Reel vs Real Friendship: आज कल “सोशल मीडिया” दोस्ती का एक ऐसा इल्यूजन बनाता है, जो बिलकुल पिक्चर-परफेक्ट लगता है। लेकिन ये ‘रील’ दोस्ती असल दोस्ती से बहुत अलग है। ये खास तौर पर नवजवानों के लिए समझना जरूरी है कि असली दोस्ती का क्या मतलब है, ताकि वो मजबूत और कभी न टूटने वाले रिश्ते बना सकें।
इमोशनल स्पोर्ट / Emotional Support
एक सच्चा दोस्त हमेशा आपका सहारा बनेगा, चाहे हालात कितने भी मुश्किल क्यों न हो। वही एक ‘रील’ दोस्त सिर्फ सोशल मीडिया पर आपके साथ दिखाई देगा, लेकिन इमोशनल सपोर्ट नहीं देगा, बस शो-ऑफ करेगा।
रियल एफर्ट / Real Effort
एक सच्चा दोस्त आपके लिए वक्त निकालने की कोशिश करेगा, चाहे कितनी भी मुश्किल क्यों न हो। लेकिन ‘रील’ दोस्त सिर्फ अपनी कंवीनियंस के लिए आपके साथ वक्त बिताएंगे, सिर्फ तब जब उन्हें बोर फील हो रहा होगा।
टिका टिप्पिणि न करना / Non-Judgmental
आप अपने सच्चे दोस्त से बिना किसी डर के अपनी वल्नरेबल तरफ बात कर सकते हैं। आप उन पर पूरा भरोसा करते हैं और जानते हैं कि वो आपका साथ देंगे। लेकिन ‘रील’ दोस्त आपको वो कम्फर्ट नहीं देते, जिससे आप उनसे कुछ भी शेयर कर सकें।
स्वास्थ्य विकास / Healthy Growth
फेक दोस्त अक्सर जलन महसूस करते हैं और कंपटीशन करते हैं। आपकी सक्सेस उन्हें डराती है जबकि एक सच्चा दोस्त आपकी जीत पर खुशी से खड़ा होता है।
विश्वास करने लायक / Trustworthy
सच्ची दोस्ती वही है जो खुशियों और ग़म दोनों में बनी रहे। आप उन पर हमेशा भरोसा कर सकते हैं। सीज़नल दोस्ती अक्सर इनकंसिस्टेंट होती है, जो सिर्फ कंवीनियंस पर डिपेंड करती है।
दिखावटी नहीं सच्चा प्यार और लगाव / Pure Love
सच्चे दोस्त बिना किसी शर्त के आपसे प्यार करते हैं, चाहे कुछ भी हो। लेकिन जो दोस्त सिर्फ कुछ समय के लिए होते हैं, वो सिर्फ शर्तों पर जुड़े रहते हैं और ज़्यादातर अपने लाभ के लिए दोस्ती करते हैं।
नैतिक रूप से सही / Moral Correctness
जो दोस्त असली नहीं होते, वो सिर्फ सरफेस-लेवल दोस्ती रखते हैं, आपको फ्लैटरी करते हैं और हमेशा वही बातें करते हैं जो आप सुनना चाहते हैं। लेकिन आपका सच्चा दोस्त हमेशा आपको सही राहें दिखाता है, चाहे वो कितने भी गलत क्यों न हों। उनके लिए आपका morally सही रहना सबसे जरूरी है।
गहरा सम्बन्ध / Deep Relationship
सच्चे दोस्त के साथ आपकी बातें सिर्फ सुपरफिशियल नहीं होती, बल्कि गहरी होती हैं। आप किसी भी चीज़ पर, जैसे फ्यूचर गोल्स, लाइफ चैलेंजेस या रिलेशनशिप इश्यूज़ पर बात कर सकते हैं। वही ‘रील’ दोस्त सिर्फ मज़ा और एंटरटेनमेंट की बातें करते हैं।
तो, ‘रील’ दोस्ती सोशल मीडिया पर अच्छी लग सकती है, लेकिन वो ऐसे रिश्ते नहीं हैं जो आख़िरात में matter करते हैं। दोस्ती ट्रस्ट, empathy, compassion और mutual respect से बनती है। इसलिए हमेशा उन दोस्तों का ख़्याल रखें जो आपके साथ लंबे समय तक रहते हैं, न कि सिर्फ कुछ enjoyable moments के लिए।
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