Kumari Selja Haryana Assembly Election: हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच कुमारी सैलजा पर जाति सूचक टिप्पणी पर सियासत गर्म है भारतीय जनता पार्टी के नेता मुखर है सेलजा को कम फेस घोषित करने की चुनौती देते नजर आ रहे हैं कुमारी सैलजा भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही दलों के लिए X factor क्यों बन गई है।
हरियाणा में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं और किस जवान पहलवान के साथ कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी सैलजा चुनावी चर्चा का केंद्र बन गई है कांग्रेस के एक कार्यक्रम में अपने लिए जाट सूचक शब्दों का प्रयोग किए जाने के बाद कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने प्रचार से दूरी बना ली है अब भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सैलजा को वहां बताया है दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि इस घटना के लिए कड़ी निंदा भी हल्का शब्द है वह हमारे सम्मानित नेता है और हम उनका सामान करते हैं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी ने के नेता भी सैलजा को अपनी बहन बताते हुए कांग्रेस को घेर रहे हैं।
कुमारी सैलजा पर जाती सूचक टिप्पणी को लेकर भाजपा के प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक के नेता मुखर है हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सैलजा को भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन करने का ऑफर दे दिया तो वहीं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडोली ने कहा हम तो चाहते हैं कि वह मुख्यमंत्री बने वह मुख्यमंत्री बनेगी तो हरियाणा की पहली महिला मुख्यमंत्री होगी और यह एक सकारात्मक कदम होगा भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ऐसा कह रहे हैं तो जरूरी उन्होंने पार्टी हित तो जरूर देखा ही होगा।
कुमारी सैलजा के कांग्रेस छोड़ने की कयास भी लगाई जा रहे थे कहां यह तो यहां तक जा रहा था कि वह 25 सितंबर को भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर सकती है लेकिन खुद कुमारी सैलजा ने ही इस तरह की खबरों को खारिज कर दिया है उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर ब्राह्मण फैलाने का आरोप लगाया और विधायक जी की मैं और मेरी पार्टी अपना रास्ता तय करना जानते है सवाल उठ रहे हैं कि वह हरियाणा की सियासत का एक्स फैक्टर क्यों बन गई है।
वोटो का गणित।
हरियाणा की कुल जनसंख्या में दलित वर्ग की भागीदारी 2011 की जनगणना के मुताबिक 20 फिटी है सुबह में अनुमानित जाट आबादी कारी 25 फ़ीसदी है जाट और दलित की आबादी करीब 45 फ्ट पहुंचती है जाट दलित का एक मुक्त वोट अगर किसी पार्टी के पक्ष में पोल हो जाए तो सत्ता तक पहुंचा जा सकता है।
दलित फेस।
कुमारी सैलजा की नाराजगी के चर्चे जब से शुरू हुई है भारतीय जनता पार्टी दलित पॉलिटिक्स की पिच पर आक्रमक राजनीति के साथ उतार आई मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से लेकर प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडोली तक कांग्रेस को दलित विरोधी बताते हुए खेलते नजर आए हैं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने तो यहां तक का दिया कि कांग्रेस में शैलजा को मुख्यमंत्री फेस को करने की हिम्मत नहीं है।
चुनावी नफा नुकसान।
हरियाणा चुनाव में जहां कांग्रेस की कोशिश एंटी इनकंबेंसी के एक मुक्त वोट पाने की है वहां अगर पार्टी के भीतर गुटबाजी और फुट की खबरें आती है तो इसे चुनावी संभावनाओं को नुकसान पहुंच सकता है सुबह की सत्ता में कांग्रेस 10 साल से बाहर है पार्टी इस बार सत्ता से 10 साल का वनवास समाप्त करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है।
कांग्रेस के लिए शैलजा क्यों जरूरी।
कुमारी सैलजा को गांधी परिवार का करीबी माना जाता है वह दलित बिरादरी से आती है केवल यही फैक्टर सैलजा को कांग्रेस के लिए जरूरी नहीं बनाते दरअसल हरियाणा में कांग्रेस की पॉलिटिक्स का जो पैटर्न इस समय है उसे लिहाज से भी सैलजा पार्टी के लिए महत्वपूर्ण होती जा रही है हरियाणा में कांग्रेस के पास संगठन नहीं है हर नेता का अपना कदर है कुमारी सैलजा के पास भी अपना कैडर बेस है और कांग्रेस भी नहीं चाहेगी कि उनके जैसी बड़े कद की नेता नाराज हो।