Life Style

Goodbye 8 Workplace Habits : अपने वर्क प्लेस पर सचमे खुश रहना चाहते हैं, तो आज ही बाय- बाय करें इन 8 आदतों को।

Work Place Habits :- हम अपने वर्क प्लेस पर, खुश हैं या नहीं... ये निर्भर करता है हमारी आदतों पर!...

Goodbye 8 Workplace Habits : अपने वर्क प्लेस पर हम खुश हैं या नहीं। ये सब निर्भर करता है हमारी आदतों पर। कुछ हमारी खुद की ही बनाई आदतें होती हैं जो हमारे खुद के लिए ही मुसीबत का सबब बनती हैं।
जो आदत लगातार हमें पीछे खींचने का काम कर रही है, अपने भले के लिए हमे उन आदतों को छोड़ना होगा।

1) खुद को कम समझकर (नेगेटिव सेल्फ टॉक करना)

Negative Self talk : हम सब खुद से बातें करते हैं। अपने बारे में ही राय बनाते हैं। लेकिन कभी-कभी हम खुद पर कुछ ज्यादा ही कठोर हो जाते हैं। नेगेटिव सेल्फ टॉक जितना हमें लगता है उससे कहीं ज्यादा हानिकारक होती है। नेगेटिव सेल्फ टॉक में हम अपने दिमाग को कहीं ना कहीं यही संकेत दे रहे होते हैं कि हम काफी नहीं है… हम औरों से कम हैं… हम बनी बनाई चीजों को भी बिगाड़ देते हैं!… हम कभी सफल नहीं हो सकते!… इस तरह की सोच हमारा आत्म विश्वास, मोटिवेशन, और प्रोडक्टिविटी को कम करने का काम करती है। इस आदत को तोड़ने के लिए, सबसे पहले हमें मानना होगा – हां हम नेगेटिव सेल्फ टॉक कर रहे हैं।
याद रखें जैसा हम सोचते हैं, वही चीज एक न एक दिन हमारे साथ होती भी है। तो ध्यान रखें कि यह हमारे लिए काम करें ना कि हमारे ही लिए मुसीबत बने।

2) आज का काम कल पर डालना।

Procrastination: जब हम लगातार आज का काम कल पर डालते हैं, तो हमें एक बोझ महसूस होता है। जिससे हमारा इंटरेस्ट कहीं गायब हो जाता है, और अपना पसंदीदा काम भी एक बोझ की तरह लगने लगता है। जिस सबके बीच खुशी कहीं गायब ही हो जाती है।
इस बुरी आदत से बचने के लिए हम, अपने काम को छोटे-छोटे हिस्सों में बांट सकते हैं। जब वह छोटे-छोटे टास्क पूरे होते हैं तो हमें काफी सुकून और खुशी मिलती है।

3) मल्टीटास्किंग

 Multitasking: एक साथ कई सारे काम करने से, हमारी प्रोडक्टिविटी कम हो जाती है। क्योंकि इससे हमारा दिमाग एक चीज पर ना लगकर कई चीजों में बंट जाता है जो ध्यान भटकाने का काम करता है। जिसके चलते हमसे गलतियां होती हैं, चीजों को भूल जाते हैं, साथ ही स्ट्रेस भी होता है। क्योंकि असल में हमारा दिमाग इस तरह से बना ही नहीं है कि वह एक साथ कई सारे काम कर सके। खुश रहने के लिए एक समय पर एक ही काम करें और फिर अपनी खुशी और प्रोडक्टिविटी को बढ़ता हुआ देखें। एक रिसर्च में पाया गया है की – मल्टीटास्कर्स के अंदर इमोशनल कंट्रोल और सहानुभूति कम देखने को मिलती है।

4) लगातार काम करते रहना

Skipping Breaks:  समय आ गया है इस बात को मान लेने का की लगातार काम करने से कुछ अच्छा नहीं होता, उल्टा यह हमारे खुद के शरीर के लिए ही बुरा है। ब्रेक्स स्किप करने से प्रोडक्टिविटी घट जाती है, हर वक्त थकान महसूस होती है, साथ ही हर वक्त इमोशनल मेंटल और फिजिकल स्ट्रेस रहता है।
काम के दौरान फोकस्ड और एनर्जेटिक बने रहने के लिए छोटे छोटे ब्रेक्स काफी जरूरी हैं। जिससे एक छोटा ब्रेक लेने के बाद हमारी एफिशिएंसी ज्यादा बढ़ जाती है।

