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Employee Welfare: EY एम्प्लोयी के पिता का प्रस्ताव – सभी ऑफिस में हों नियम, जिसमे 8 घंटे से ज्यादा न हो काम! शशि थरूर ने भी जताई सहमति।

Employee Welfare: EY एम्प्लोयी के जिनकी मौत "ओवर वर्क" के चलते हुई उनके पिता ने शशि थरूर से बातचीत के दौरान कहा - सभी वर्क प्लेस पर दिन में 8 घंटे से ज़्यादा काम, और हफ्ते में 5 दिन से ज्यादा काम न हो। उनके सुझाव से शशि थरूर भी पूरी तरह से सहमत।

Employee Welfare: कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने शनिवार को “Ernst and Young” (EY) की एम्प्लोयी, अन्ना सेबास्टियन, जिनका हाल ही में कथित तौर पर “काम के दबाव” के चलते निधन हो गईं। उनके पिता, सिबी जोसेफ, से शशि थरूर ने बेहद भावुक बातचीत की जिसका ज़िक्र करते हुए शशि थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर शेयर किया। जहाँ थरूर ने बताया कि वे अगले संसद सत्र में इस मामले पर बात करेंगे और कामकाजी जगहों पर “अमानवीयता” को रोकने के लिए कानून लाने का विचार कर रहे हैं।

कर्मचारियों के लिए फिक्स्ड टाइमिंग

सिबी जोसेफ ने थरूर को सुझाव दिया कि सभी कामकाजी जगहों पर काम के घंटे नियंत्रित करने के लिए एक फिक्स्ड कैलेंडर होना चाहिए। थरूर ने इस सुझाव का समर्थन करते हुए कहा, “मैं संसद में ऐसा कानून लाने का मुद्दा उठाऊंगा, जिसमें सभी जगहों पर काम के घंटे आठ घंटे प्रति दिन और पांच दिन प्रति सप्ताह से ज्यादा न हों।”

अन्ना की दुखद कहानी

अन्ना सेबास्टियन ने मार्च में E&Y इंडिया में जॉइन किया था। वे 20 जुलाई को थकावट की वजह से निधन हो गईं। इस घटना का खुलासा तब हुआ जब उनकी मां, अनिता ऑगस्टाइन, ने कंपनी को एक चिट्ठी लिखी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि अन्ना पर बहुत ज्यादा काम का दबाव था। उनकी मां की यह चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और लोगों का ध्यान खींचा।

काम के दौरान मानवाधिकारों का ध्यान

थरूर ने कहा कि “काम की जगह पर मानवाधिकार खत्म नहीं होते।” उन्होंने यह भी बताया कि कामकाजी जगहों पर अमानवीयता को खत्म करने के लिए सख्त कानून और दंड जरूरी हैं। थरूर ने यह सुनिश्चित किया कि वह इस मुद्दे को अगले संसद सत्र में सबसे पहले उठाएंगे।

सोशल मीडिया पर विरोध

इस घटना ने सोशल मीडिया पर बहुत गुस्सा पैदा किया। लोगों ने इस बात पर नाराजगी जताई कि E&Y से कोई भी अन्ना के अंतिम संस्कार में नहीं आया। इसके अलावा, E&Y इंडिया के चेयरपर्सन राजीव मेमानी को भी आलोचना का सामना करना पड़ा, जब उन्होंने कहा कि “काम का दबाव” अन्ना की मौत का कारण नहीं था।

जांच का ऐलान

सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और अन्ना की मौत के कारणों की जांच शुरू कर दी है। श्रम राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने बताया कि काम के माहौल के बारे में आरोपों की पूरी जांच चल रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षित और स्वस्थ कार्य वातावरण हो।

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