Holi Celebration in Sambhal: संभल में शांति और उल्लास के साथ मनाई गई होली, जुमे की नमाज भी हुई सम्पन्न 

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Holi Celebration in Sambhal: देशभर में 14 मार्च 2025 को होली का त्योहार धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दिन रमजान के दूसरे जुमे की नमाज भी थी, जिसके चलते कई संवेदनशील इलाकों में पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था बनाई थी। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, झारखंड और तेलंगाना जैसे राज्यों में विशेष सतर्कता बरती गई। दिल्ली से लेकर बिहार और जम्मू से छत्तीसगढ़ तक के संवेदनशील क्षेत्रों में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था।

संभल में शांतिपूर्ण होली उत्सव (Holi Celebration in Sambhal)

Holi Celebration in Sambhal: उत्तर प्रदेश के संभल में होली का त्योहार शांति और उल्लास के साथ मनाया गया। पिछले साल नवंबर में ‘विवादित मस्जिद’ सर्वे को लेकर हुई हिंसा के बाद से यह इलाका चर्चा में था। इसके बावजूद, इस बार होली के मौके पर किसी तरह की अप्रिय घटना नहीं हुई। संभल के सीओ अनुज चौधरी ने बताया कि “कोई अति संवेदनशील इलाका नहीं था और पूरे क्षेत्र में शांति बनी रही।”

जुमे की नमाज भी हुई सम्पन्न (Jumma Nemaj in Sambhal)

होली के दिन रमजान के दूसरे जुमे की नमाज भी पूरी श्रद्धा के साथ अदा की गई। कई मस्जिदों में नमाज का वक्त बदल दिया गया था, ताकि होली और नमाज दोनों ही शांति के साथ सम्पन्न हो सकें। पुलिस ने संवेदनशील इलाकों में ड्रोन से निगरानी की और कंट्रोल रूम बनाए गए थे।

होली: रंगों का त्योहार (Holi Celebration )

होली, जिसे “रंगों का त्योहार” कहा जाता है, भारत के सबसे प्रसिद्ध और उत्साहपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो हर साल मार्च के महीने में पड़ता है। होली बुराई पर अच्छाई की जीत, प्रेम, एकता और नई शुरुआत का प्रतीक है।

होलिका दहन और रंगों की होली

होली का उत्सव दो दिनों तक चलता है। पहले दिन होलिका दहन होता है, जिसमें लोग लकड़ी और उपले जलाकर होलिका की कथा सुनाते हैं। यह बुराई के अंत और अच्छाई की जीत का प्रतीक है। दूसरे दिन, लोग एक-दूसरे पर रंग और गुलाल फेंकते हैं, गीत गाते हैं और मस्ती करते हैं। बच्चे और बड़े सभी इस दिन रंगों से सराबोर होकर खुशियां मनाते हैं।

होली के पकवान और सामाजिक एकता

होली के दिन लोग विशेष पकवान जैसे गुझिया, मठरी और ठंडाई बनाते हैं, जो इस त्योहार की मिठास को बढ़ाते हैं। यह त्योहार सामाजिक और सांस्कृतिक एकता को भी मजबूत करता है, क्योंकि लोग अपने मतभेद भूलकर एक-दूसरे को गले लगाते हैं।

2025 की होली: एक यादगार उत्सव

2025 की होली भी उसी उत्साह और उल्लास के साथ मनाई गई, जो हर साल इस त्योहार को इतना खास बनाती है। यह त्योहार हमें यह याद दिलाता है कि जीवन रंगों से भरा है, और हमें हर पल का आनंद लेना चाहिए।

नोट: यह खबर होली के त्योहार और जुमे की नमाज के शांतिपूर्ण सम्पन्न होने पर केंद्रित है। इसके साथ ही, यह सड़क सुरक्षा और सामाजिक एकता के महत्व को भी रेखांकित करती है।

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Shahnawaz Sharif

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