EducationAgricultureNEWS
Trending

Hounted Railway Station: भारत का वो सबसे भूतिया रेलवे स्टेशन जहां रेल कर्मियों ने भी काम करने से कर दिया था मना, रात में स्टेशन मास्टर को दिखती थी चुड़ैल!

India Most Hounted Railway Station: भारत में कई ऐसी जगहें हैं जिन्हें भूतिया करार कर दिया गया है, लेकिन क्या आप को एक ऐसे रेलवे स्टेशन के बारे में पता हैं जहां पर रेलवे स्टाफ ने भी काम करने से मना कर दिया था.

Hounted Railway Station: कई लोगों द्वारा कहा जाता है भूत-प्रेत जैसी कोई चीज नहीं होती हैं, ये महज इंसान का वहम है, लेकिन दुनिया में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जो लोगों को इस के बारे में सोचने पर मजबूर कर देती हैं. आज हम आपको एक ऐसे ही रेलवे स्टेशन के बारे में बताने वाले हैं. इस रेलवे स्टेशन की कई सारी इतनी कहानियां हैं कि आज भी ये बंजर पड़ा है.

इस रेलवे स्टेशन पर हुई कई सारी घटनाओं से लोग कुछ इस तरह से डर गए थे कि रेलवे के कर्मचारियों ने भी यहां पर काम करने से मना कर दिया था. कहा जाता है कि यहां के स्टेशन मास्टर को कई बार चुड़ैल भी दिखाई दी थी. तो आयए देखते आज पश्चिम बंगाल के इसी “बेगुनकोदर रेलवे स्टेशन” के बारे में जानते हैं.

जब स्टेशन मास्टर को दिखने दी थी चुड़ैल

ये रेलवे स्टेशन हमेशा से ऐसा नहीं था. वर्ष 1960 के समय में इस रेलवे स्टेशन पर खूब चहल पहल हुआ करती थी. यहां ट्रेन आती और रुकती भी थी और यहां से कई यात्री सफर के लिए आते-जाते थे, हालांकि ये सिलसिला बहुत दिनों तक नहीं चला था. साल 1967 में एक दिन यहां के स्टेशन मास्टर ने चुड़ैल दिखने की बात कहने में आई, लोगों ने उसकी बात को उस समय मजाक उड़ा दिया. लेकिन जब उस स्टेशन पर काम करने वाले कई कर्मचारियों और लोगों ने इस बात का दावा किया तो मामला काफी गंभीर सा हो गया.

ये बात उस रोज और बढ़ गई जब एक दिन स्टेशन मास्टर के पूरे परिवार की लाश संदिग्ध हालात के रूप में मिली. लोगों का दावा था कि इसके पीछे उसी चुड़ैल का हाथ हो सकता है.

इस स्टेशन पर काम करने को तैयार नहीं रेलवे स्टाफ

इस दिन के बाद “बेगुनकोदर” के सारे रेलवे स्टाफ ने वहां काम करने से साफ़ मना कर दिया. कई महीनों तक रेलवे ने यहां स्टाफ रखने की कोशिश किया, लेकिन कोई यहां काम नहीं करना चाहता था. ऐसे में यहां आने वाली ट्रेनों ने भी यहां रुकना बंद सा कर दिया. ये बात रेलवे मंत्रालय तक पहुंच चुकी थी, लिहाजा रेलवे मंत्रालय को ये स्टेशन बंद करने की घोषणा करनी पड़ी थी. कहा जाता है जब भी कोई ट्रेन यहां से गुजरती थी तो उस ट्रेन के लोको पायलट ट्रेन की स्पीड को बढ़ा देते थे, वहीं यहां से गुजरने वाले यात्री भी काफी घबराते हुए  सफ़र करते थे.

साल 2009 में फिर खोल गया ये रेलवे स्टेशन

42 सालों तक ये स्टेशन बंद रहा था, जिसे 90 के दशक में फिर खोले जाने की पेशकश हुई थी. फिर साल 2009 में तत्कालीन रेलवे मंत्री “ममता बनर्जी” ने इसे दोबारा से शुरू करवाया. फिलहाल यहां 10 ट्रेनें ही रुकती हैं, हालांकि यहां अब भी किसी रेलवे स्टाफ की ड्यूटी नहीं हुई है, एक प्राइवेट फर्म इसे मैनेज करती है.

इसे भी पढ़ें: Chenab Railway Bridge: दुनिया के सबसे उच्चे पुल से गुजरेगी ट्रेनें. चेनाब रेल ब्रिज पर इस दिन से दौड़ेगी ट्रेन, रेलवे की तरफ से आई ये बड़ी जानकारी.

Shahnawaz Sharif

Shahnawaz Sharif is a dynamic individual who seamlessly balances the roles of Blogger, Content developer, and Engineer. With a passion for both Technology and Communication, Shahnawaz Harnesses his Engineering background to approach Blogging and Content development with Precision and Creativity. His Unique blend of Technical Expertise and Storytelling prowess allows him to craft Engaging Content that resonates with Diverse audiences. Shahnawaz's ability to navigate between the Worlds of Engineering and Content Creation sets him apart, making him a Valuable Voice in both Spheres. Thank You...

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *