NEWS

Swiggy Zomato Platform Fees Hike: स्विग्गी और जोमैटो ने ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए प्लेटफ़ॉर्म फीस को 6 रुपये बढ़ाया।

Swiggy Zomato Platform Fees Hike: दोनों ऐप्स पर अब ग्राहकों को हर ऑर्डर पर 6 रुपये अलग से देने होंगे, जो पहले 5 रुपये थे, इसमें 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।

Swiggy Zomato Platform Fees Hike: ये प्लेटफार्म फीस बेंगलुरु और दिल्ली में लागू किया गया है। और ये चार्जेस बाकी सभी चार्ज से अलग हैं जिसमे डिलीवरी चार्जेस, गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स, रेस्टोरेंट चार्ज, हैंडलिंग चार्ज आदि अलग से आते हैं। यह हर ऑर्डर पर लगता है, भले ही ग्राहक स्विग्गी और जोमैटो के विभिन्न लॉयल्टी/मेंबरशिप प्रोग्राम्स के अंदर ही क्यूं ना आते हों। यह चार्जेस सीधे कंपनी के पास जाता है, जिससे लागतों पर नियंत्रण होता है और रेवेन्यू ज्यादा आता है।

उम्मीद की जा रही है कि यह एक्स्ट्रा चार्जेस धीरे-धीरे पूरे देश में लागू किया जाएगा। हालांकि हर एक ऑर्डर पर 1 रुपये की बढ़ोतरी हो सकता है ग्राहकों के लिए कोई बड़ी बात न हो। लेकिन जोमैटो, जिसके पास हर रोज़ लगभग 22-25 लाख ऑर्डर आते हैं उसके लिए ये हर दिन के हिसाब से ऑर्डर से अलग 25 लाख रुपये की आय होगी। कुल मिलाकर, फूड-डिलीवरी कंपनियाँ प्लेटफ़ॉर्म शुल्क लगाकर प्रति दिन अतिरिक्त 1.25-1.5 करोड़ रुपये की आय कर सकती हैं।

स्विग्गी ने सबसे पहले प्लेटफ़ॉर्म शुल्क लेना शुरू किया था अप्रैल 2023 में जब 2 रुपये का प्लेटफ़ॉर्म शुल्क होता था, जैसा कि मनीकंट्रोल ने रिपोर्ट किया था। जोमैटो ने अगस्त में प्लेटफार्म शुल्क लगाना शुरू किया था। तब से, स्विग्गी और जोमैटो दोनो ही ऑपोनेंट्स ने शुल्क बढ़ा दिया है। क्योंकि ग्राहकों ने कम्पनी के इस कदम पर कोई नकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दिखाई। जिसके बाद से ऑर्डर वॉल्यूम्स में कोई कमी नहीं आई।

पीक हॉर्स में, जोमैटो ने हर एक ऑर्डर पर 9 रुपये तक प्लेटफ़ॉर्म फीस वसूली थी। स्विग्गी ने भी बेंगलुरु, दिल्ली, हैदराबाद और अन्य शहरों में कुछ क्सटमर्स के लिए 10 रुपये का परीक्षण किया, जैसा कि पहले रिपोर्ट किया गया था।

यह बढ़त तब दर्ज़ की गई है जब स्विग्गी को तरफ़ से कहा गया था की प्लेटफ़ॉर्म फ़ीस को अर्जेंटली बढ़ाने की कोई योजना नहीं बनाई जा रही है। विश्लेषन कर्ताओं का कहना था कि कंपनी की तरफ से शुल्क को तब तक बढ़ाया जाएगा जब तक कि ग्राहकों की ओर से कोई विरोध या ऑडर्स में कोई कमी नहीं आ जाती है।

तेजी से डिलीवरी करने वाली कंपनियाँ भी ऐसा कर रही हैं

स्विग्गी और जोमैटो ने प्लेटफ़ॉर्म शुल्क को फूड डिलीवरी तक ही सीमित रखा है और इसे अपने quick commerce businesses इंस्टामार्ट और ब्लिंकिट में एक्सटेंड नहीं किया है।

मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, स्विगी- जोमेटो के कंपीटीटर ज़ेप्टो ने प्लेटफॉर्म फीस को लेना मार्च में शुरू किया गया था।
बात करें, ज़ेप्टो की तो वो हर रोज लगभग 5.5 लाख ऑर्डर्स को डिलीवर करता है जो 2 रुपये का प्लेटफ़ॉर्म शुल्क प्रतिदिन के हिसाब से 11 लाख रुपये की अतिरिक्त आय में बदल जाता है।

ज़ेप्टो इस क्षेत्र में एकमात्र प्योर इंस्टेंट कॉमर्स कंपनी है, जबकि स्विग्गी और जोमैटो के पास उनके फूड डिलीवरी का supporting businesses है।

Also read this:  Puri Ratna Bhandar Officially Opened After 46 Years: 46 साल बाद पुरी में रत्न भंडार खोला गया…

Success Stories: राजेश मेहता जो सड़क से सीधे सोने के बाजार तक अपनी छाप छोड़ने में सफल रहे।

India’s population to peak in 2062: भारत की जनसंख्या 2062 तक होगी अपने चरम पर…

Assam Floods: काजीरंगा नेशनल पार्क में 159 वन्यजीवों की मौत, 9 गैंडे भी शामिल

 

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *