Mahakumbh Mela 2025: इतिहास और इसका धार्मिक महत्व

By
Last updated:
Follow Us

Mahakumbh Mela 2025: संसार का सबसे बड़ा धार्मिक समागम

Mahakumbh Mela 2025 का आयोजन प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा, जिसमें कुल छह शाही स्नान निर्धारित हैं। यह दुनिया का सबसे बड़ा हिन्दू धार्मिक आयोजन माना जाता है। लगभग 30 से 45 दिन तक चलने वाला यह महाकुंभ हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। 144 वर्षों बाद आयोजित हो रहे इस महाकुंभ में देश-विदेश से 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है।
इससे पहले साल 2021 मे हरिद्वार मे कुम्भ मेला लगा था उससे पहले भी अर्धकुम्भ हुआ था। अर्धकुम्भ, कुम्भ और महाकुम्भ सब अलग-अलग हैं।

कुंभ मेला का इतिहास और पौराणिक महत्व

कुंभ मेले का इतिहास काफी पुराना है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के बाद अमृत कलश निकला था, इस कलश को लेकर देवताओं और दानवों के बीच युद्ध हुआ था।
अमृत को राक्षसों से बचाने के लिए भगवान विष्णु ने अमृत का पात्र गरुड़ को दे दिया. इस दौरान अमृत की कुछ बूंदें धरती पर प्रयागराज, नासिक, हरिद्वार और उज्जैन में गिर गई। यही वजह है कि इन चार जगहों पर भी कुंभ का आयोजन होता है।
12 साल में एक पूर्ण कुंभ होता है। 12 पूर्ण कुंभ होने के बाद महाकुंभ का आयोजन किया जाता है। वैसे तो सभी कुंभ का महत्व है लेकिन महाकुंभ का महत्व सबसे ज्यादा माना जाता है।
महाकुंभ के बाद पूर्ण कुंभ आता है, इसे कुंभ भी कहा जाता है। ये कुंभ मेला 12 साल में एक बार आयोजित होता है। कुंभ मेला नासिक, हरिद्वार, प्रयागराज और उज्जैन में होता है।

महाकुंभ 144 साल में एक बार ही होता है। साथ ही महाकुंभ सिर्फ इलाहाबाद के तट पर ही होता है। भारत में और किसी जगह पर महाकुंभ नहीं होता है

12 वर्षों में एक बार क्यों लगता है कुंभ?

कुंभ मेला का आयोजन खगोलीय घटनाओं के आधार पर होता है। जब बृहस्पति ग्रह कुंभ राशि में प्रवेश करता है और सूर्य मकर राशि में होता है, तब कुंभ मेला आयोजित होता है। बृहस्पति को अपनी कक्षा में 12 साल का समय लगता है, इसलिए कुंभ मेला हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है।

image source : Aaj Tak

अन्य मान्यताओं के अनुसार,
कुंभ के पीछे एक पौराणिक कथा है, जब देवताओं और दानवों ने अमृत प्राप्ति के लिए समुद्र मंथन किया, तो अमृत के लिए राक्षसों और देवताओं के बीच 12 दिनों तक लड़ाई चली। कहा जाता है कि देवताओं और राक्षसों की ये लड़ाई मनुष्यों के 12 साल के बराबर थी। यही वजह है कि हर 12 साल में एक बार कुंभ मेला मनाया जाता है।

Mahakumbh Mela 2025 की Shahi Snan (शाही स्नान) की प्रमुख तिथियां

  • 13 जनवरी, 2025 को पौष पूर्णिमा का शाही स्नान
  • 14 जनवरी, 2025 को मकर संक्रांति का अमृत स्नान
  • 29 जनवरी, 2025 को मौनी अमावस्या का अमृत स्नान
  • 3 फ़रवरी, 2025 को बसंत पंचमी का अमृत स्नान
  • 12 फ़रवरी, 2025 को माघी पूर्णिमा का शाही स्नान
  • 26 फ़रवरी, 2025 को महाशिवरात्रि का शाही स्नान

इसे भी पढ़ें : महाकुंभ में सुरक्षा मामले में सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

Suman

Suman, BH24 News की डिजिटल टीम के साथ बतौर रिपोर्टर जुड़ी हुईं हैं. BH24 News द्वारा दी गई सूचनाएँ केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं। हम किसी भी जानकारी की सटीकता, पूर्णता या समय पर होने की गारंटी नहीं देते। किसी भी निर्णय लेने से पहले कृपया स्वयं सत्यापन करें और आवश्यकतानुसार विशेषज्ञ सलाह लें। BH24 News के माध्यम से प्रदान की गई जानकारी के उपयोग से उत्पन्न होने वाली किसी भी प्रकार की हानि के लिए हम उत्तरदायी नहीं होंगे। Thank You...

For Feedback - contact@bh24news.com

Leave a Comment