RBI On Repo Rate News: भारतीय रिजर्व बैंक की छह सदस्य मौद्रिक नीति समिति की बैठक बाइट 7 अक्टूबर को शुरू हुई थी और आज इसमें लिए गए फैसलों का ऐलान होगा गवर्नर शक्तिकांत दास ने कर दिया है और लगातार 10वीं बार इसे स्थिर रखा गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक की एमपीसी बैठक के नतीजे आ गए हैं केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास दो दिवसीय मौद्रिक नीति समिति की बैठक के नतीजे का ऐलान करते हुए कहा कि इस बार भी रीतिगत डरो में कोई बदलाव नहीं किया गया है यानी आपकी लोन की ईएमआई ना बढ़ेगी और ना ही घटने वाली है यह लगातार 10वीं बार है जबकि रिजर्व बैंक ने डिपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है इसके बाद रेपो रेट 6.50% पर बरकरार है जबकि रिजर्व रेपो रेट 3.35 प्रतिशत पर और बैंक रेट 6.75% पर स्थित है।
6 में से 5 सदस्य बदलाव के पक्ष में नहीं थे।
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के गवर्नर ने 7 अक्टूबर को शुरू हुई MPC Meet मेरे लिए गए फैसलों के बारे में बताते हुए कहा कि इस बार एमपीसी में तीन नए सदस्य जुड़े हैं और ग्लोबल हालतू समिति अन्य पहलुओं पर विचार करने के बाद बैठक के दौरान 6 में से पांच सदस्यों ने ब्याज दरों को यथावत रखने पर अपना वोट दिया है.
इसके साथ ही आरबीआई गवर्नर ने कहा कि पॉलिसी का रुख विड्रोल ऑफ एक माड्यूलेशन से चेंज करते हुए अब न्यूट्रल कर दिया गया है उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर बने उतार-चढ़ाव भरे हालातो के बावजूद देश में महंगाई को काबू में रखने में हम कामयाब रहे हैं और इसके साथ ही इकोनामिक ग्रोथ को भी गति मिली है।
रेपो रेट का ईएमआई पर असर।
आरबीआई की एमपीसी की बैठक हर 2 महीने में होती है और इसमें शामिल रिजर्व बैंक आफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास समीक्षा सदस्य महंगाई समेत अन्य मुद्दों और बदलाव पर चर्चा करते हैं यहां बता दे की रेपो रेट का सीधा कनेक्शन बैंक लोन लेने वाले ग्राहकों से होता है इसकी कम होने से लोन की ईएमआई घट जाती है और इसमें इजाफा होने से या बढ़ जाती है दरअसल रेपो रेट वह डर है जिस पर किसी देश का केंद्रीय बैंक धन की किसी भी कमी की स्थिति में वाणिज्य बैंकों को पैसा उधार देता है रेपो रेट का उपयोग मैदिक अधिकारियों द्वारा इन्फ्लेशन को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।
जब लगातार बढ़ाया गया था रेपो रेट।
रेपो रेट फिलहाल 6.30 फीसदी पर बना हुआ है इससे पहले जब देश में महंगाई बेकाबू हो गई थी और 7 फ़ीसदी के पास पहुंच गई थी तब इसे काबू में लाने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने लगातार रेपो रेट बढ़ाया था इसमें मैं 2022 से लेकर फरवरी 2023 तक कई बार बढ़ोतरी की गई थी और यह ढाई फीसदी थी बड़ा था हालांकि इसके बाद से ही केंद्रीय बैंक की और से किसी भी तरह का कोई बदलाव रेपो रेट में नहीं किया गया था।
इधर नतीजे का ऐलान उधर बाजार ने लगाई दौड़।
आरबीआई ने लगातार 10वीं बार रेपो रेट को स्थित रखने का ऐलान किया है तो इस खबर का असर सीधे शेयर बाजार पर दिखाई दिया मिडल ईस्ट में तनाव के माहौल के बीच रेपो रेट स्थित रखने का फैसला बाजार को पसंद आया और करीब डेढ़ सौ अंक की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा सेंसेक्स अचानक दौड़ लगाते हुए 411 अक्षर कर 82046.48 के लेवल पहुंच गया निफ्टी की बात कर तो 25190 के पार निकल गया।
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