Jammu Kashmir Assembly Election 2024:- मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने अपने जम्मू-कश्मीर दौरे के दौरान वहां की सुरक्षा तैयारियों का जायजा लिया। इस दौरे के दौरान उन्होंने राजनीतिक दलों के साथ भी बैठक की, जिसमें चुनाव संबंधी मुद्दों पर चर्चा की गई।
जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर चुनाव आयोग की टीम दो दिन के दौरे पर है। शुक्रवार, 9 अगस्त 2024 को मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति और चुनाव संबंधी तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि जम्हूरियत को आगे बढ़ाने और चुनाव कराने का समय आ गया है और कोई भी ताकत चुनाव में गड़बड़ी पैदा नहीं कर सकती।
राजीव कुमार ने कहा, “लोकसभा चुनाव के बाद अमरनाथ यात्रा शुरू हुई। हम जम्मू-कश्मीर यह जानने के लिए आए हैं कि कब चुनाव कराया जाए। युवाओं और महिलाओं ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बढ़-चढ़कर भाग लिया है। अब हमें इसे पार करने की चुनौती है, नई मंजिल और नया आसमान पाना है। कोई भी अंदरूनी या बाहरी ताकत अगर यह सोचती है कि वह चुनाव में गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं, तो वह ऐसा नहीं कर सकते। हम जल्द से जल्द चुनाव कराने के लिए तत्पर हैं।”
सभी राजनीतिक दलों को मिलेगी बराबर की सुरक्षा
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, “हमने प्रदेश में कुल 9 राजनीतिक दलों से बात की। उन्होंने सुरक्षा का मुद्दा उठाया और मांग की कि सभी राजनीतिक दलों को बराबर की सुरक्षा मिलनी चाहिए। राजनीतिक दलों ने मांग की कि प्रदेश में पुलिस स्टेशन 2 किलोमीटर के दायरे में स्थापित किए जाएं। हमने जो दिशा-निर्देश जारी किए हैं, उनमें नशे का उपयोग एक चिंता का विषय है। कोड ऑफ कंडक्ट लागू होने के बाद नशे के व्यापार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।”
सभी पोलिंग बूथ पर 24 घंटे सीसीटीवी कवरेज
राजनीतिक दलों की मांग के अनुसार, सभी पोलिंग बूथ पर 24 घंटे सीसीटीवी कवरेज रहेगी। चुनाव के समय फेक खबरें एक बड़ा मुद्दा होती हैं। इससे निपटने की तैयारी हो चुकी है। चुनाव के समय फेक न्यूज, निगेटिव नेरेटिव बनाने का कारोबार चलेगा, उससे निपटने के लिए हर जिले में निर्देश दिए गए हैं कि अगर कोई झूठी खबर चलाई जाती है, तो जिला प्रशासन पहले रिस्पांडर होगा और यह बताएगा कि खबर गलत है। सिक्योरिटी कवर के बारे में हमने स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए हैं कि सबके लिए समान अवसर हो।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, “जो भी मैदान रैली के लिए चयनित किए जाएंगे, उन्हें फर्स्ट कम फर्स्ट सर्व बेसिस पर दिया जाएगा। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विधानसभा की 90 सीटें हैं, जिनमें से 74 सीटें सामान्य वर्ग की हैं, 7 सीटें एससी वर्ग की हैं और पहली बार 9 सीटें एसटी वर्ग के लिए आरक्षित की गई हैं।
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