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Kapalbhati Pranayama: हर रोज़ कपाल भाति करने के अनगिनत शारीरिक और मानसिक लाभ…. यहाँ जाने फायदें और स्टेप बाय स्टेप इस आसान को करने के तरीके!….

Kapalbhati Pranayama: कपाल भाति करने के लिए, पद्मासन में बैठ जाएं और दोनों हाथों से चित्त मुद्रा बनाएं। एक गहरी सांस लें और झटका देते हुए सांस छोड़ें। इस दौरान पेट को अंदर की ओर खींचें। यदि आप कपाल भाति शुरू कर रहे हैं, तो 5-10 मिनट ही प्रैक्टिस करें और धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।

step by step कैसे करें कपाल भाति ?

कपाल भाति करने के लिए, निम्नलिखित तरीके अपनाएं:

सही आसन चुनें

सबसे पहले, पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं। अगर ये आसन मुश्किल लगे, तो सामान्य क्रॉस-लेग्ड पोज़ में भी बैठ सकते हैं।

चित्त मुद्रा

दोनों हाथों को अपने घुटनों पर रखें और चित्त मुद्रा बनाएं (हाथ की उंगलियों को आपस में जोड़ें और हल्की दबाव के साथ रखें)।

सांस की प्रक्रिया

गहरी सांस लें और धीरे-धीरे पेट को अंदर की ओर खींचते हुए झटका देते हुए सांस छोड़ें। इस दौरान ध्यान रखें कि सांस बाहर की ओर झटका दे रही हो, न कि केवल छोड़ रही हो।

समय सीमा

यदि आप नए हैं, तो 5-10 मिनट तक ही प्रैक्टिस करें और धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।

Kapalbhati Pranayama के लाभ

बढ़ाता है रक्त में ऑक्सीजन का स्तर

इस प्राणायाम से रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है, जिससे शरीर में ताजगी और ऊर्जा बनी रहती है।

बढ़ाता है फेफड़ों की क्षमता

यह प्राणायाम फेफड़ों की क्षमता और ताकत को बढ़ाता है, जिससे सांस लेना आसान होता है।

निकालता है विषाक्त पदार्थों को

शरीर से विषाक्त पदार्थ और अपशिष्ट निकालने में मदद करता है, जिससे शरीर स्वच्छ और स्वस्थ रहता है।

नियंत्रित करता है पित्त और मेटाबोलिज़्म को

पित्त के स्तर को नियंत्रित करता है और मेटाबोलिज़्म को बढ़ाता है, जो पाचन को सुधारने में मदद करता है।

मस्तिष्क की सक्रियता

मस्तिष्क की कोशिकाओं को सक्रिय करता है, जिससे याददाश्त और एकाग्रता में सुधार होता है।

चिंता और तनाव में कमी

नियमित प्रैक्टिस से चिंता और तनाव कम होते हैं, जिससे मानसिक शांति मिलती है।

त्वचा की चमक

त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाता है, क्योंकि यह शरीर के अंदर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है।

अस्थमा और साइनस समस्याएं

अस्थमा और साइनस जैसी समस्याओं में राहत प्रदान करता है, जिससे सांस लेने में सुविधा होती है।

पाचन सुधार

पेट की समस्याओं, जैसे कि कब्ज और अपच, को ठीक करने में सहायक होता है।

अन्य प्राणायाम

काभाल भाँती के साथ अन्य प्राणायाम जैसे अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, और नाड़ी शोधन को भी किया जा सकता है। ये प्राणायाम आपके शारीरिक स्वस्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखते हैं!

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