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Haryana and Jammu Kashmir Election: आगामी हरियाणा और जम्मू कश्मीर के चुनाव में पेंशन योजना यूपीएस का श्रेय बीजेपी लेगी या कांग्रेस!

Haryana and Jammu Kashmir Election: आगामी विधानसभा चुनाव में पेंशन योजना के लिए बीजेपी और कांग्रेस में जुबानी जंग शुरू हो चुकी है।

Haryana and Jammu Kashmir Election: हरियाणा और जम्मू कश्मीर के विधानसभा चुनाव में पूर्ण पेंशन योजना का श्रेय बीजेपी या कांग्रेस लेगी यह अभी से ही मुद्दा बना हुआ है।

केंद्र सरकार ने नई पेंशन योजना लागू करके विपक्ष के एक बहुत खास मुद्दे को नाकाम करने की कोशिश की है पर भारतीय जनता पार्टी के लिए आगामी विधानसभा चुनाव में क्या वास्तव में फायदा होने की उम्मीद है!

हरियाणा और जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित हो चुकी है केंद्र सरकार ने जिस तरह आनंद-खनन में यूनाइटेड पेंशन स्कीम लागू किया है उसे साफ जाहिर है कि उसके निशाने पर आगामी विधानसभा चुनाव है भारतीय जनता पार्टी किसी भी कीमत पर एक और हर को बर्दाश्त करने की स्थिति में नहीं है इसलिए दिन काम से कम चार मामलों में पार्टी का यू टर्न यही कहता है कि बीजेपी अब कोई भी जोखिम नहीं लेना चाहती है यही कारण है कि देश के अर्थशास्त्रियों द्वारा ऑप्स को बोझ बताए जाने के बाद भी सरकार इसे लागू करने जा रहा है जबकि कांग्रेस ने खुद लोकसभा चुनाव में ओल्ड पेंशन स्कीम मुद्दे से किनारा कर लिया था कांग्रेस ने हिमाचल और कर्नाटक में ऑप्स वापस लाने के मुद्दे पर चुनाव तो जीत लिया था पर अभी तक लागू नहीं कर पाई थी शायद यही कारण है कि कांग्रेस ने इस मुद्दे से तौबा कर लिया हैसरकार चाहती तो ऑप्स को लेकर शांत रह सकती थी पर किसी भी सूरत में चुनाव जीतने की धुन में सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है जिसका फायदा उठाना उतना भी आसान नहीं है जितना सरकार समझ रही है।

ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर कांग्रेस हथियार डाल चुकी थी।

इसमें कोई दो राय नहीं है हो सकती कि कांग्रेस ने ओल्ड पेंशन स्कीम से तौबा कर लिया है इसका सबसे बड़ा उदाहरण यही है कि पार्टी ने लोकसभा चुनाव के मेनिफेस्टो में इसका जिक्र तक नहीं किया इसके साथ ही राहुल गांधी के भाषणों में भी कभी ओल्ड पेंशन योजना की बात नहीं की गई।

फिर भी श्रेय लेने का हक बनेगा कांग्रेस का।

फिर भी कांग्रेस ओल्ड पेंशन योजना की जगह यूपीएस लागू करवाने का श्रेय ले सकती है क्योंकि कांग्रेस लगातार विधानसभा चुनाव में से मुद्दा बनती रही है मध्य प्रदेश और राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने ऑप्स का वादा किया था इसके पहले हिमाचल और कर्नाटक की विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यूपीएस का वादा किया था जाहिर है कि कांग्रेस हक के साथ कह सकती है कि उसके दबाव के चलते सरकार ने यह फैसला लिया है।

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने भले ही अपने मेनिफेस्टो में ओल्ड पेंशन योजना का वादा नहीं किया था पर बड़े नेताओं को छोड़ दिया जाए तो पूरी कांग्रेस ओल्ड पेंशन योजना के नाम पर वोट मांग रही थी दूसरी बात या अभी है कि कांग्रेस की सहयोगी पार्टियों जैसे उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी बिहार में राजद आदि खुलकर ओल्ड पेंशन योजना का समर्थन कर रही थी इसलिए कांग्रेस और विपक्ष आगामी चुनाव में जोर-जोर से कहेंगे कि अभी तो विपक्ष को थोड़ा सा समर्थन मिला है तो सरकार इतनी झुक गई है।

बीजेपी को उम्मीद है कि वह कम से कम विपक्ष के एक मुद्दे को खत्म कर देगी।

इनकार नहीं किया जा सकता कि सरकार ने यूपीएस लागू करके विपक्ष के एक मुद्दे को कम कर दिया है इस फैसले से केंद्र सरकार के 23 लाख कर्मचारियों पर असर पड़ेगा इसके साथ ही हर राज्य में राज्य कर्मचारियों का बड़ा तब का रहता है उनका भी पार्टी को सपोर्ट मिलेगा क्योंकि उन्होंने भी उम्मीद होगी कि आने वाले दिनों में राज्य सरकारी भी यूपीएस लागू करेगी दरअसल सरकारी कर्मचारी वोट देने के लिए आज उनसे संख्या बल में भले ही कम दिखते हैं और उनकी भूमिका निर्णायक होती है जनता से सीधा संपर्क में यह कर्मचारी ही होते हैं अगर सरकारी कर्मचारी नाराज है तो सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर कर सकते हैं यही नहीं मतदान के दौरान सरकारी कर्मचारियों की नाराजगी सतरूढ सरकारों को बहुत भारी पड़ सकती है।

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Neyaz Ahmad

Neyaz Ahmad, BH24 News की डिजिटल टीम के साथ बतौर रिपोर्टर जुड़े हुए हैं. BH24 News द्वारा दी गई सूचनाएँ केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं। हम किसी भी जानकारी की सटीकता, पूर्णता या समय पर होने की गारंटी नहीं देते। किसी भी निर्णय लेने से पहले कृपया स्वयं सत्यापन करें और आवश्यकतानुसार विशेषज्ञ सलाह लें। BH24 News के माध्यम से प्रदान की गई जानकारी के उपयोग से उत्पन्न होने वाली किसी भी प्रकार की हानि के लिए हम उत्तरदायी नहीं होंगे। Thank You...

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