Girls Will Be Girls Review: अली फज़ल और ऋचा चड्ढा की पहली प्रोडक्शन फिल्म ने दिल जीता
Girls will be girls Review:-अली फजल और ऋचा चड्ढा ने अपनी पहली प्रोड्यूस की हुई फिल्म Girls Will Be Girls के जरिए यह साबित कर दिया कि उनका सिनेमा के प्रति प्यार सिर्फ एक्टिंग तक सीमित नहीं है। दोनों ने बैक-टू-बेसिक्स फॉर्मूला अपनाकर एक ऐसी फिल्म बनाई है जो सादगी में भी गहरी और दिल को छू लेने वाली है।
यह फिल्म कई अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल्स में तारीफें बटोर चुकी है और अब यह Amazon Prime Video पर उपलब्ध है।
कहानी की झलक
फिल्म की कहानी 90 के दशक के एक छोटे से कस्बे में सेट की गई है।
- मीरा (प्रीति पाणिग्रही): स्कूल की हेड प्रीफेक्ट, अनुशासन में विश्वास रखने वाली और अपने आस-पास की दुनिया से काफी जिज्ञासु।
- श्री (केशव बिनॉय): एक नया लड़का जो विदेश से पढ़ाई के लिए स्कूल आता है। उसकी मस्तमौला और चार्मिंग पर्सनालिटी मीरा को आकर्षित करती है।
- अनिला (कनी कुश्रुति): मीरा की मां, जो चाहती है कि उसकी बेटी सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान दे।
मां-बेटी के बीच की खटास और मीरा का श्री के प्रति आकर्षण कहानी का मुख्य केंद्र है। धीरे-धीरे रिश्तों की ये उलझन एक अनोखे मोड़ पर ले जाती है।
फिल्म की खासियत
- टीनेज रोमांस का असली चित्रण
यह फिल्म टीनेज रोमांस को बड़े ही सटीक और खूबसूरत तरीके से दिखाती है। 90 के दशक का वह दौर जब मिस्ड कॉल रोमांस का ज़रिया हुआ करता था, उसे फिल्म ने बखूबी कैप्चर किया है। - मां-बेटी का रिश्ता
फिल्म बताती है कि टीनेज के समय बच्चों को समझना और उनके दोस्त बनना कितना जरूरी है। - सादगी में ताकत
कहानी में कोई जबरदस्ती का ड्रामा नहीं डाला गया है, जिससे यह और प्रभावी बनती है। किरदार असली लगते हैं, जैसे वे हमारे आस-पास से ही लिए गए हों।
एक्टिंग परफॉर्मेंस
- कनी कुश्रुति (अनिला): मां के किरदार को इतनी शिद्दत से निभाया है कि यह किरदार बहुत वास्तविक लगता है।
- प्रीति पाणिग्रही (मीरा): टीनेज लड़की के किरदार में उनकी मासूमियत और परफॉर्मेंस देखते ही बनती है।
- केशव बिनॉय किरण (श्री): एक चार्मिंग और हर किसी को अपनी ओर खींचने वाले लड़के के किरदार में उन्होंने शानदार काम किया है।
अली फजल और ऋचा चड्ढा के विजन पर सभी कलाकार खरे उतरे हैं।
राइटिंग और डायरेक्शन
फिल्म की राइटर और डायरेक्टर शुचि तलाटी ने फिल्म के हर पहलू पर बारीकी से काम किया है। उन्होंने न केवल टीनेज रोमांस बल्कि रिश्तों की जटिलता को भी बड़े ही सहज और प्रभावी तरीके से पेश किया। उनकी राइटिंग और निर्देशन ने फिल्म को खास बना दिया।
क्या इसे देखें?
अगर आप सादगी भरी और दिल छू लेने वाली कहानियां देखना पसंद करते हैं, तो Girls Will Be Girls आपको जरूर पसंद आएगी। यह फिल्म एक यादगार सिनेमाई अनुभव है और ऐसे सिनेमा को बढ़ावा देने के लिए इसे देखा जाना चाहिए।
रेटिंग: ⭐⭐⭐⭐ (4/5)
यहां Tausif Khan द्वारा, BH24News.com पर, आपको इस फिल्म की हर पहलू की जानकारी दी गई है। ऐसी बेहतरीन फिल्में न केवल मनोरंजन करती हैं, बल्कि हमें सोचने पर भी मजबूर करती हैं।
FAQs
- क्या यह फिल्म फैमिली के साथ देखी जा सकती है?
फिल्म में कुछ बोल्ड सीन हैं, इसलिए इसे टीनेज और एडल्ट ऑडियंस के लिए ज्यादा उपयुक्त माना जा सकता है। - क्या यह फिल्म बच्चों के लिए सही है?
फिल्म की कहानी टीनेज और उनके रिश्तों पर आधारित है, इसलिए यह छोटे बच्चों के लिए नहीं है। - कहानी किस समय को दर्शाती है?
यह कहानी 90 के दशक की है, जब मोबाइल और इंटरनेट का चलन नहीं था। - फिल्म में मुख्य संदेश क्या है?
माता-पिता को बच्चों को समझने और उनके साथ दोस्ती का रिश्ता बनाने की जरूरत है। - फिल्म किस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है?
यह फिल्म Amazon Prime Video पर स्ट्रीमिंग के लिए उपलब्ध है।