5) सेल्फ केयर को नजर अंदाज करना।

Avoiding Self Care: जब हम खुद का ध्यान नहीं रखते हैं तब हम एक तरीके से खुद को कह रहे होते हैं कि हम इतने जरूरी नहीं हैं। दूसरों पर भी ध्यान दें लेकिन खुद को ज़रा भी नजरअंदाज ना करें।
खुद पर और अपनी खुशियों पर समय और पैसे दोनों लगाएं। जिन भी चीजों से आपको खुशी मिलती है, अच्छा महसूस होता है उन्हें जरूर करें। उसे फालतू की चीज़ समझ कर नजरंदाज न करें। याद रखें जब आप खुश होंगे तभी किसी और को भी खुश कर पाएंगे। सेल्फ केयर का मतलब पैसों की बर्बादी बिल्कुल भी नहीं है। इसका मतलब हमारी बॉडी, माइंड और सोल को नरिश करना है।
उसकी जरूरत को पूरा करना है।

6) असफलता का डर जो ज्यादा बड़ जाय तो एटीचीफोबिया में बदल सकता है।

Fear of Failure: हार जाने के डर के चलते हम रिस्क लेने, अपने गोल्स पर ध्यान देने और को करिकुलर एक्टिविटीज में पार्टिसिपेट करने से कतराते हैं। यह दिमाग की एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें हमें हारने से डर लगता है कि हम हार गए मतलब असफल हो गए। यह डर हमें आगे बढ़ने से रोकता है और सफलता की राह में एक बड़ा कांटा होता है। जबकि फेलियर हमें सफलता की राह पर बढ़ाने में मदद करता है। एक इंसान का सबसे बडा गुरु उसकी गलतियां होती हैं। जो धीरे-धीरे आगे बढ़ाने में मदद करती हैं। इसलिए हार जाने के डरसे रुके नहीं, आगे बढ़ते रहें।

7) अपनी क्षमता से ज्यादा काम करने का कमिटमेंट देना।

Overcommitment: अपने वर्क प्लेस पर “न” ना कह पाने के कारण आप काम के बोझ तले दब सकते हैं। ओवर कमिटमेंट देने से हेल्थ पर असर पड़ता है। इसलिए जरूरत पड़ने पर ना कहना सीखें। ऐसे टास्क को अपनी प्रायोरिटी बनाएं जो आपका गोल पूरा करने में मदद करें। इससे केवल आपकी क्वालिटी में ही सुधार नहीं होगा साथ-साथ आप खुश भी रहेंगे।

8) अपने रिलेशनशिप पर ध्यान ना देना।

Neglecting Relationships: अपने वर्क प्लेस पर सबसे अच्छे संबंध बना कर रखें। और इसे बिल्कुल भी नज़रअंदाज़ न करें। अपने वर्कप्लेस पर सबके साथ सकारात्मक संबंध, हमें पूरा दिन खुश रखने में मदद करता है।
और केवल वर्क प्लेस पर ही नही उससे अलग भी अपने रिलेशनशिप्स पर इन्वेस्ट करें। ये तो साफ है जब हम खुश रहेगें तब हमारी ग्रोथ तो बढ़ेगी ही।

 

ALSO READ THIS : Communication skills: ऐसे बेहतर बनाएं अपनी कम्युनिकेशन स्किल्स को। (bh24news.com)

Important Parenting Tips For Parents (bh24news.com)

Self Care   : ऐसे करें खुद को खुश और करें अपनी देखभाल। (bh24news.com)

Shivani Upadhyay

Welcome to my eclectic corner of the web! I'm Shivani Upadhyay, a relentless curious & explorer of all newsworthy things! From the fast-paced world of the stock market to the ever-evolving realm of political landscapes, from the latest health trends to the pressing issues of climate change, and everything in between—I'm here to bring you diverse, insightful, and engaging content. My insatiable curiosity drives me to delve into various genres, uncovering stories that matters and perspectives that inspires. Join me on this journey as we navigate through the multifaceted world of news!

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *