Delhi CM Atishi Marlena : अन्ना आंदोलन के बाद जब दिल्ली में बड़ा सियासी उलटफेर हो गया था और अरविंद केजरीवाल चर्चा में आए थे इसमें भी आतिशी की अहम भूमिका थी आतिशी 2013 के विधानसभा चुनाव के पार्टी के घोषणा पत्र मसौदा समिति की प्रमुख सदस्य थी उन्होंने पार्टी के गठन के शुरुआती दौर में इसकी नीतियों को आकार देने में आम भूमिका निभाई थी।
दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर माहौल गरमाने लगा है आज बात दिल्ली की आठवीं मुख्यमंत्री आतिशी की कहानी को बताएंगे आज किसी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री है लेकिन सियासत में उनकी एंट्री कहानी काफी दिलचस्प है उससे भी रोमांचक है उनके मुख्यमंत्री बनने का सफर।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई।
आतिशी का जन्म 8 जून 1981 को दिल्ली में हुआ था उनके पिता विजय सिंह दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे आतिशी ने स्कूली शिक्षा नई दिल्ली से की उन्होंने ड्यू के सेंट स्टीफंस कॉलेज में हिस्ट्री से स्टडी की और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में सेविंग स्कॉलरशिप पर मास्टर की डिग्री हासिल की कुछ साल बाद उन्होंने शैक्षिक अनुसंधान में रोड्स स्कॉलर के रूप में एक्सपोर्ट से अपनी दूसरी मास्टर डिग्री हासिल की।
NGO और फिर आप नेताओं से मुलाकात।
आतिशी मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव में 7 साल बिताए जहां वह जैविक खेती और प्रगतिशील शिक्षा प्रणालियों से जुड़ी उन्होंने वहां कई गैर लाभकारी संगठनों के साथ काम किया जहां उनकी पहली बार आम आदमी पार्टी के कुछ सदस्यों से मुलाकात हुई और वह पार्टी की स्थापना के समय ही शामिल हो गई।
ऐसे शुरू हुआ सफर।
अन्ना आंदोलन के बाद जब दिल्ली में बड़ा सियासी उलटफेर हो रहा था और अरविंद केजरीवाल चर्चाओं में थे इसमें भी आतिशी की अहम भूमिका की आतिशी 2013 के विधानसभा चुनाव के पार्टी के घोषणा पत्र समिति के प्रमुख सदस्य थी उन्होंने पार्टी के गठन के शुरुआती दौर में इसकी नीतियों को आकार देने में अहम भूमिका निभाई थी इसके अलावा आतिशी ने पार्टी प्रवक्ता के तौर पर दम ख़म से पक्ष रखा केजरीवाल की तरह वह मनीष सिसोदिया की भी करीबी है।
जल सत्याग्रह ने दिलाई नई पहचान।
आतिशी ने 2015 में मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में जल सत्याग्रह किया था जिससे उन्हें एक नई पहचान मिली थी इस दौरान उनके कई वीडियो वायरल हुए थे जिसमें वह तत्कालीन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ मुखर यह विरोध प्रदर्शन के साथ-साथ कानूनी लड़ाई के दौरान भी एक्टिव रही।
2019 में लड़ा पहला चुनाव।
2019 आते आते आतिशी दिल्ली का जाना माना चेहरा बन गई थी उन्होंने पहला चुनाव भी इसी साल लड़ी. पूर्वी दिल्ली से आप ( AAP) ने उन्हें लोकसभा का टिकट दिया लेकिन गौतम गंभीर के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
2020 में बनी विधायक।
साल 2020 में आतिशी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई कालकाजी सीट से उन्होंने चुनाव लड़ा और भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी को हरा दिया इस जीत के बाद आतिशी का सियासी ग्राफ तूफान पर आ गया 2020 के चुनाव के बाद में आम आदमी पार्टी की गोवा इकाई का प्रभारी बनाया गया।
अरविंद केजरीवाल जेल गए और…..
कथित शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल जब जेल गए तो आतिशी की सियासत को नई पहचान मिली सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल के जेल में रहने के दौरान यह तय हो गया था कि आतिशी अब दिल्ली में तीसरे नंबर की नेता है इसके बाद अरविंद केजरीवाल जब जेल से बाहर आए तो उन्होंने अचानक अपने इस्तीफा का ऐलान कर दिया अटकले लगाई जाने लगी कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा कई नाम रेस में माने जा रहे थे लेकिन विधायक दल की बैठक में अरविंद केजरीवाल ने आतिशी के नाम का ऐलान कर दिया।