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Dabba Trading: डब्बा ट्रेडिंग की हुई वापसी, 100 लाख करोड़ रुपये रोजाना पहुंचा वॉल्यूम!

Dabba Trading: एक अनुमान के मुताबिक डब्बा ट्रेडिंग का रोजाना वॉल्यूम 100 लाख करोड़ रुपये तक जा पहुंचा है जो भारतीय शेयर बाजार के वायदा कारोबार के कुल वॉल्यूम का 20 फीसदी के बराबर है.

Dabba Trading: शेयर बाजार का अनियमित पहलू

डब्बा ट्रेडिंग (Dabba Trading) एक गैरकानूनी प्रथा है, जो फिर से शेयर बाजार में उभर रही है। शेयर बाजार में बढ़ती अस्थिरता और फ्यूचर एंड ऑप्शंस (Future & Options) पर सख्त सेबी (SEBI) नियमों के चलते कई ट्रेडर्स डब्बा ट्रेडिंग का रुख कर रहे हैं।

बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, डब्बा ट्रेडिंग का दैनिक वॉल्यूम लगभग ₹100 लाख करोड़ होने का अनुमान है, जो फ्यूचर एंड ऑप्शंस मार्केट के कुल वॉल्यूम का 20% है।


डब्बा ट्रेडिंग: क्या है और क्यों लोकप्रिय है?

  1. कोई टैक्स या फीस नहीं
    • डब्बा ट्रेडिंग में कोई टैक्स, फीस या मार्जिन मनी की आवश्यकता नहीं होती।
    • कागजी कार्रवाई की जरूरत नहीं है, जिससे यह अधिक सुविधाजनक लगता है।
    • लॉट साइज छोटे होते हैं, और एंट्री बैरियर बेहद कम है।
  2. सॉफ्टवेयर और ऐप्स की मदद
    • डब्बा ट्रेडिंग के लिए खास सॉफ्टवेयर और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध हैं।
    • गूगल पर डब्बा ट्रेडिंग ऐप सर्च करने पर कई विकल्प मिलते हैं।
  3. कैसे काम करती है डब्बा ट्रेडिंग?
    • इसमें कोई स्टॉक एक्सचेंज शामिल नहीं होता।
    • ब्रोकर, खरीदने और बेचने वालों को जोड़ता है और कमीशन लेता है।
    • निवेशक स्टॉक की कीमतों के उतार-चढ़ाव पर दांव लगाते हैं।

डब्बा ट्रेडिंग के जोखिम और खतरें

  1. निवेशकों के लिए जोखिम
    • डब्बा ट्रेडिंग में निवेशकों को नुकसान होने पर कोई शिकायत दर्ज करने की सुविधा नहीं है।
    • अगर ब्रोकर भाग जाता है, तो निवेशकों का पैसा डूब जाता है।
  2. रेगुलेटरी चिंताएं
    • सेबी के अनुसार, डब्बा ट्रेडिंग गैरकानूनी है क्योंकि यह स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से नहीं होती।
    • इससे सरकारी राजस्व का नुकसान होता है और निवेशक धोखाधड़ी के शिकार बन सकते हैं।
  3. कानूनी परिणाम
    • सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट 1956 के तहत डब्बा ट्रेडिंग पर प्रतिबंध है।
    • दोषी पाए जाने पर 10 साल की सजा और ₹25 करोड़ तक की पेनल्टी का प्रावधान है।

डब्बा ट्रेडिंग का बढ़ता प्रभाव

  1. फ्यूचर एंड ऑप्शंस पर प्रभाव
    • सेबी के सख्त नियमों के चलते फ्यूचर एंड ऑप्शंस में वॉल्यूम लगभग 40% तक घटने का अनुमान है।
    • ट्रेडर्स अब डब्बा ट्रेडिंग के साथ गेमिंग प्लेटफॉर्म्स और कमोडिटी ट्रेडिंग में शिफ्ट हो रहे हैं।
  2. सोने-चांदी पर टैक्स कटौती का सुझाव
    • विशेषज्ञों का कहना है कि सोने और चांदी जैसे निवेशों पर टैक्स घटाने से डब्बा ट्रेडिंग पर लगाम लग सकती है।

डब्बा ट्रेडिंग के प्रति निवेशकों की सोच

  1. फौरन मुनाफे का लालच
    • चेतन शेनॉय (आनंद राठी वेल्थ) के अनुसार, लोग तेज मुनाफे के लालच में इस गैरकानूनी पद्धति की ओर आकर्षित होते हैं।
    • छोटे निवेशक, जो फ्यूचर एंड ऑप्शंस में ट्रेडिंग नहीं कर सकते, अक्सर डब्बा ट्रेडिंग चुनते हैं
  2. जानकारी होने के बावजूद जोखिम उठाना
    • उमेश केडिया (केडिया फिनकॉर्प) ने बताया कि निवेशक डब्बा ट्रेडिंग के खतरों को जानते हुए भी इसमें निवेश करते हैं।
    • कई बार, भारी नुकसान होने पर भी उन्हें कानूनी मदद नहीं मिलती

निष्कर्ष

डब्बा ट्रेडिंग का आकर्षण कम निवेश और तेज मुनाफे में है, लेकिन इसके जोखिम और कानूनी खतरों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सेबी और अन्य रेगुलेटरी संस्थाएं लगातार इस पर कार्रवाई कर रही हैं, लेकिन निवेशकों को भी सतर्क रहना होगा।

सरकार को टैक्स सुधार और निवेश के बेहतर विकल्प प्रदान करके इस गैरकानूनी प्रथा को रोकने की दिशा में कदम उठाने चाहिए। निवेशकों को हमेशा सुरक्षित और कानूनी तरीके से ट्रेडिंग करनी चाहिए।

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Tausif Khan

तौसीफ खान, BH24 News की डिजिटल टीम के साथ बतौर रिपोर्टर जुड़े हुए हैं. BH24 News द्वारा दी गई सूचनाएँ केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं। हम किसी भी जानकारी की सटीकता, पूर्णता या समय पर होने की गारंटी नहीं देते। किसी भी निर्णय लेने से पहले कृपया स्वयं सत्यापन करें और आवश्यकतानुसार विशेषज्ञ सलाह लें। BH24 News के माध्यम से प्रदान की गई जानकारी के उपयोग से उत्पन्न होने वाली किसी भी प्रकार की हानि के लिए हम उत्तरदायी नहीं होंगे।

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