिया, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई।
हिंसा के आरोपियों पर सख्त कार्रवाई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना को लेकर सख्त रुख अपनाया है।
- उपद्रवियों और पत्थरबाजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया गया है।
- हिंसा के आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाया जाएगा।
क्या हिंसा थी साजिश?
- पुलिस हिंसा को लेकर साजिश की आशंका की जांच कर रही है।
- सबसे बड़ा सवाल यह है कि इतनी बड़ी मात्रा में पत्थर अचानक कहां से आए।
- पुलिस का कहना है कि भीड़ को उकसाने और हिंसा की साजिश रचने वाले किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा।
संभल हिंसा का प्रशासनिक पहलू
- गिरफ्तार किए गए 21 आरोपियों को पहले ही जेल भेजा जा चुका है।
- प्रशासन ने हिंसा में शामिल अन्य आरोपियों की पहचान के लिए तस्वीरें जारी की हैं।
- सर्वे टीम और पुलिस प्रशासन पर हमले के पीछे जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष
संभल में हुई इस हिंसा ने न केवल स्थानीय स्तर पर तनाव बढ़ाया है, बल्कि कानून-व्यवस्था को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं। पुलिस और प्रशासन साजिश के पहलुओं की जांच में जुटे हैं। वहीं, सरकार के निर्देश के अनुसार, दोषियों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी है।