Delhi Bihar Election Opinion 2025 : किसी भी चुनाव में नारे और वादे नतीजे पर सीधा असर डालते हैं ऐसे ही चुनावी नारे आजकल बिहार और दिल्ली की फिजाओं में घूम रहे हैं बिहार में नीतीश कुमार वापसी का दम भर रहे हैं तो दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने फिर से सत्ता में आने के लिए वादों की झड़ी लगा दी है।
नव वर्ष की शुरुआत के साथ थी दिल्ली और बिहार अब चुनावी साल में दाखिल हो चुके हैं राजधानी में अगले महीने विधानसभा चुनाव हो सकते हैं तो वहीं बिहार में अक्टूबर नवंबर तक इलेक्शन होने की संभावना है दोनों ही राज्यों में चुनाव के बीच सियासी जंग जोरदार रहने वाली है क्योंकि दिल्ली में बीजेपी तीन दशक का वनवास खत्म कर सत्ता में आना चाहती है वहीं बिहार में एनडीए के साथ खड़े नीतीश कुमार को कुर्सी से हटाना महागठबंधन के लिए अब बड़ी चुनौती साबित होगा. दोनों ही राज्यों में दो चुनावी नारे काफी जोर पकड़ रहे हैं लेकिन क्या इन नारों से निकले संदेश को जनता का सपोर्ट मिलेगा या नही।
बिहार का बाहुबली कौन।
बात अगर बिहार की हो तो नाम सिर्फ नीतीश कुमार का हो. हाल में जदयु के इस नारे से साफ है कि सत्ता में रहने का हर हुनर नीतीश कुमार बखूबी जानते हैं पाला बदल पॉलिटिक्स के महारथी कहे जाने वाले नीतीश अब तक आठ बार सूबे के मुख्यमंत्री बन चुके हैं और इस बार फिर से ताल ठोकने के लिए पूरी तरह से तैयार है बिहार में भाजपा भले ही जदयु से बड़ी पार्टी हो लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नीतीश कुमार ही काबिज है।
बिहार में हर चुनाव से पहले नीतीश के पाला बदलने के अटकलें लगाई जाती है और इस बार भी वैसा ही है हाल मैं डिप्टी मुख्यमंत्री विजय सिंह ने भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं से अपने दम पर सरकार बनाने का आवाहन किया तो जवाब में विपक्षी दल राजद ने भी नीतीश कुमार को फिर महागठबंधन का हिस्सा बनने का ऑफर दे डाला ऐसे में यदि उस सीटों के मामले में बीजेपी से भले ही 19 हो लेकिन नीतीश कुमार हमेशा चुनाव में चोबीस ही रहेंगे जदयू के इस नारे में नीतीश को बिहार का सबसे बड़ा नेता बताया गया है।
दिल्ली के दिल में क्या है।
ऐसे ही दिल्ली में एक दशक से अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी सत्ता में है आगे भी कुर्सी पर बने रहने के लिए अरविंद केजरीवाल की ओर से महिलाओं बुजुर्गों पर फोकस करके योजनाओं का ऐलान किया जा रहा है दिल्ली में फ्री बीज को लेकर आम आदमी पार्टी सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर रही है लेकिन केजरीवाल को यह फार्मूला काफी रास आया है यही वजह है कि पार्टी ने 70 विधानसभा सीटों वाली दिल्ली में दो बार 60 से ज्यादा सीटें हासिल की है।
हाल में लगे भ्रष्टाचार के आरोप के बाद अरविंद केजरीवाल को जेल भी जाना पड़ा यही नहीं मनीष सिसोदिया सत्येंद्र जैन संजय सिंह जैसे टॉप लीडर्स भी जेल जा चुके हैं केजरीवाल ने जमानत पर बाहर आकर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया और चुनाव में जाने से पहले आतिशी को दिल्ली का मुख्यमंत्री नियुक्त किया लेकिन वह पहले हिसाब कर चुकी है कि दिल्ली का चुनाव उनके ही नेतृत्व में लड़ा जाएगा साथ ही सत्ता में वापसी होने पर मुख्यमंत्री भी केजरीवाल ही बनेंगे।
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