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Delhi Government Introduced New Law for Coaching Centre: नया कानून लाएगी दिल्ली सरकार।

Delhi Government Introduced New Law for Coaching Centre: ऐसे 30 कोचिंग सेंटर्स पर प्रशासन ने लगाया ताला जहां बेसमेंट में चल रही थी क्लास…

Delhi Government Introduced New Law for Coaching Centre:  शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार कोचिंग सेंटर स्कूल रेगुलेट करने के लिए नया नियम जल्द लेकर आएगी। साथ ही दिल्ली के कोचिंग सेंटर में हुए हादसे के बाद दिल्ली सरकार ने फैसला लिया है कि अब वह कोचिंग सेंटर के लिए अलग से नियम लाएगी। साथ ही साथ ऐसे 30 संस्थानों पर ताला लगाया गया है जहां पर बेसमेंट में क्लास चल रही है जो एमसीडी की गाइडलाइंस के खिलाफ है।

अचानक नहीं हुआ था यह हादसा…

देखें कैसे पूरा प्रशासन भी है इसका जिम्मेदार!

इन कोचिंग सेंटर में पढ़ रहे बच्चों ने बताया कि उन्होंने इस बात के लिए कई बार शिकायत दर्ज करवाई है कि उनके कोचिंग सेंटर गाइडलाइन के खिलाफ बेसमेंट में चल रहे हैं।
लेकिन कोचिंग वालो ने प्रशासन के मुंह में पैसे भरकर उनका मुंह बंद करवा दिया जाता है।

दिल्ली की कोचिंग में हुआ हादसा जिस वजह, जिस गलती से हुआ। वैसी गलतियां लगातार होती आई हैं। और लगातार हो रही हैं। एमसीडी की गाइडलाइंस के मुताबिक, किसी भी बेसमेंट को केवल स्टोरेज के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। वहां पर पढ़ाना खास तौर पर माना है। दिल्ली के एक ias कोचिंग सेंटर में पानी भरने से। जिससे तीन बच्चों की जान चली गई। क्लासेस बेसमेंट में चलाई जा रही थी। वहां से पानी बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं था। इसका खामियां सा उन बच्चों को भुगतना पड़ा।

जिस कोचिंग सेंटर में हादसा हुआ, वही पढ़ने वाले बच्चों ने बताया कि उन्होंने, अपने कोचिंग के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज करवाई कि वहां बेसमेंट में क्लासेस होती हैं। और वेंटिलेशन की कोई जगह नहीं है। कोई हादसा हो जाता है तो वहां से बाहर निकलना बहुत मुश्किल है। लेकिन उस शिकायत के बाद भी कोई एक्शन नहीं लिया गया। वो क्लासेस ऐसे ही चलती रही। बच्चों ने कहा कि पैसे ले दे कर बात को वही दबा दिया गया। तो जिम्मेदार तो प्रशासन भी है। तूने कहा कि वह बेसमेंट से ऊपर वाली क्लासेस अफोर्ड नहीं कर सकते इसलिए उनकी मजबूरी है बेसमेंट में बैठना। साथ ही बच्चों का तो यह भी कहना है जितने बच्चों की जानें गई हैं, वो आंकड़ा बताया ही नहीं जा रहा है।

लेकिन बात केवल राउस आईएएस अकैडमी तक सीमित नहीं है, बल्कि यहीं ढर्रा बाकी कोचिंग सेंटर्स में भी चलता आ रहा है। और हमारा प्रशासन तो तब हरकत में आता है जब कोई बड़ी घटना अंजाम दे चुकी होती है। दिल्ली नगर निगम ने सिविल लाइन ज़ोन की टीम के साथ सोमवार को सुबह-सुबह 10:00 बजे के आसपास मुखर्जी नगर के नेहरू विहार में अचानक ही इन्वेस्टिगेशन करने पहुंची।

जहां वर्दमान मॉल में अचानक जांच होने के चलते पता चला कि बेसमेंट में दृष्टि आईएस की क्लासेज चल रही है। और वहां से किसी हादसे से बाहर निकलना बहुत मुश्किल है। वहां कोई ख़ास फैसिलिटी नहीं थी। जिसके बाद दृष्टि आईएएस पर भी ताला लगा दिया गया क्योंकि यह नमी संस्थान भी बच्चों के साथ खेलने का काम कर रहा था। दृष्टि आईएएस के साथ ही 13 अन्य संस्थाओं पर भी ताला लगा दिया गया।

साथ ही साथ दृष्टि आईएएस कोचिंग सेंटर के बाहर लोगों का काफी गुस्सा फूटा। लोगों ने दृष्टि आईएएस अकादमी के बाहर अपना गुस्सा और विरोध जताया।

और यह कोई पहला हादसा नहीं है जहां प्रशासन की लापरवाही के चलते बच्चों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा हो। इससे पहले भी ऐसे ही कोचिंग सेंटर्स में सही इंतेज़ाम न होने के कारण कई हादसे हो चुके हैं। लेकिन ऐसे हादसे होने के बाद ही प्रशासन अपनी गहरी नींद से उठता है।

तब प्रशासन ने अचानक कोचिंग सेंटर में इन्वेस्टिगेशन की और इन्वेस्टिगेशन के बाद इसे 10 से 15 कोचिंग सेंटर्स का पता चला जहां बेसमेंट में ही क्लासेस चल रही है और बाहर निकलने का या वेंटिलेशन का कोई सोर्स नहीं है। ऐसे कोचिंग सेंटर्स में ताला लगा दिया गया।

खैर यह तो वक्त ही बताया कि यह सख़्ती कब तक लागू होती है। इन कोचिंग सेंटर्स का पुराना ढर्रा वैसे ही चलता है या उसमें कोई सुधार देखने को मिलेगा। क्योंकि कभी पानी भरने से तो कभी आग लगने से ऐसे हादसे होते आए हैं। नियम तो पहले भी बने हुए हैं लेकिन उनका सख़्ती से पालन नहीं होता है

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