Bihar Flood News कोसी नदी: बाढ़ का खतरा और प्रशासन की चेतावनी
कोसी नदी की तेज धारा ने बाढ़ का गंभीर खतरा पैदा कर दिया है। प्रशासन ने चेतावनी जारी की है, और बढ़ते जल प्रवाह को देखते हुए सभी जिलों में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। शनिवार सुबह 6 बजे तक कोसी का जल स्तर 3,36,010 क्यूसेक तक पहुंच गया था, और यह आगे 6,81,000 क्यूसेक तक जा सकता है। यह स्थिति बाढ़ के गंभीर संकेत देती है।
लोगों को दी गई चेतावनी
कोसी बैराज से लगातार बढ़ते डिस्चार्ज के कारण जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमों ने तटबंधों पर रातभर निगरानी रखी। आसपास के गांवों में भी चेतावनी जारी की गई है, ताकि लोग समय रहते सुरक्षित स्थानों पर जा सकें। सभी अधिकारी सतर्क हैं और तटबंधों पर कैंप लगाकर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
प्रशासन की टीम कर रही है निगरानी
जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीम लगातार कोसी के बढ़ते जल स्तर पर नजर रख रही है। हालांकि फिलहाल ईस्टर्न और वेस्टर्न कोसी मेन कैनाल में कोई डिस्चार्ज नहीं है, लेकिन मुख्य धारा में बढ़ता प्रवाह कभी भी स्थिति को गंभीर बना सकता है।
जल संसाधन विभाग का अलर्ट
जल संसाधन विभाग ने भी चेतावनी जारी की है, खासकर नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के कारण। सीमावर्ती जिलों में कई नदियां खतरे के निशान के करीब पहुंच चुकी हैं। विभाग ने अभियंताओं को सतर्क रहने और तटबंधों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है, खासकर नेपाल के तराई क्षेत्रों और कोसी-सीमांचल में हो रही भारी बारिश के कारण। कोसी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, और इससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। जल संसाधन विभाग ने कोसी-सीमांचल और भागलपुर जिले को अलर्ट किया है, और सुपौल के डीएम ने जिले में हाई अलर्ट जारी किया है। लोगों को ऊंचे स्थानों पर शरण लेने की अपील की गई है।
कोसी बराज से डिस्चार्ज का रिकॉर्ड
कोसी बराज से पानी का डिस्चार्ज रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की संभावना है। 56 साल में पहली बार इतना बड़ा डिस्चार्ज हो सकता है। शनिवार को कोसी का डिस्चार्ज 7 लाख क्यूसेक तक पहुंच सकता है, जो बाढ़ की स्थिति को और बिगाड़ सकता है। वीरपुर स्थित कोसी बराज के सभी 56 फाटक खोल दिए गए हैं, और भारी मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है।
प्रभावित इलाकों में बढ़ता खतरा
सुपौल, वीरपुर और बराह क्षेत्र में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। कोसी बराज पर सुबह 9 बजे तक 4 लाख 49 हजार 680 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया था। अगर जलस्तर इसी प्रकार बढ़ता रहा, तो तटबंध के अंदर बसे इलाकों में भारी तबाही हो सकती है। प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है, लेकिन लोगों का सुरक्षित स्थानों पर न जाना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।
इस बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रशासन ने लोगों से सावधानी बरतने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है।