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Cancer In Youth:भारतीय युवाओं में तेजी से बढ़ रहे कैंसर के मामले: क्या है बचाव के उपाय?

कैंसर, एक घातक बीमारी, जो पहले बुजुर्गों में आम थी, अब युवाओं में भी तेजी से फैल रही है। 2023 के शोध से पता चला कि भारत में ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं, और 50 से कम उम्र के लोगों में कैंसर के नए मामलों में 79% की वृद्धि हुई है।

युवाओं में कैंसर का कारण:Cancer In Youth

विशेषज्ञों के अनुसार, युवाओं में कैंसर के बढ़ते मामलों का प्रमुख कारण अस्वास्थ्यकर खानपान, बिगड़ी हुई जीवनशैली, और शराब-धूम्रपान की आदतें हैं। इसके अलावा, आनुवंशिक कारक भी इस समस्या में योगदान कर सकते हैं। मोटापा और अत्यधिक वजन भी कैंसर के जोखिम को बढ़ाते हैं। धूप में अत्यधिक समय बिताना भी त्वचा कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है। इन सभी कारणों से बचाव के लिए संतुलित आहार, स्वस्थ जीवनशैली, और नियमित चिकित्सीय सलाह की आवश्यकता होती है।

लाइफस्टाइल

आधुनिक जीवनशैली युवाओं में कैंसर के बढ़ते मामलों की एक प्रमुख वजह बन रही है। आजकल का तेजी से बदलता जीवन, अस्वास्थ्यकर खानपान, शारीरिक गतिविधियों की कमी, और तनाव भरे माहौल ने कैंसर का जोखिम बढ़ा दिया है। मोटापा, स्मोकिंग, और अत्यधिक शराब का सेवन इस जोखिम को और बढ़ाते हैं। प्रोसेस्ड फूड, रेड मीट और पोषण की कमी से कोलोन कैंसर और अन्य प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ता है। इसलिए, कैंसर के खतरे को कम करने के लिए एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाना अत्यंत आवश्यक है, जिसमें संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और हानिकारक आदतों से बचाव शामिल है।

आनुवांशिक कारण

आनुवांशिक कारण युवाओं में कैंसर के बढ़ते मामलों का एक महत्वपूर्ण पहलू हैं। अगर परिवार में किसी को कैंसर रहा है, तो अगली पीढ़ी में कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। लगभग 5-10% कैंसर के मामलों का संबंध आनुवांशिक परिवर्तनों से होता है जो माता-पिता से संतानों में आते हैं। ये आनुवांशिक म्यूटेशन शरीर की कोशिकाओं के सामान्य कामकाज में गड़बड़ी पैदा करते हैं, जिससे कैंसर विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है। आनुवांशिक टेस्टिंग और नियमित चिकित्सा जाँच से इन संभावित जोखिमों को पहचाना जा सकता है, जिससे समय पर निदान और रोकथाम संभव हो सके।

पोषण की कमी

युवाओं में कैंसर के बढ़ते मामलों में पोषण की कमी एक गंभीर चिंता का विषय है। आधुनिक जीवनशैली और फास्ट फूड की ओर बढ़ते झुकाव के कारण, संतुलित आहार की अनदेखी हो रही है। पोषक तत्वों की कमी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करती है और कोशिकाओं के सामान्य विकास में बाधा डालती है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। विटामिन, मिनरल्स, फाइबर, और एंटीऑक्सिडेंट्स की कमी से शरीर को सही पोषण नहीं मिल पाता, जो कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए, ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना आवश्यक है ताकि शरीर को आवश्यक पोषण मिल सके और कैंसर का खतरा कम किया जा सके

बचाव के उपाय

कैंसर से बचाव के उपाय में सबसे महत्वपूर्ण हैं स्वस्थ जीवनशैली अपनाना। नियमित व्यायाम करना, स्वस्थ आहार लेना, स्मोकिंग और एल्कोहल से दूर रहना, और नियमित स्क्रीनिंग के माध्यम से कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है।

स्वास्थ्यवर्धक आहार

स्वास्थ्यवर्धक आहार न

 केवल शरीर को पोषण प्रदान करता है बल्कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के खतरे को भी कम करता है। संतुलित आहार में फल, सब्जियां, साबुत अनाज, नट्स, और प्रोटीन का समावेश होना चाहिए, जो एंटीऑक्सिडेंट्स और फाइबर से भरपूर होते हैं। ये तत्व शरीर में मुक्त कणों (फ्री रेडिकल्स) के नुकसान को कम करते हैं और सेल डैमेज को रोकते हैं, जिससे कैंसर का खतरा कम होता है। अत्यधिक प्रोसेस्ड फूड, शर्करा, और रेड मीट से परहेज़ कर, और प्राकृतिक, पोषक तत्वों से भरपूर आहार अपनाकर शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत किया जा सकता है। इस तरह का आहार न केवल कैंसर बल्कि अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से भी बचाव में सहायक है, और एक स्वस्थ जीवन जीने की आधारशिला है।

नियमित एक्सरसाइज

नियमित एक्सरसाइज न केवल शारीरिक फिटनेस को बनाए रखती है बल्कि कैंसर के खतरे को भी कम करती है। रोज़ाना व्यायाम करने से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है और कोशिकाओं में स्वस्थ बदलाव होते हैं, जो कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ने में सहायक होते हैं। शारीरिक गतिविधियाँ, जैसे चलना, दौड़ना, तैरना, या योग, मोटापा कम करने और स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद करती हैं, जिससे ब्रेस्ट, कोलोन, और प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम को घटाने में योगदान मिलता है। एक्सरसाइज न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाती है, तनाव को कम करती है और समग्र जीवन गुणवत्ता को बढ़ाती है। इसलिए, रोज़मर्रा की दिनचर्या में नियमित व्यायाम को शामिल करना एक स्वस्थ और लंबा जीवन जीने का एक प्रभावी तरीका है।

स्मोकिंग और एल्कोहल से बचाव

स्मोकिंग और एल्कोहल का सेवन कैंसर के प्रमुख कारणों में से हैं, और इनसे बचाव करके इस गंभीर बीमारी के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है। तंबाकू के धुएं में मौजूद हानिकारक रसायन फेफड़ों, मुंह, गले और कई अन्य अंगों के कैंसर का कारण बनते हैं। इसी प्रकार, अत्यधिक एल्कोहल का सेवन लिवर, ब्रेस्ट, और कोलोन कैंसर का खतरा बढ़ाता है। इसलिए, स्मोकिंग और एल्कोहल का त्याग या सीमित उपयोग न केवल कैंसर से बचाव करता है, बल्कि हृदय रोग और लिवर संबंधी समस्याओं के जोखिम को भी घटाता है। इन आदतों से बचने से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि मानसिक संतुलन और जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर होती है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर, जिसमें इन हानिकारक आदतों से दूर रहना शामिल है, कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है।

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