American President Election : अमेरिका के 50 राज्य तीन रंगों में बंटे हुए हैं जिन्हे रेट स्टेट्स , ब्लू स्टेट्स और पर्पल स्टेट्स के नाम से जाना जाता है जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है रेड स्टेट्स ऐसे राज्य है जहां रिपब्लिक पार्टी का बोलबाला है इन राज्यों में 1980 से ही रिपब्लिक पार्टी जीतती आई है।
अमेरिकी राजनीति में रंगों का विशेष महत्व है देश की दो प्रमुख राजनीतिक पार्टियों में से नीला रंग डेमोक्रेटिक को जबकि लाल रंग रिपब्लिक पार्टी को दर्शाता है लेकिन अमेरिकी राजनीति में पर्पल रंग का भी अपना स्थान है।
अमेरिका के 50 राज्य तीन रंगों में बैठे हुए हैं जिन्हें रेड स्टेट्स ब्लू स्टेट्स और पर्पल स्टेट्स के नाम से जाना जाता है जैसे कि नाम से ही स्पष्ट है रेड स्टेट्स ऐसे राज्य है जहां रिपब्लिक पार्टी का बोलबाला है इन राज्यों में 1980 से ही रिपब्लिक पार्टी जीत थी आई है रिपब्लिक पार्टी का झंडा भी लाल रंग का ही है ट्रंप को अनुमारन आप कई मौके पर लाल टोपी में देख सकते हैं वही ब्लू स्टेट ऐसे राज्य है जहां डेमोक्रेटिक का वर्चस्व है और 1992 से यहां डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जीते रहे हैं जबकि तीसरे पर्पल स्टेट है जिन्हें स्विंग स्टेट भी कहा जाता है।
पर्पल यानी स्विंग स्टेट्स कितने अलग है।
स्विंग स्टेट्स ऐसे राज्य हैं जहां ना तो पब्लिक और ना ही डेमोक्रेटिक पार्टी का वर्चस्व है यहां चुनावी नतीजे हमेशा चौंकाने वाले रहते हैं यहां चुनाव में दोनों पार्टियों के उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर रहती है और चुनाव में यहां से कौन बाजी मारेगी इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल होता है व्हाइट हाउस का रास्ता इन्हीं राज्यों के से जीत होता है।
चुनावी प्रचार के आखिरी दौर में दोनों पार्टियों की उम्मीदवारों का जोर इन्हीं राज्यों पर अधिक होता है लेकिन स्विंग स्टेट्स को पर्पल स्टेट का रंग इसलिए दिया गया है क्योंकि नीले और लाल दोनों रंगों को मिलाकर पर्पल रंग बनता है चुनावी लिए आज से इसके माने कि यहां कोई भी जीत सकता है।
स्विंग स्टेट्स में कितने इलेक्टोरल कॉलेज वोट।
पेंसिल्वेनिया 19
जॉर्जिया 16
नॉर्थ कैरोलिना 16
मिशीगन 15
एरीजोना 11
विसकोंसिन 10
नेवादा 6
स्विंग स्टेट्स में हैरिस और ट्रक में किसका पलड़ा भारी।
ताजा सर्वे में अमेरिका के इन सात स्विंग स्टेट में कैमरा हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है लेकिन पेंसिल्वेनिया और जार्जिया , एरिजिनल में ट्रंप को मामूली बढ़त है जबकि मिशीगन विसकोंसिन और नेवादा में कमला हैरिस को मामूली बढ़त मिलती दिखाई दे रही है ऐसे में मुकाबला कांटे की टक्कर का है।
क्या होता है इलेक्टोलर कॉलेज।
इलेक्टरल कॉलेज दरअसल व निकाय है जो राष्ट्रपति को चुनता है इसे आसान भाषा में कुछ यूं समझें कि आम जनता राष्ट्रपति चुनाव में ऐसे लोगों को वोट देते हैं जो इलेक्टोलर कॉलेज बनाते हैं और उनका काम देश के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को चुना है नवंबर के पहले सप्ताह में मंगलवार को वोटिंग उन मतदाताओं के लिए होती है जो राष्ट्रपति को चुनते हैं यह इलेक्ट्रोंस निर्वाचित होने के बाद दिसंबर महीने में अपने-अपने राज्य में एक जगह इकट्ठा होते हैं और राष्ट्रपति के चुनाव के लिए वोट करते हैं।
कैसे तय होता है राष्ट्रपति।
अमेरिका का राष्ट्रपति का चुनाव एक अप्रत्यक्ष प्रक्रिया है जिसमें सभी राज्यों के नागरिक इलेक्टोरल कॉलेज के कुछ सदस्यों के लिए वोट करते हैं इन राज्यों को इलेक्टोलर कहा जाता है या इलेक्टर्स इसके बाद प्रतिश वोट डालते हैं जिन्हें इलेक्टोरल वोट कहा जाता है इनको वोट अमेरिका के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के लिए होते हैं ऐसे उम्मीदवार जी ने इलेक्टोलर वोट्स में बहुमत मिलता है राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के लिए चुने जाते हैं।
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