Byjus Net worth News: बयजूस के संस्थापक बैजू रविंद्र ने गुरुवार को कहा कि बीजू’एस के तीन प्रमुख निवेशकों प्रोसस,पिक XV पैटर्नस और चैन जोकरबर्ग इन्वेस्टिव का 2023 में एक ही समय में बोर्ड सीट पर देना संकट भरे एडटेक फर्म के लिए सबसे बड़ा झटका था जिस कंपनी के लिए फंड जुटाना संभव हो गया।
कोई भी कंपनी कैसे अर्थ से फर्श पर आ जाती है इसका सबसे बड़ा उदाहरण एडिटिंग कंपनी बयजूस है लंबे समय से कंपनी आर्थिक परेशानियों से जूझ रही थी कंपनी के पास कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए भी पैसे नहीं थे आलम यह है कि अब कंपनी नेटवर्क यानी कीमत 0 हो चुकी है बयजूस के फाउंडर रविंद्र ने खुद यह बात कही और बताया कि कैसे कंपनी अर्स से फर्श पर आ गई।
बयजूस के संस्थापक बैजू रविंद्र ने गुरुवार को बताया कि उनके तीन निवेशको ने अपना हाथ पीछे खींच लेने और एक साथ बोर्ड से इस्तीफा देने के बाद कंपनी को बड़ा झटका लगा है जिसे कंपनी के लिए जुटाना संभव हो गया एक वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बदलाव के प्रति आशावादी लगाते हुए उन्होंने कहा कि आज बयजूस की कीमत शून्य है।
22 अरब डॉलर से 0 हुई कंपनी की वैल्यू।
उन्होंने कहा की प्रक्रिया जैसे निवेशकों ने एक समय में सबसे वैल्यूएशन भारतीय स्टार्टअप में अपने निवेश को खत्म कर दिया है रविंद्र ने कहा कि निवेशकों ने बयजूस को बस से खाई में धकेल दिया अगर अभी इस्तीफा देने की जगह बदलाव या पुनर्गठन के लिए वोट की योजना बनाएं होते तो कंपनी की हालत आज ऐसी नहीं होती।
3 साल में बर्बाद हुई कंपनी।
रविंद्र ने कहा कि बयजूस कंपनी को लेकर कोई धोखाधड़ी नहीं है अगर ऐसा कुछ किया होता तो कंपनी से सबसे पहले पैसा फाउंडर रविंद्र निकलते हैं लेकिन हमने ऐसा नहीं किया बल्कि हमने और पैसा लगाया रविंद्र ने कहा कि अमेरिकी कर्ज बताओ की ओर से 1.2 अरब डॉलर का टर्म लोन खतरनाक साबित हुआ इसका उपयोग कंपनी के ग्रंथ पर ही खर्च किया गया लेकिन अब बीसीसीआई से डील के बाद अमेरिकी कर्ज दाताओं से विवाद बढ़ गया और उन्होंने लोन और ब्याज चुकाने का आदेश दे दिया जिसके बाद ही निवेशकों ने भी कंपनी एक के बाद एक करके छोड़ दी इसके बाद कंपनी की हालत खराब होती चली गई और 3 साल के अंदर ही कंपनी पूरी तरह से बर्बाद हो गई।
राइट्स इशू को लेकर निवेशकों से विवाद।
नगदी संकट के बीच बयजूस ने राइट्स इश्यू पेश किया था और इसे लेकर उसके निवेशकों ने मिस मैनेजमेंट का आरोप लगाते हुए एक याचिका में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल तैयार की थी कंपनी के कर निवेशकों जनरल अटलांटिक, सोफाइना और पिक XV नेगी बयजूस के 22 अरब डॉलर के हाई से 99 कम की वैल्यूएशन पर राइट्स इश्यू पर रोक लगाने की मांग की थी।
2011 में शुरू हुई थी कंपनी।
बयजूस की स्थापना 2011 में वायु रविंद्र और उनकी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ ने की थी देखते ही देखते बयजूस एक लर्निंग एप के तौर पर मशहूर हो गई रविंद्र ने खुद इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है उसके बाद उन्होंने 2006 में छात्रों को गणित की कोचिंग देनी शुरू की थी साल 2015 में बयजूस लर्निंग एप लांच किया है यह स्टार्टअप अगले 4 साल में यूनिकॉर्न हो गया सबसे बड़ी छल कोरोना कल में जब स्कूल और कोचिंग बंद हुए तब देखने को मिली थी साल 2022 तक यह कंपनी 22 अरब डॉलर की कंपनी थी लेकिन अब इसकी वेल्थ 0 है।
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