Manmohan Singh Death: एक महान नेता और भारत के आर्थिक सुधारों के जनक का निधन
यहां Tausif Khan द्वारा, BH24News.com पर, आपको डॉ. मनमोहन सिंह की प्रेरणादायक यात्रा और उनके योगदान की हर पहलू की जानकारी दी जाएगी।
मनमोहन सिंह: एक नजर उनके जीवन पर
26 दिसंबर 2024 को, भारत ने अपने सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक, डॉ. मनमोहन सिंह को खो दिया। 92 साल की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कहा। वह न केवल भारत के 14वें प्रधानमंत्री थे, बल्कि आर्थिक सुधारों के जनक और शांत नेतृत्व के प्रतीक के रूप में जाने जाते हैं।
उनकी प्रमुख उपलब्धियां:
- आर्थिक सुधारों के शिल्पकार – 1991 के आर्थिक संकट के समय उन्होंने भारत को उदारीकरण की दिशा में बढ़ाया।
- दस वर्षों का नेतृत्व – 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने लगातार दो बार गठबंधन सरकार चलाई।
- वैश्विक सम्मान – उनकी आर्थिक नीतियों ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा दिलाई।
उनके जीवन की कुछ अनसुनी कहानियां
कैंब्रिज के दिनों की संघर्ष भरी कहानी
डॉ. सिंह ने अपनी पढ़ाई के दौरान कठिन समय देखा। उनकी बेटी दमन सिंह ने खुलासा किया कि एक बार उन्हें अपने दोस्त से 25 पाउंड उधार लेने पड़े थे, लेकिन उनके दोस्त ने सिर्फ 3 पाउंड ही दिए। यह घटना उनके जीवन के संघर्ष और दृढ़ता को दर्शाती है।
सरलता और ईमानदारी का प्रतीक
मनमोहन सिंह की सादगी और ईमानदारी की मिसालें दी जाती हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद भी, उन्होंने हमेशा विनम्रता और दृढ़ता के साथ कार्य किया।
7 दिनों का राष्ट्रीय शोक और अंतिम संस्कार
डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर भारत सरकार ने 7 दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है।
- उनका पार्थिव शरीर तीन मोतीलाल नेहरू मार्ग पर रखा गया है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उनके अंतिम दर्शन करेंगे।
- उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
उनके योगदान और आलोचनाएं
आर्थिक सुधार और नेतृत्व
डॉ. सिंह ने 1991 में वित्त मंत्री के रूप में भारत की आर्थिक नीतियों में क्रांति ला दी। उन्होंने:
- विदेशी निवेश के लिए दरवाजे खोले।
- औद्योगिक लाइसेंस राज को खत्म किया।
- वैश्विक अर्थव्यवस्था से भारत को जोड़ा।
प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल
2004 से 2014 तक, उन्होंने कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू कीं, जैसे:
- मनरेगा (ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना)।
- आधार योजना।
हालांकि, उनके कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के आरोपों ने उनके नेतृत्व पर सवाल उठाए।
दुनिया भर में सम्मान
डॉ. मनमोहन सिंह को:
- “एकेडेमिशियन-टर्न्ड-स्टेट्समैन” कहा जाता था।
- उनकी नीतियों ने भारत को एक उभरती हुई वैश्विक आर्थिक शक्ति बनाया।
- संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक मंचों पर उनके विचारों की सराहना की गई।
सारांश
डॉ. मनमोहन सिंह केवल एक नेता नहीं, बल्कि भारत के आधुनिक आर्थिक विकास के शिल्पकार थे। उनका जीवन संघर्ष, सादगी और सेवा का प्रतीक है। उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
“यहां Tausif Khan द्वारा, BH24News.com पर, डॉ. मनमोहन सिंह के जीवन, संघर्ष और योगदान की यह कहानी आपके साथ साझा की गई है। आपसे निवेदन है कि इसे शेयर करके उनकी स्मृतियों को संजोएं।