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Imsomnia Sleep Disorder : इन्सोमनिया डिसऑर्डर जिसमे होती है सोने में दिक़्क़त।

Imsomnia Sleep Disorder : इनसोम्निया एक सामान्य स्लीप डिसऑर्डर है जिसमें व्यक्ति को नींद आने में परेशानी होती है, नींद पूरी नहीं हो पाती, या फिर नींद की गुणवत्ता अच्छी नहीं होती।

 Imsomnia Sleep Disorder : अनिद्रा (इनसोम्निया) एक सामान्य स्लीप डिसऑर्डर है जिसमें व्यक्ति को नींद आने में परेशानी होती है, नींद पूरी नहीं हो पाती, या फिर नींद की गुणवत्ता अच्छी नहीं होती। यह समस्या किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकती है और उनके रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर बुरा असर डालता है। इस वेब पोस्ट में हम इनसोम्निया के लक्षण, कारण, उपचार के उपाय और इससे बचने की सावधानियों पर चर्चा करेंगे।

अनिद्रा के लक्षण

नींद आने में कठिनाई: व्यक्ति को सोने में परेशानी होती है, कई बार रातभर जागते रहना।

नींद पूरी न होना: बार-बार रात में नींद का खुलना और फिर से सोने में कठिनाई होना।

बीच बीच में नींद का उठना : रात में सोते हुए अचानक से जग जाना और बीच-बीच में उठना और फिर से सोने में दिक्कत होना।

दिन में थकान: दिन भर थका हुआ और लो एनर्जी फील करना।

फोकस करने में कठिनाई होना: काम में ध्यान लगाने में परेशानी और मेंटल पीस में कमी।

मूड स्विंग्स: चिड़चिड़ापन, उदासी और तनाव जैसे इमोशंस का लगातार महसूस होना।

अनिद्रा के कारण

स्ट्रेस और एंजाइटी: मानसिक तनाव और चिंता नींद को प्रभावित करती है।

अस्वास्थ्यकर नींद की आदतें: अनियमित सोने का समय, दिन में नींद लेना, और सोने से पहले कैफीन या अल्कोहल का सेवन।

शारीरिक समस्याएं: दर्द, अस्थमा, हृदय रोग, और अन्य शारीरिक बीमारियां।

मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं: डिप्रेशन और मेंटल डिसऑर्डर के चलते भी नींद प्रभित होती है।

दवाइयों का असर : कुछ दवाइयों का असर होता है की नींद आने में दिक्कत होती है।

पर्यावरणीय कारक: शोर, अत्यधिक रोशनी, और असुविधाजनक नींद का वातावरण।

उपचार के उपाय
रेगुलर स्लीप को फॉलो करें: रोजाना एक ही समय पर सोने और जागने की आदत डालें।

आरामदायक वातावरण: सोने के कमरे को शांत, अंधेरा और ठंडा रखें।

कैफीन और अल्कोहल से बचें: सोने से कम से कम 4-6 घंटे पहले कैफीन और अल्कोहल न पिएं।

टेक्नोलॉजिकल डिवाइसेज का इस्तेमाल जरूर के वक्त ही करें: सोने से पहले मोबाइल, कंप्यूटर और टीवी का उपयोग कम करें।

व्यायाम: एक्सरसाइज और योगा करने से भी हमारी नींद बेहतर होती है।

कंफर्टेबल रूटीन: सोने से पहले आरामदायक चीज़ें जैसे किताबें पढ़ना और नहा कर सोना।

सावधानियाँ
तनाव प्रबंधन: ध्यान, योग और गहरी साँस लेने की तकनीकों से तनाव को कम करें।

बैलेंस डाइट: स्वस्थ और संतुलित आहार लें जिससे शरीर को आवश्यक पोषक तत्व मिलें।

नियमित चिकित्सा जांच: किसी भी शारीरिक या मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए रेगुलर चेक अप करवाएं।
सोने से पहले डायरी लिखें: अपनी नींद की आदतों और पैटर्न को ट्रैक करें और डॉक्टर के साथ साझा करें।
नींद की गोलियों से बचें: डॉक्टर की सलाह के बिना नींद की गोलियों का सेवन न करें।

Conclusion 
इंसोमनिया एक गंभीर समस्या है जो व्यक्ति की ओवरऑल हेल्थ और लाइफ की प्रोडक्टिविटी को प्रभावित कर सकती है। ऐसे सिम्टम्स को पहचाने, कारणों को जानने की कोशिश करें, और जरूरत पढ़ने पर सही ट्रीटमेंट लें। हेल्थी लाइफस्टाइल, नियमित व्यायाम, और बैलेंस डाइट इस समस्या को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। अगर अनिद्रा के लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

 

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